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मत्स्य पालन स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2.0

Sun 09 Mar, 2025

संदर्भ :-

  • मत्स्य पालन स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन 8 मार्च 2025 को हैदराबाद, तेलंगाना में किया गया।
  • यह कार्यक्रम मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आयोजित किया गया।
  • इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र में नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार और उत्पादन में वृद्धि हो सके।

राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म और स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 का शुभारंभ

  • कार्यक्रम के दौरान माननीय केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM-MKSSY) के तहत विकसित राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया।
  • यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और स्टार्टअप्स को विभिन्न मॉड्यूल और योजनाओं के लाभों तक पहुँचने के लिए एक सुगम और उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस प्रदान करेगा।

मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 का अनावरण

  • केंद्रीय मंत्री ने मत्स्य पालन और संबद्ध क्षेत्रों में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1 करोड़ रुपये की निधि के साथ मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 की शुरुआत की।
  • इस पहल के तहत, दस विजेता स्टार्टअप्स को मत्स्य पालन और जलीय कृषि में उत्पादन, दक्षता और स्थिरता बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता और इनक्यूबेशन सपोर्ट प्रदान किया जाएगा।

हितधारक और सहभागिता

  • सरकारी निकाय:
    • मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
    • संबंधित अनुसंधान एवं विकास संस्थान (जैसे कि ICAR)
    •  राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB)
  • उद्यमी और स्टार्टअप्स:
    • मत्स्य पालन क्षेत्र में नवाचार लाने वाले युवा उद्यमी
    • तकनीकी और नवाचार पर केंद्रित स्टार्टअप्स, जो पारंपरिक मत्स्य उद्योग में बदलाव ला सकते हैं

समुदाय और लाभार्थी:

  • मछुआरे, मछली किसान, विक्रेता और प्रोसेसर
  •  ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण के लिए यह पहल महत्वपूर्ण है

भारत में मत्स्य पालन:

भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है और जलीय कृषि (Aquaculture) में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

वैश्विक मत्स्य पालन क्षेत्र में भारत की भूमिका :-

भारत वैश्विक मत्स्य पालन में एक प्रमुख स्थान रखता है और शीर्ष मछली उत्पादक देशों में शामिल है।

कुछ प्रमुख आँकड़े इस प्रकार हैं:

  • वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, 8% विश्व मछली उत्पादन का योगदान।
  • दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक, वैश्विक समुद्री खाद्य निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान।
  • शीर्ष झींगा (Shrimp) उत्पादक और पकड़ मत्स्य उत्पादन (Capture Fisheries) में तीसरा स्थान।
  • आंध्र प्रदेश भारत में सर्वाधिक मछली उत्पादन करने वाला राज्य है, इसके बाद पश्चिम बंगाल।
  • अंतर्देशीय मत्स्य पालन (Inland Fisheries) कुल मछली उत्पादन का 75% से अधिक योगदान देता है।

भारत में मत्स्य पालन के प्रकार

भारत में मुख्य रूप से तीन प्रकार के मत्स्य पालन प्रचलित हैं:

1. समुद्री मत्स्य पालन (Marine Fisheries)

  • इसमें महासागरों, समुद्री तटों, खाड़ी क्षेत्रों और बैकवाटर से मछलियों का शिकार किया जाता है।
  • प्रमुख मछलियाँ: हिल्सा, सार्डिन, मैकेरल, टूना, झींगा और केकड़ा।
  • प्रमुख समुद्री मछली पकड़ने वाले राज्य: गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और पश्चिम बंगाल।

2. अंतर्देशीय मत्स्य पालन (Inland Fisheries)

  • यह नदियों, झीलों, तालाबों, जलाशयों और नहरों में मछली पालन से संबंधित है।
  • प्रमुख मछलियाँ: कतला, रोहू, मृगल, तिलापिया, सिंघी और मैगुर।
  • प्रमुख राज्य: उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।

3. जलीय कृषि (Aquaculture)

  • इसमें तालाबों, जलाशयों और कृत्रिम जल निकायों में वैज्ञानिक विधियों द्वारा मछली पालन किया जाता है।
  • दो प्रकार के प्रमुख मत्स्य पालन:
    • मीठे पानी की जलीय कृषि (Freshwater Aquaculture) – झींगा, रोहू, कतला जैसी मछलियाँ।
    • खारे पानी की जलीय कृषि (Brackish Water Aquaculture) – झींगा और अन्य समुद्री जीव।

सतत मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल और योजनाएँ

1. नीली क्रांति (Blue Revolution) योजना

शुरुआत: वित्त वर्ष 2015-16

उद्देश्य:

  • मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना।
  • मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र को आधुनिक और टिकाऊ बनाना।
  • मत्स्य पालकों को वित्तीय सहायता और तकनीकी ज्ञान प्रदान करना।

2. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)

शुरुआत: मई 2020

उद्देश्य:

  • भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र में व्यापक सुधार लाना।
  • 2024-25 तक 22 मिलियन टन मछली उत्पादन का लक्ष्य।
  • मत्स्य पालन से जुड़े 2.8 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करना।
  • मछली और समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा देना।

3. मत्स्य पालन और जलकृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF)

शुरुआत: 2018-19

उद्देश्य:

  • समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन दोनों के लिए बुनियादी ढाँचे का विकास।
  • मछली पालन करने वाले किसानों, उद्यमियों और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता।

4. आईसीएआर - केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान (CIFE): उत्कृष्टता का केंद्र

शुरुआत: 1961

उद्देश्य:

  • मत्स्य पालन में उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना।
  • टिकाऊ मछली पालन, जलीय पोषण और मछली स्वास्थ्य से संबंधित अनुसंधान।
  • वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान कर मछली उत्पादन विधियों में सुधार और अपशिष्ट को कम करना।

मछली से संबंधित :

विषय विवरण
क्रांति का नाम नीली क्रांति (Blue Revolution)
प्रमुख योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) - 2020
GDP में योगदान लगभग 1.1% और कृषि GDP में 7.3% 
सबसे बड़ा उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश
सबसे ज्यादा निर्यात होने वाली मछली झींगा (Shrimp)
प्रमुख अनुसंधान संस्थान ICAR - केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान (CIFE), मुंबई
अवसंरचना योजना मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) - 2018
विश्व की सबसे बड़ी मछली व्हेल शार्क (Whale Shark)
मीठे पानी की प्रमुख मछलियाँ रोहू, कतला, मृगल, तिलापिया
समुद्री मछलियाँ हिल्सा, सुरमई, झींगा, ट्यूना
प्रमुख पोषक तत्व प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड
श्वसन विधि गिल्स (Gills) के माध्यम से
जबड़ा रहित मछलियाँ लैम्प्रे, हैगफिश
हड्डीदार मछलियों का वैज्ञानिक नाम Osteichthyes
उपास्थीय मछलियों का वैज्ञानिक नाम Chondrichthyes
मत्स्य पालन विभाग की स्थापना 1947
नई पहल मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0
मत्स्य पालन दिवस 21 नवंबर
अंडे देने वाली मछलियाँ अंडज (Oviparous) मछलियाँ
सीधे शिशु जन्म देने वाली मछलियाँ जीवज (Viviparous) मछलियाँ

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