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उड़ान योजना के 8 वर्ष

Mon 28 Apr, 2025

संदर्भ :

उड़ान योजना (उड़े देश का आम नागरिक) ने 27 अप्रैल 2025 को अपने 8 वर्ष पूरा किया।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • यह योजना 21 अक्टूबर 2016 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत शुरू की गई थी और पहली उड़ान 27 अप्रैल 2017 को शिमला और दिल्ली के बीच संचालित हुई थी।
  • योजना का उद्देश्‍य : देश के छोटे और दूरदराज के शहरों को किफायती हवाई यात्रा से जोड़ना है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़े और आम नागरिकों को हवाई यात्रा का लाभ मिले।
  • पिछले आठ वर्षों में उड़ान योजना ने देश में क्षेत्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़ाने और हवाई संपर्क को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • नोडल मंत्रालय : नागर विमानन मंत्रालय
  • कार्यान्वयन निकाय : भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

उपलब्धि :-

  • योजना के तहत अब तक 625 उड़ान मार्ग चालू किए गए हैं जो पूरे भारत में 90 हवाई अड्डों (2 जल हवाई अड्डों और 15 हेलीपोर्ट सहित) को जोड़ते हैं।
  • योजना के अंतर्गत 1.49 करोड़ से अधिक यात्री किफायती क्षेत्रीय हवाई यात्रा से लाभान्वित हुए हैं।
  • भारत का हवाई अड्डा नेटवर्क 2014 में 74 हवाई अड्डों से बढ़कर 2024 में 159 हवाई अड्डों तक पहुंच गया जो एक दशक में दोगुने से भी अधिक है।
  • वंचित एवं दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) के रूप में 4,023.37 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
  • उड़ान ने क्षेत्रीय पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और व्यापार को मजबूत किया जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला।

उड़ान योजना के घटक :

  • व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) : किफायती किराया सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइनों को वित्तीय सहायता।
  • वहनीयता सुनिश्चित करने के लिए हवाई किराये की सीमा निर्धारित की गई।
  • केंद्र, राज्य, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और निजी हवाईअड्डा संचालकों के बीच सहयोगात्मक शासन।

हितधारक प्रोत्साहन :

  • हवाई अड्डा संचालक: लैंडिंग, पार्किंग शुल्क माफी
  • राज्य सरकारें: ATF पर VAT 1% या कम करना, सुरक्षा सेवाएं प्रदान करना
  • केंद्र सरकार: मार्ग विकास में सहूलियत, करों में रियायतें

उड़ान योजना का विकास: प्रारंभ से विस्तार तक

उड़ान 1.0 (2017) :

  • शुरुआत: पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को (शिमला-दिल्ली) रवाना हुई।
  • कवरेज: 5 एयरलाइन संचालकों को 70 हवाई अड्डों के लिए 128 मार्ग आवंटित किये गये इनमें 36 नये हवाई अड्डे भी शामिल हैं।

उड़ान 2.0 (2018) :

  • इस योजना का विस्तार करके इसमें 73 कम जुड़ाव वाले और ऐसे क्षेत्र जिनसे जुड़ाव नहीं था उन हवाई अड्डों को शामिल किया गया
  • पहली बार हेलीपैड को भी उड़ान नेटवर्क से जोड़ा गया

उड़ान 3.0 (2019) :

  • पर्यटन मंत्रालय के समन्वय से पर्यटन मार्ग शुरू किए गए
  • जल हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए समुद्री विमान परिचालन को शामिल किया गया
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई मार्गों को इस योजना से जोड़ा गया

उड़ान 4.0 (2020) :

  • पहाड़ी क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों और द्वीप क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया
  • हेलीकॉप्टर और समुद्री विमान सेवा पर अधिक जोर दिया गया

उड़ान 5.0 और 5.5 (2024-25):

  • 50 से अधिक जल निकायों से सीप्लेन सेवाओं के लिए निविदाएँ
  • हेलीपैड, छोटे रनवे, दूरस्थ क्षेत्रों तक सेवा विस्तार

 

क्षेत्रीय संपर्क के प्रमुख नवाचार:

उड़ान यात्री कैफे:

  • कोलकाता और चेन्नई हवाई अड्डों पर किफायती कैफे शुरू किए गए हैं, जहां 10 रुपये में चाय और 20 रुपये में समोसा मिलता है।

समुद्री विमान सेवा:

  • 22 अगस्त, 2024 को क्षेत्रीय और दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए समुद्री विमान सेवा संचालन के दिशा-निर्देश जारी किए गए।

उड़ान पहल का नवीनीकरण:

  • मूल योजना की सफलता के आधार पर 120 नए गंतव्यों को जोड़ने और 4 करोड़ यात्रियों को किफायती हवाई यात्रा प्रदान करने का लक्ष्य है, विशेषकर दूरदराज क्षेत्रों के लिए।

कृषि उड़ान योजना:

  • यह योजना किसानों को लागत प्रभावी हवाई रसद सुविधा प्रदान करती है, जो 58 हवाई अड्डों को कवर करती है, खासकर पूर्वोत्तर और पहाड़ी क्षेत्रों में।

हवाई अड्डा अवसंरचना विकास:

  • अगले 5 वर्षों में 50 नए हवाई अड्डों का विकास किया जाएगा, जिसमें बिहार में नए हवाई अड्डे और पटना हवाई अड्डे का विस्तार शामिल है।

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