01 May, 2025
यूनेस्को में भारत की ऐतिहासिक प्रविष्टियाँ
Tue 22 Apr, 2025
संदर्भ:
अप्रैल 2025 में यूनेस्को (UNESCO) ने भारत के दो महत्वपूर्ण ग्रंथों — भगवद गीता और नाट्यशास्त्र — को Memory of the World (MoW) Register में शामिल किया। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक व बौद्धिक विरासत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है।
यूनेस्को का मेमोरी ऑफ़ द वर्ल्ड कार्यक्रम
- प्रारंभ: 1992 में शुरू हुआ यह कार्यक्रम विश्व की दस्तावेज़ीय धरोहर को संरक्षित और सुलभ बनाने हेतु शुरू किया गया था।
- उद्देश्य: पुरानी पांडुलिपियों, अभिलेखों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को नष्ट होने, क्षय या जानबूझकर मिटाने से बचाना।
- प्रवेश मानदंड: सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, बौद्धिक या सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ीय धरोहर।
भारत की प्रमुख प्रविष्टियाँ
भारत की कुल 14 प्रविष्टियाँ अब तक इस रजिस्टर में शामिल हो चुकी हैं। हाल ही में शामिल भगवद गीता और नाट्यशास्त्र विशेष रूप से कला, दर्शन और प्रदर्शन कला में भारत के योगदान को दर्शाते हैं।
भगवद गीता और नाट्यशास्त्र का महत्व
ग्रंथ | विवरण |
भगवद गीता | महाभारत का एक भाग, भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के मध्य संवाद, जीवन, धर्म और कर्म पर आधारित दर्शनशास्त्रीय ग्रंथ, विश्वभर में आध्यात्मिक विचारों को प्रभावित करने वाला ग्रंथ। |
नाट्यशास्त्र | ऋषि भरत द्वारा रचित प्रदर्शन कला पर संपूर्ण संस्कृत ग्रंथ, नाटक, नृत्य, संगीत, अभिनय की मूल शिक्षाएँ। यह ग्रंथ भारतीय शास्त्रीय कला का आधार स्तंभ है। |
मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में भारत की अन्य प्रविष्टियाँ
क्र. | प्रविष्टि का नाम | संक्षिप्त विवरण |
1 | ऋग्वेद पांडुलिपियाँ | प्राचीन वैदिक मंत्रों का संग्रह |
2 | तमिल आयुर्वेदिक पांडुलिपियाँ | पारंपरिक तमिल चिकित्सा का ज्ञान |
3 | डच ईस्ट इंडिया कंपनी के अभिलेख | भारत में डच शासनकाल के दस्तावेज |
4 | पांडिचेरी के शैव पांडुलिपियाँ | शैव दर्शन पर आधारित संग्रह |
5 | रामचरितमानस (तुलसीदास रचित) | हिंदी साहित्य की अमूल्य कृति |
6 | पंचतंत्र | नीति-कथाओं का प्राचीन संग्रह |
7 | सहृदयालोका-लोचन | काव्यशास्त्र पर कश्मीरी ग्रंथ |
8 | भगवद गीता | आत्मा, धर्म और ज्ञान का दर्शन |
9 | नाट्यशास्त्र | प्रदर्शन कला की वैज्ञानिक व्याख्या |