18 February, 2025
100 दिन के TB नियंत्रण अभियान में 6 लाख से अधिक मामले पहचाने गए
Wed 12 Mar, 2025
संदर्भ:-
- भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 100-दिवसीय गहन टीबी उन्मूलन अभियान के तहत मार्च 2025 तक 6 लाख से अधिक टीबी मामलों की पहचान की गई, जिनमें से 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 455 उच्च-प्रभावित जिलों में 4.3 लाख लोगों का निदान किया गया।
- इस अभियान का उद्देश्य टीबी के अज्ञात मामलों का पता लगाना, शुरुआती निदान सुनिश्चित करना और प्रभावी उपचार प्रदान करना था।
मुख्य बिन्दु :-
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने 7 दिसंबर, 2024 को 100-दिवसीय गहन टीबी-मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी।
- इस अभियान के तहत, टीबी के उच्च जोखिम वाले लोगों की जांच के लिए एक्स-रे को एक प्रभावी उपकरण के रूप में शामिल किया गया, जिससे टीबी की शुरुआती पहचान को बढ़ावा दिया जा सके।
- भारत सरकार ने निक्षय पोषण योजना के तहत मासिक संवितरण को ₹500 से बढ़ाकर ₹1,000 प्रति माह कर दिया।
- निक्षय मित्र योजना (एक स्वैच्छिक कार्यक्रम जो व्यक्तियों और संगठनों को टीबी उपचार के दौरान अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान करने की अनुमति देता है) का दायरा न केवल टीबी रोगियों, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों को भी कवर करने के लिए विस्तारित किया गया था।
नई रणनीति के तहत:
- अल्ट्रापोर्टेबल हैंड-हेल्ड एक्स-रे मशीनों का उपयोग किया गया, जिससे स्क्रीनिंग को तेज और सुलभ बनाया जा सके।
- घर-घर जाकर स्क्रीनिंग अभियान चलाए गए, ताकि टीबी के संभावित मामलों की जल्द पहचान की जा सके।
विशेष जोखिम समूहों की पहचान कर उनकी जांच की गई, जिनमें शामिल हैं:
- मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति
- धूम्रपान करने वाले
- शराब का अत्यधिक सेवन करने वाले
- एचआईवी संक्रमित लोग
- पूर्व में टीबी से पीड़ित रह चुके व्यक्ति
- वृद्ध नागरिक
- टीबी रोगियों के घर के सदस्य (संपर्क में आने वाले लोग)
स्क्रीनिंग प्रक्रिया:
- पहले चरण में - लक्षण वाले और लक्षणरहित दोनों व्यक्तियों की एक्स-रे के माध्यम से जांच की गई।
- दूसरे चरण में - जिन मामलों में टीबी की संभावना पाई गई, उनकी पुष्टि के लिए न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्टिंग (NAAT) का उपयोग किया गया।
- भारत में टीबी नियंत्रण में प्रगति: महत्वपूर्ण उपलब्धियां और आँकड़े :
- भारत में विश्व की सबसे बड़ी टीबी महामारी है और यह एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, देश में टीबी की घटनाओं में 2015 से 2023 तक 17.7% की गिरावट आई है।
- यह वैश्विक औसत गिरावट 8.3% से दोगुना से भी ज़्यादा है।
- इसी अवधि के दौरान भारत की टीबी मृत्यु दर में भी 18% की गिरावट आई है।
टीबी (क्षय रोग) :
विषय | विवरण |
रोग का प्रकार | संक्रामक बीमारी, मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन अन्य अंगों (हड्डियाँ, किडनी, मस्तिष्क आदि) को भी संक्रमित कर सकती है |
कारण | माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) बैक्टीरिया |
संचरण मोड | वायुजनित, संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से फैलता है |
जोखिम कारक | उच्च घनत्व वाली आबादी, खराब वेंटिलेशन, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (HIV, मधुमेह आदि) |
लक्षण | - लगातार खाँसी (बलगम या खून के साथ)
- सीने में दर्द - कमजोरी और वजन कम होना - बुखार और रात में पसीना आना |
टीबी के प्रकार | 1. सक्रिय (Active) TB – संक्रमण के लक्षण स्पष्ट होते हैं, यह संक्रामक होता है
2. निष्क्रिय (Latent) TB – बैक्टीरिया शरीर में निष्क्रिय रहता है, कोई लक्षण नहीं दिखते और यह दूसरों में नहीं फैलता |
निदान (Diagnosis) | - माइक्रोस्कोपिक बलगम परीक्षण (Sputum Test)
- टीबी स्किन टेस्ट (Mantoux Test) - सीने का एक्स-रे (Chest X-ray) - टीबी कल्चर टेस्ट |
वैश्विक स्थिति | वार्षिक मामले – प्रत्येक वर्ष 10 मिलियन लोग संक्रमित होते हैं
मृत्यु दर – प्रति वर्ष 1.5 मिलियन मौतें (संक्रामक रोगों में सबसे अधिक) उच्च जोखिम वाले समूह – HIV संक्रमित व्यक्ति, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले लोग प्रमुख प्रभावित देश – भारत, बांग्लादेश, चीन, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका |
टीबी की प्रमुख दवाएँ | - आइसोनियाजिड (Isoniazid-INH)
- रिफैम्पिसिन (Rifampicin-RIF) - डेलामैनिड (Delamanid) |
टीबी उन्मूलन लक्ष्य | भारत का लक्ष्य – 2025 तक टीबी समाप्त करना
वैश्विक लक्ष्य – 2030 तक टीबी समाप्त करना |
विश्व टीबी दिवस | 24 मार्च |