"ऑटोमोटिव उद्योग: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना" रिर्पोट
 
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"ऑटोमोटिव उद्योग: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना" रिर्पोट

Sat 12 Apr, 2025

संदर्भ : -

  • नीति आयोग ने "ऑटोमोटिव उद्योग: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना" शीर्षक से रिपोर्ट जारी की है।
  • इस रिपोर्ट में भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • रिर्पोट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत, नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी और नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति में लॉन्च किया।
  • यह रिपोर्ट भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें अवसरों और चुनौतियों दोनों पर प्रकाश डाला गया है, और वैश्विक ऑटोमोटिव बाजारों में भारत को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के लिए एक मार्ग की रूपरेखा तैयार की गई है।

वैश्विक और भारतीय ऑटोमोटिव परिदृश्य :

  • 2023 में वैश्विक ऑटोमोबाइल उत्पादन लगभग 94 मिलियन यूनिट तक पहुँच गया।
  • वैश्विक ऑटोमोटिव कंपोनेंट (अवयव) बाजार का मूल्य लगभग 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
  • इसमें से 700 बिलियन डॉलर का हिस्सा निर्यात से जुड़ा रहा।
  • इस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और स्मार्ट मोबिलिटी तेजी से उभरते रुझान हैं।

भारतीय परिदृश्य :

  • भारत चीन, अमेरिका और जापान के बाद विश्‍व का चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उत्पादक बन गया है।
  • वार्षिक उत्पादन: लगभग 6 मिलियन वाहन (60 लाख)।
  • भारत की पहचान मजबूत घरेलू मांग और लागत प्रतिस्पर्धी श्रमिक बल के कारण एक विनिर्माण और निर्यात केंद्र के रूप में बन रही है।

उपलब्धियां:

  • छोटी कारें और यूटिलिटी वाहन खंडों में महत्वपूर्ण प्रगति।
  • 'मेक इन इंडिया' जैसी सरकारी पहलों ने निवेश और नवाचार को बढ़ावा दिया।

ऑटोमोटिव क्षेत्र में उभरते रुझान :

1. इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्रांति

  • ऑटोमोटिव उद्योग इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की ओर तेजी से बदलाव देख रहा है।
  • इसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं:
  • उपभोक्ताओं की पर्यावरण अनुकूल गतिशीलता की मांग
  • कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु नियामक दबाव
  • बैटरी प्रौद्योगिकी में नवाचार और लागत में गिरावट

2. वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव

  • यूरोप और अमेरिका में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग हब उभर रहे हैं।
  • इससे लिथियम और कोबाल्ट जैसे खनिजों की मांग और खनन निवेश बढ़ा है।
  • पारंपरिक आपूर्ति श्रृंखलाएं बदल रही हैं और नई सहयोग/प्रतिस्पर्धा की संभावनाएँ उभर रही हैं।

3. उद्योग 4.0 और डिजिटलीकरण :

  • Industry 4.0 के तहत, AI, ML, IoT और रोबोटिक्स जैसी तकनीकों का प्रयोग बढ़ रहा है:
  • उत्पादन प्रक्रिया अधिक स्वचालित और कुशल हो रही है।
  • लागत घट रही है और लचीलापन बढ़ रहा है।
  • स्मार्ट फैक्ट्रियां और कनेक्टेड वाहन नए बिज़नेस मॉडल को जन्म दे रहे हैं।

विकास के लिए प्रस्तावित हस्तक्षेप :

  • नीति आयोग की रिपोर्ट में ऑटोमोटिव क्षेत्र में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के उद्देश्य से कई रणनीतिक राजकोषीय और गैर-राजकोषीय हस्तक्षेपों की रूपरेखा दी गई है।

राजकोषीय हस्तक्षेप :

  • परिचालन व्यय (ओपेक्स) सहायता : टूलींग, डाइज़ और बुनियादी ढांचे के लिए पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर ध्यान केंद्रित करते हुए विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना।
  • कौशल विकास : सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रतिभा पाइपलाइन बनाने की पहल।
  • अनुसंधान एवं विकास, सरकार द्वारा सुगम आईपी हस्तांतरण और ब्रांडिंग : उत्पाद विभेदीकरण में सुधार लाने और आईपी हस्तांतरण के माध्यम से एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिए अनुसंधान, विकास, अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना।
  • क्लस्टर विकास : आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए अनुसंधान एवं विकास तथा परीक्षण केन्द्रों जैसी सामान्य सुविधाओं के माध्यम से फर्मों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।

गैर-राजकोषीय हस्तक्षेप :

  • उद्योग 4.0 को अपनाना : दक्षता में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों और उन्नत विनिर्माण मानकों के एकीकरण को प्रोत्साहित करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग : वैश्विक बाजार पहुंच का विस्तार करने के लिए संयुक्त उद्यमों (जेवी), विदेशी सहयोग और मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को बढ़ावा देना।
  • व्यवसाय करने में आसानी : विनियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाना, श्रमिक घंटों में लचीलापन, आपूर्तिकर्ताओं की खोज और विकास तथा मोटर वाहन कंपनियों के लिए व्यवसाय की स्थिति में सुधार।
  • नीति आयोग ने भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए 2030 तक एक महत्वाकांक्षी लेकिन यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित किया है, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में है।

प्रमुख लक्ष्य : 

बिंदु लक्ष्य (2030 तक) वर्तमान स्थिति
ऑटोमोटिव कंपोनेंट उत्पादन $145 बिलियनविषय लगभग $56 बिलियन
निर्यात $60 बिलियन लगभग $20 बिलियन
व्यापार अधिशेष $25 बिलियन घटता हुआ या सीमित
वैश्विक ऑटोमोटिव मूल्य श्रृंखला में भारत की हिस्सेदारी 8% लगभग 3%
रोजगार सृजन 2-2.5 मिलियन नए अवसर कुल 3-4 मिलियन तक

नीति आयोग (NITI Aayog) :

विषय विवरण
पूरा नाम राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (National Institution for Transforming India)
प्रकार भारत सरकार का प्रमुख नीति थिंक टैंक
स्थापना 1 जनवरी 2015 (योजना आयोग का स्थान लिया)
मुख्य उद्देश्य सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना, समावेशी और न्यायसंगत आर्थिक विकास सुनिश्चित करना, केंद्र और राज्य सरकारों को रणनीतिक और तकनीकी सलाह प्रदान करना
अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री
उपाध्यक्ष प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त
संचालन परिषद सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल
क्षेत्रीय परिषद विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान हेतु मुख्यमंत्रियों व उपराज्यपालों की बैठक (प्रधानमंत्री या नामित व्यक्ति की अध्यक्षता)
पदेन सदस्य प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम 4 सदस्य
तदर्थ सदस्य अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 सदस्य
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) भारत सरकार का सचिव स्तर अधिकारी, प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त
विशेष आमंत्रित प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ
मुख्य कार्य
  • मध्यम और दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन करना
  • राज्यों के साथ मिलकर नीति समर्थन और पहल करना
  • सामाजिक न्याय और समावेशिता को बढ़ावा देना
  • सक्रिय मूल्यांकन और निगरानी करना
प्रमुख पहलें
  • SDG इंडिया इंडेक्स (2018)
  • समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (2019)
  • अटल इनोवेशन मिशन - AIM (2016)
  • आकांक्षी जिला कार्यक्रम (2018)

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