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संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) को मंजूरी

Thu 20 Mar, 2025

संदर्भ :-

  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 मार्च 2025 को संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) को मंजूरी दी।

मुख्‍य बिन्‍दु :

  • संशोधित NPDD केंद्रीय योजना है जिसमें 1000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय से 15 वेंवित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) की अवधि के लिए कुल 2790 करोड़ रुपये का बजट हो गया है।
  • यह योजना डेयरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और इसके विस्तार पर केंद्रित है जो इस क्षेत्र की निरंतर वृद्धि और उत्पादकता सुनिश्चित करेगा।
  • संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम दुग्ध खरीद, प्रसंस्करण क्षमता और बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण द्वारा डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
  • इसका उद्देश्य किसानों को बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान करना, मूल्य संवर्धन द्वारा बेहतर मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करना और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता बढ़ाना है।
  • इससे पशु पालक किसानों की आय में बढ़ोत्तरी और ग्रामीण विकास में वृद्धि होगी।

इस योजना में दो प्रमुख घटक शामिल हैं:

घटक A :

  • डेयरी बुनियादी ढ़ांचे में सुधार के लिए समर्पित है।
  • इसमें दूध शीतक संयंत्र, उन्नत दूध परीक्षण प्रयोगशालाएं और प्रमाणन प्रणाली शामिल हैं। यह नई ग्राम डेयरी सहकारी समितियों के गठन में भी सहायक होगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER), विशेष रूप से दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों तथा पहाड़ी क्षेत्रों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में दूध की खरीद और प्रसंस्करण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगा।
  • साथ ही समर्पित अनुदान सहायता के साथ इसमें दो दूध उत्पादक कंपनियों का गठन किया जाएगा।

घटक B :

  • में “सहकारिता द्वारा डेयरी संचालन (DTC)” गतिविधियां शामिल है।
  • इसमें हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार जापान सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के सहयोग से डेयरी विकास संचालन जारी रहेंगी।
  • यह घटक नौ राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल) में डेयरी सहकारी समितियों के सतत विकास, उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन बुनियादी ढांचे में सुधार पर केंद्रित है।

NPDD का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और प्रमुख उपलब्धियाँ :

  • NPDD के क्रियान्वयन से व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ा है।
  • इससे 18 लाख 74 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं, 30,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं।
  • इससे प्रतिदिन 100 लाख 95 हज़ार लीटर दूध खरीद क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है। NPDD बेहतर दूध परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने में भी सहायक रहा है।
  • इसके 51,777 से अधिक ग्राम-स्तरीय दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ किया गया है और 123 लाख 33 हज़ार लीटर की संयुक्त क्षमता वाले 5,123 बल्क दुग्ध शीतक स्थापित किए गए हैं।
  • इसके अलावा, 169 प्रयोगशालाओं को फूरियर ट्रांसफॉर्म इंफ्रारेड (FTIR) मिल्क एनालाइजर के साथ समुन्नत बनाया गया है, और 232 डेयरी संयंत्रों में मिलावट का पता लगाने के लिए उन्नत व्यवस्था स्थापित की गई है।

संशोधित NPDD: पूर्वोत्तर में रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण :

  • संशोधित NPDD से पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में 10,000 नई डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना, प्रसंस्करण, साथ ही NPDD की क्रियान्वियत परियोजनाओं के अतिरिक्त समर्पित अनुदान सहायता के साथ दो दूध उत्पादक कंपनियों (MPC) के गठन से अतिरिक्त 3 लाख बीस हज़ार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे जिससे विशेष रूप से महिलाओं को लाभ होगा जो डेयरी कार्यबल का 70 प्रतिशत हिस्सा हैं।

संशोधित NPDD: ग्रामीण आजीविका, रोजगार और डेयरी उद्योग को बढ़ावा :

  • डेयरी विकास के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्यक्रम द्वितीय श्वेत क्रांति के अनुरूपता के साथ देश के आधुनिक बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाएगा और नई तकनीक और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं सुविधा द्वारा नवगठित सहकारी समितियों के लिए और अधिक सहायक होगा।
  • यह कार्यक्रम ग्रामीण आजीविका बेहतर बनाने, रोजगार उत्पन्न करने और सुदृढ़ अधिक स्थिति अनुकूलित डेयरी उद्योग निर्माण में सहायग होगा, जिससे देश भर के लाखों किसानों और इससे जुड़े लोग लाभान्वित होंगे।

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) :

  • भारत में डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है
  • उद्देश्य : दुधारू पशुओं की उत्पादकता बढ़ाना और स्वच्छ दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करना
  • स्थापना : 2014
  • पुनर्गठन: जुलाई 2021
  • कार्यान्वयन एजेंसी: पशुपालन और डेयरी विभाग, राज्य कार्यान्वयन एजेंसियाँ (SIA) जैसे राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन

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