28 May, 2025
चीन में गैर-परमाणु हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण
Sat 26 Apr, 2025
संदर्भ :
- चीन ने मैग्नीशियम हाइड्राइड पर बेस्ड नॉन-न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया, यह नई हथियार तकनीक बिना परमाणु प्रोसेस के शक्तिशाली विस्फोट कर सकती है।
मुख्य बिन्दु :
- विकासकर्ता: चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन (CSSC) द्वारा विकसित।
- तकनीक: इसमें परमाणु सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है। यह मैग्नीशियम हाइड्राइड आधारित है, जो एक ठोस हाइड्रोजन भंडारण सामग्री है।
- प्रभाव: विस्फोट के समय शक्तिशाली आग का गोला बनता है, जो निरंतर 1,000°C से अधिक तापमान उत्पन्न कर सकता है।
- वजन: परीक्षण बम का वजन केवल 2 किलोग्राम है।
कार्यप्रणाली:
- विस्फोटक से विस्फोट कराने पर मैग्नीशियम हाइड्राइड टूटकर तेजी से हाइड्रोजन गैस छोड़ता है।
- हवा के संपर्क में आते ही यह गैस प्रज्वलित होकर भीषण आग का गोला बनाती है।
विशेषताएँ:
- कम न्यूनतम प्रज्वलन ऊर्जा के साथ तेजी से प्रज्वलन।
- लपटों का तीव्र विस्तार।
- परमाणु प्रतिक्रिया नहीं होने के कारण पारंपरिक परमाणु बम से अलग
परीक्षण परिणाम:
- डिवाइस ने 2 मीटर दूरी पर 428.43 किलोपास्कल दबाव उत्पन्न किया।
- यह बल टीएनटी विस्फोट के बल का लगभग 40% है।
- मुख्य लाभ: अत्यधिक तेज़ और निरंतर गर्मी उत्पन्न करने की क्षमता।
परमाणु बम बनाम हाइड्रोजन बम :
विशेषता | परमाणु बम (Atomic Bomb) | हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) |
कार्यप्रणाली | नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) पर आधारित। इसमें यूरेनियम या प्लूटोनियम के नाभिक फूटते हैं। | नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) पर आधारित। इसमें हाइड्रोजन के समस्थानिक (जैसे ड्यूटेरियम और ट्रिटियम) के नाभिक जुड़ते हैं। |
ऊर्जा उत्पादन | प्रति एकांक द्रव्यमान कम ऊर्जा उत्पन्न करता है। | विखंडन की तुलना में प्रति एकांक द्रव्यमान अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है। |
विनाशकारी क्षमता | बहुत शक्तिशाली, लेकिन हाइड्रोजन बम की तुलना में कम। | परमाणु बम से लगभग 1000 गुना अधिक विनाशकारी। |
इतिहास | द्वितीय विश्व युद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए। | पहला सफल परीक्षण 1952 में अमेरिका ने किया। |
आकार और उपयोग | अपेक्षाकृत बड़ा और भारी। | छोटा, हल्का और मिसाइलों में फिट किया जा सकता है। |
विशेषता | केवल विखंडन प्रक्रिया पर निर्भर। | विखंडन विस्फोट से संलयन प्रक्रिया शुरू होती है, जिससे अत्यधिक ऊर्जा निकलती है। |