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भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का राजस्व : रिपोर्ट

Mon 14 Apr, 2025

संदर्भ :-

  • वित्तीय सेवा फर्म UBS (Union Bank of Switzerland) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का राजस्व 2025 से 2030 के बीच 54 बिलियन डॉलर से दोगुना होकर 108 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

विश्लेषण :

  • यह वृद्धि 15% की संयुक्त वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) पर आधारित है, जो वैश्विक औसत से अधिक है।
  • 15 प्रतिशत CAGR अनुमान वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार के लिए हमारे पूर्वानुमान से अधिक तेज है, जिसका श्रेय भारत की अनुकूल जनसांख्यिकी को जाता है, जो मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स मांग (और बदले में सेमीकंडक्टर), उन्नत सेमीकंडक्टर के बढ़ते उद्यम अपनाने और अनुकूल सरकारी नीतियों को बढ़ावा देती है।
  • रिपोर्ट में आगे यह अनुमान लगाया गया है कि स्थानीयकरण अवसरों से प्राप्त राजस्व 2030 तक लगभग 13 बिलियन तक रहेगा।

विकास के कारण :

  • घरेलू मांग: भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था और युवा आबादी ने इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग को बढ़ावा दिया है, जिससे सेमीकंडक्टर की मांग में वृद्धि हुई है.
  • सरकारी नीतियाँ: सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना जैसी नीतियों ने स्थानीय निर्माण को बढ़ावा दिया है और विदेशी निवेश को आकर्षित किया है
  • स्थानीयकरण: स्थानीय निर्माण के प्रयासों से 2030 तक 13 बिलियन डॉलर का राजस्व आने की उम्मीद है, जो भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है

वैश्विक स्थिति:

  • भारत वर्तमान में वैश्विक वेफर क्षमता में 0.1% और वार्षिक उपकरण खर्च में 1% का योगदान करता है, लेकिन यह 6.5% वैश्विक सेमीकंडक्टर मांग का हिस्सा है
  • चीन से वैकल्पिक स्थानों की तलाश में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां "चाइना प्लस वन" रणनीति अपना रही हैं, जिससे भारत के लिए अवसर बढ़ रहे हैं

भारत की ताकत:

  • भारत में लगभग 20% वैश्विक चिप डिजाइनर काम करते हैं, जो इसे सेमीकंडक्टर डिजाइन में एक प्रमुख केंद्र बनाता है
  • भारत की सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं में विशेषज्ञता भी इसे वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करती है

सेमीकंडक्टर (Semiconductors) :

श्रेणी विवरण
परिभाषा ऐसे पदार्थ जिनकी विद्युत चालकता चालकों से कम और अचालकों से अधिक होती है।
प्रमुख सेमीकंडक्टर तत्व
  • सिलिकॉन (Silicon) – सबसे सामान्य
  • जर्मेनियम (Germanium)
  • गैलियम आर्सेनाइड (GaAs) – उच्च गति के लिए
  • कार्बाइड और ग्राफीन – भविष्य के विकल्प
उपयोग के क्षेत्र
  • मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी
  • ऑटोमोबाइल्स (EVs)
  • सोलर सेल
  • मेडिकल उपकरण
  • AI और रोबोटिक्स
  • रक्षा व अंतरिक्ष
नीति बनाने वाले प्रमुख राज्य गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश
सेमीकंडक्टर नीति लागू करने वाला प्रथम राज्य गुजरात
प्रमुख सरकारी पहल PLI योजना (2021)

SPECS योजना (2020)

भारत सेमीकंडक्टर मिशन (2021)

भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)
  • मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय (MeitY)
  • उद्देश्य: निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता
भविष्य का अनुमान 2030 तक भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना (रिपोर्ट: IESA & Counterpoint Research)

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