01 May, 2025
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस
Sat 19 Apr, 2025
संदर्भ :
भारत को औपचारिक रूप से इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) के मुख्यालय और सचिवालय के रूप में नामित किया गया है। यह भारत की वन्यजीव संरक्षण में वैश्विक नेतृत्व को दर्शाता है, विशेष रूप से प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता के बाद।
IBCA क्या है?
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन है जिसे भारत द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ (अप्रैल 2023) पर लॉन्च किया गया था।
उद्देश्य:
सात प्रमुख बिल्लियों —
टाइगर, लायन, लेपर्ड, स्नो लेपर्ड, प्यूमा, जैगुआर और चीता — के संरक्षण को बढ़ावा देना।
IBCA के उद्देश्य:
- सदस्य देशों के बीच सहयोग, अनुसंधान, संरक्षण और अवैध वन्यजीव व्यापार पर रोक।
- सामुदायिक भागीदारी और इको-टूरिज्म के माध्यम से सतत विकास को बढ़ावा देना।
- विज्ञान आधारित नीति और संस्थान निर्माण को मजबूत करना।
वैधानिक स्थिति और निर्माण:
- यह संगठन 5 देशों की पुष्टि के बाद एक कानूनी वैश्विक इकाई बन गया:
-
- भारत
- लाइबेरिया
- इस्वातिनी
- सोमालिया
- निकारागुआ
- भारत ने सितंबर 2023 में आधिकारिक रूप से इसमें शामिल होने की पुष्टि की।
सदस्यता:
सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के लिए खुली है, चाहे वे
- रेज (range) देश हों (जहाँ ये जानवर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं)
- या गैर-रेज देश, जो संरक्षण में रुचि रखते हैं।
मुख्यालय और शासन प्रणाली:
- भारत को मुख्यालय और सचिवालय के रूप में चुना गया है।
- इसमें निम्नलिखित निकाय शामिल होंगे:
-
- सदस्यों की सभा (Assembly of Members)
- स्थायी समिति (Standing Committee)
- सचिवालय (Secretariat) — भारत में स्थित।
IBCA में शामिल सात बड़ी बिल्लियों की IUCN स्थिति:
बिग कैट | वैज्ञानिक नाम | IUCN संरक्षण स्थिति | मुख्य क्षेत्र (देश) |
टाइगर | Panthera tigris | गंभीर संकटग्रस्त | भारत, रूस, बांग्लादेश आदि |
लायन | Panthera leo | कमजोर भारत (गिर), | अफ्रीका |
लेपर्ड | Panthera pardus | कमजोर | भारत, श्रीलंका, अफ्रीका आदि |
स्नो लेपर्ड | Panthera uncia | कमजोर | भारत, नेपाल, चीन, मंगोलिया |
प्यूमा | Puma concolor | कम जोखिम | अमेरिका महाद्वीप (कनाडा से अर्जेंटीना तक) |
जैगुआर | Panthera onca | निकट संकटग्रस्त | दक्षिण और मध्य अमेरिका |
चीता | Acinonyx jubatus | कमजोर | अफ्रीका, ईरान; भारत में पुनर्प्रवेश |
भारत की भूमिका:
- वैश्विक टाइगर आबादी का 70% भारत में है।
- सफल संरक्षण योजनाएं:
-
- प्रोजेक्ट टाइगर (1973)
- प्रोजेक्ट लायन
- स्नो लेपर्ड परियोजना
- चीता पुनरुत्थान कार्यक्रम (कूनो)
IBCA का महत्व:
- भारत की सॉफ्ट पावर और हरित कूटनीति को बढ़ावा।
- संरक्षण पर वैश्विक नेतृत्व की पुष्टि।
- अनुसंधान, नीति निर्माण और वित्तीय सहायता का वैश्विक केंद्र।
आगे की राह:
- अन्य शहरों में विस्तार जैसे दिल्ली, अहमदाबाद में पायलट योजना।
- सल्फर डाइऑक्साइड जैसे गैसों को भी शामिल करें।
- CEMS तकनीक (निरंतर उत्सर्जन निगरानी) में निवेश।
- उत्सर्जन कैप में लचीलापन और स्थानीय जुड़ाव बढ़ाना।
निष्कर्ष:
भारत में IBCA का मुख्यालय बनना, भारत की वन्यजीव संरक्षण नेतृत्व की सशक्त मान्यता है। यह न केवल पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में बल्कि वैश्विक सहयोग और नवाचार आधारित नीतियों के क्षेत्र में एक नई शुरुआत है।