“भारत में महिलाएं और पुरुष 2024: प्रवृत संकेतक और डेटा”
 
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“भारत में महिलाएं और पुरुष 2024: प्रवृत संकेतक और डेटा”

Sun 06 Apr, 2025

संदर्भ :

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने “भारत में महिलाएं और पुरुष 2024: प्रवृत संकेतक और डेटा” शीर्षक से अपने प्रकाशन का 26 वां संस्करण जारी किया।

संक्षिप्‍त परिचय :

  • प्रकाशन का नाम : "भारत में महिलाएं और पुरुष 2024: प्रवृत संकेतक और डेटा"
  • जारी करने वाला मंत्रालय: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI)

संस्करण : 26वां

  • विषय : भारत में महिलाओं और पुरुषों की स्थिति का समग्र दृष्टिकोण
  • प्रकाशन का उद्देश्य : नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करना

मुख्य विशेषताएं:

  • यह प्रकाशन भारत में लैंगिक स्थिति का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों के संकेतक और डेटा शामिल हैं।
  • ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों से प्राप्त किए गए हैं, जो शहरी-ग्रामीण विभाजन और भौगोलिक क्षेत्रों में लैंगिक-विभाजित डेटा प्रदान करते हैं।

श्रम बल भागीदारी दर (LPFR) में वृद्धि :

  • 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिए सामान्य स्थिति में एलपीएफआर 49.8% (2017-18) से बढ़कर 60.1% (2023-24) हो गया है।

बैंक खातों में महिलाओं की भागीदारी :

  • महिलाओं के पास सभी बैंक खातों का 39.2% हिस्सा है और कुल जमा में उनका योगदान 39.7% है।
  • उनकी भागीदारी ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक है, जहाँ वे 42.2% खाताधारक हैं।

डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि :

  • पिछले कुछ वर्षों में डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि हुई है जो शेयर बाजार में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
  • 31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या 33.26 मिलियन से बढ़कर 143.02 मिलियन हो गई जो चार गुना से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।
  • पुरुष खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई है।
  • पुरुष खातों की संख्या 2021 में 26.59 मिलियन से बढ़कर 2024 में 115.31 मिलियन हो गई है जबकि इसी अवधि के दौरान महिला खातों की संख्या 6.67 मिलियन से बढ़कर 27.71 मिलियन हो गई है।

महिला स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों में वृद्धि :

  • वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिला-प्रधान स्वामित्व प्रतिष्ठानों की प्रतिशतता में वृद्धि हुई है।

चुनाव में महिलाओं की भागीदारी :

  • 1952 में कुल मतदाताओं की संख्या 173.2 मिलियन से बढ़कर 2024 में 978 मिलियन हो गई जिसमें महिला मतदाता पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
  • महिला मतदाताओं द्वारा मतदान में पिछले कुछ वर्षों में भिन्नता रही है जो 2019 में 67.2% तक पहुंच गई थी लेकिन 2024 में थोड़ी गिरावट के साथ 65.8% है।
  • मतदान में लैंगिक अंतर कम हो गया है। 2024 में महिला मतदान पुरुषों के मतदान से अधिक हुआ।

महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप में वृद्धि :

  • पिछले कुछ वर्षों में, डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसे स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि हुई है जिनमें कम से कम एक महिला निदेशक हैं जो महिला उद्यमिता में सकारात्मक रुझान को दर्शाता है।
  • ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई है।

 

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