01 May, 2025
संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को मंजूरी
Fri 21 Mar, 2025
संदर्भ :-
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को मंजूरी प्रदान की।
मुख्य बिंदु:
- आवंटन : RGMके लिए कुल 3,400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट शामिल है। यह आवंटन 15वें वित्त आयोग के चक्र (2021-22 से 2025-26) के दौरान होगा।
नई गतिविधियाँ:
- बछिया पालन केंद्र: 15,000 बछियों के लिए 30 आवासीय बछिया पालन केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिसमें पूंजीगत लागत का 35% एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी।
- IVF बछिया खरीदने के लिए प्रोत्साहन: किसानों को उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता (HGM) IVF बछिया खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए दूध संघों, वित्तीय संस्थानों या बैंकों से लिए गए ऋण पर 3% ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
यह योजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन की चल रही गतिविधियों को जारी रखने के लिए है-
- वीर्य केंद्रों को मजबूत बनाना
- कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क का विस्तार
- बैल प्रजनन कार्यक्रम का कार्यान्वयन
- लिंग-विशिष्ट वीर्य का उपयोग करके त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम
- कौशल विकास एवं किसान जागरूकता अभियान
- उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना
- केन्द्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों को मजबूत बनाना
इनमें से किसी भी गतिविधि में सहायता के पैटर्न में कोई बदलाव किए बिना केन्द्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों को मजबूत बनाना।
- RGM के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (NAIP) देश भर के 605 जिलों में किसानों के दरवाजे पर निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान (AI) प्रदान करता है, जहां आधारभूत AI कवरेज 50 प्रतिशत से कम है।
- अब तक 8.39 करोड़ से अधिक पशुओं को कवर किया गया है और 5.21 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
- RGM प्रजनन में नवीनतम तकनीकी क्रियाकलाप को किसानों के दरवाजे तक लाने में भी सबसे आगे रहा है।
- देश भर में राज्य पशुधन बोर्डों (SLB) या विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कुल 22 इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं और 2541 से अधिक HGM बछड़ों का जन्म हुआ है।
- आत्मनिर्भर प्रौद्योगिकी में दो अग्रणी कदम हैं – गौ चिप और महिष चिप, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और ICAR के राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBAGR) द्वारा विकसित स्वदेशी गोजातीय पशुओं के लिए जीनोमिक चिप्स और NDDB द्वारा विकसित गौ सॉर्ट स्वदेशी रूप से विकसित लिंग वर्गीकृत वीर्य उत्पादन प्रौद्योगिकी।
- इस योजना से दूध उत्पादन और उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे अंततः किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- यह बैल उत्पादन में व्यवस्थित और वैज्ञानिक प्रयासों तथा स्वदेशी गोजातीय जीनोमिक चिप्स के विकास के माध्यम से भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और परिरक्षण पर केंद्रित है।
- इसके अतिरिक्त, योजना के तहत की गई पहलों के कारण इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) एक स्थापित तकनीक बन गई है।
- इस पहल से न केवल उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि डेयरी उद्योग में लगे 8.5 करोड़ किसानों की आजीविका में भी सुधार होगा।
कृषि और डेयरी क्षेत्र में सरकार की पहल :
दूध और कृषि उत्पादन:
- भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है।
- फलों और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- जैविक और मूल्यवर्धित कृषि उत्पादों की वैश्विक मांग में तेजी।
- केंद्रीय बजट 2024-25 : कृषि, पशु स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के लिए पर्याप्त आवंटन किया गया है।
पशुधन क्षेत्र से संबंधित अन्य पहल :
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM): यह योजना रोजगार सृजन, उद्यमिता के विकास पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाना है और इस प्रकार मांस, बकरी के दूध, अंडे और ऊन के उत्पादन को बढ़ावा देना है। वर्ष 2024-25 के दौरान इस मिशन के लिए 324 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF): इस योजना की परिकल्पना व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और धारा 8 कंपनियों द्वारा डेयरी प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, मांस प्रसंस्करण, खेतों, पशु चारा संयंत्र, वैक्सीन अवसंरचना और अपशिष्ट से धन प्रबंधन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना में सुधार के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। इसके अतिरिक्त, डेयरी अवसंरचना विकास निधि (DIDF) को AHIDF में विलय कर दिया गया है और संशोधित राशि अब 29610 करोड़ रुपये है।
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) 2019 में शुरू किया गया था, जो विश्व स्तर पर अपनी तरह का सबसे बड़ा कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य 2030 तक एफएमडी और ब्रुसेलोसिस को खत्म करना है। मवेशियों और भैंसों में खुरपका-मुंहपका रोग (FMD) के खिलाफ अब तक 99.71 करोड़ से अधिक टीके लगाए गए हैं, जिससे 7.18 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM):
- शुरुआत: 2014 में भारत सरकार द्वारा
- लक्ष्य: स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देना, पशु उत्पादकता में वृद्धि करना, किसानों की आय बढ़ाना और दुग्ध उत्पादन में सुधार करना