चीन में गैर-परमाणु हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण
 
  • Mobile Menu
HOME BUY MAGAZINEnew course icon
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




चीन में गैर-परमाणु हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण

Sat 26 Apr, 2025

संदर्भ :

  • चीन ने मैग्नीशियम हाइड्राइड पर बेस्ड नॉन-न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया, यह नई हथियार तकनीक बिना परमाणु प्रोसेस के शक्तिशाली विस्फोट कर सकती है।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • विकासकर्ता: चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन (CSSC) द्वारा विकसित।
  • तकनीक: इसमें परमाणु सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है। यह मैग्नीशियम हाइड्राइड आधारित है, जो एक ठोस हाइड्रोजन भंडारण सामग्री है।
  • प्रभाव: विस्फोट के समय शक्तिशाली आग का गोला बनता है, जो निरंतर 1,000°C से अधिक तापमान उत्पन्न कर सकता है।
  • वजन: परीक्षण बम का वजन केवल 2 किलोग्राम है।

कार्यप्रणाली:

  • विस्फोटक से विस्फोट कराने पर मैग्नीशियम हाइड्राइड टूटकर तेजी से हाइड्रोजन गैस छोड़ता है।
  • हवा के संपर्क में आते ही यह गैस प्रज्वलित होकर भीषण आग का गोला बनाती है।

विशेषताएँ:

  • कम न्यूनतम प्रज्वलन ऊर्जा के साथ तेजी से प्रज्वलन।
  • लपटों का तीव्र विस्तार।
  • परमाणु प्रतिक्रिया नहीं होने के कारण पारंपरिक परमाणु बम से अलग

परीक्षण परिणाम:

  • डिवाइस ने 2 मीटर दूरी पर 428.43 किलोपास्कल दबाव उत्पन्न किया।
  • यह बल टीएनटी विस्फोट के बल का लगभग 40% है।
  • मुख्य लाभ: अत्यधिक तेज़ और निरंतर गर्मी उत्पन्न करने की क्षमता।

परमाणु बम बनाम हाइड्रोजन बम :

विशेषता परमाणु बम (Atomic Bomb) हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb)
कार्यप्रणाली नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) पर आधारित। इसमें यूरेनियम या प्लूटोनियम के नाभिक फूटते हैं। नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) पर आधारित। इसमें हाइड्रोजन के समस्थानिक (जैसे ड्यूटेरियम और ट्रिटियम) के नाभिक जुड़ते हैं।
ऊर्जा उत्पादन प्रति एकांक द्रव्यमान कम ऊर्जा उत्पन्न करता है। विखंडन की तुलना में प्रति एकांक द्रव्यमान अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
विनाशकारी क्षमता बहुत शक्तिशाली, लेकिन हाइड्रोजन बम की तुलना में कम। परमाणु बम से लगभग 1000 गुना अधिक विनाशकारी।
इतिहास द्वितीय विश्व युद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए। पहला सफल परीक्षण 1952 में अमेरिका ने किया।
आकार और उपयोग अपेक्षाकृत बड़ा और भारी। छोटा, हल्का और मिसाइलों में फिट किया जा सकता है।
विशेषता केवल विखंडन प्रक्रिया पर निर्भर। विखंडन विस्फोट से संलयन प्रक्रिया शुरू होती है, जिससे अत्यधिक ऊर्जा निकलती है।

 

Latest Courses