18 February, 2025
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के मिशन संचालन समूह (MSG) की नौवीं बैठक
Thu 06 Mar, 2025
संदर्भ:-
- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के मिशन संचालन समूह (MSG) की नौवीं बैठक की अध्यक्षता की।
- इस बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई।
बैठक में प्रस्तुत प्रमुख उपलब्धियाँ:-
स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार:
- मातृ मृत्यु दर (MMR):
- भारत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (NHP) के तहत प्रति एक लाख जीवित जन्मों पर 100 के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
- 1990 से 2020 के बीच भारत में MMR में 83% की गिरावट दर्ज की गई, जो वैश्विक औसत से अधिक है।
- शिशु मृत्यु दर (IMR):
- इस अवधि में भारत में शिशु मृत्यु दर में 69% की गिरावट देखी गई, जबकि वैश्विक स्तर पर यह गिरावट 55% रही।
- पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर:
- भारत में 75% की गिरावट, जबकि वैश्विक औसत 58% रहा।
- SRS 2020 के अनुसार, 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने सतत विकास लक्ष्य (SDG) प्राप्त कर लिया है।
जनसंख्या एवं प्रजनन स्वास्थ्य:
कुल प्रजनन दर (TFR):
- 1992-93 में 3.4 से घटकर 2019-21 में 2.0 हो गई।
- 31 राज्यों ने प्रजनन क्षमता का प्रतिस्थापन स्तर हासिल कर लिया है।
स्वास्थ्य व्यय में सुधार:
- जेब से किया जाने वाला स्वास्थ्य व्यय (OOP):
- 2004-05 में कुल स्वास्थ्य व्यय (THE) का 69.4% से घटकर 2021-22 में 39.4% हो गया।
सरकारी स्वास्थ्य व्यय:
- 2004-05 में 22.5% से बढ़कर 2021-22 में 48% हो गया।
स्वास्थ्य सेवा में वृद्धि:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत स्वास्थ्य मानव संसाधन (HRH):
- 2006-07 में 23,000 से बढ़कर 2023-24 में 5.23 लाख हो गया।
- आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की संख्या:
- वर्तमान में 1.76 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्यरत।
- 2019-20 में 13.49 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 121.03 करोड़ मरीजों की सालाना संख्या।
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सत्र:
- 2019-20 में 0.11 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 1.54 करोड़ हुए।
NCD स्क्रीनिंग की संख्या:
- 2019-20 में 10.94 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 109.55 करोड़ हो गई।
टेली-परामर्श सेवाएँ:
- 2019-20 में 0.26 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 11.83 करोड़ हो गई।
रोग नियंत्रण एवं उन्मूलन:
टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन:
- 2015-2023 के बीच टीबी मामलों में 18% की कमी, जो वैश्विक औसत से दोगुनी से अधिक।
- मृत्यु दर में 21% की गिरावट।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम:
- 748 जिलों में लागू।
- 26.97 लाख रोगियों को लाभ, 3.27 करोड़ डायलिसिस सत्र आयोजित।
- सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन:
- 5 करोड़ से अधिक लोगों की जाँच पूरी।
- 1.84 लाख रोगियों का निदान, 2.24 करोड़ सिकल सेल कार्ड वितरित।
मलेरिया उन्मूलन मिशन:
- 2014 की तुलना में 2023 में मलेरिया के मामलों में 79.3% की गिरावट।
- मृत्यु दर में 85.2% की कमी।
कालाजार उन्मूलन:
- 2023 तक ब्लॉक स्तर पर वार्षिक मामले प्रति 10,000 की आबादी पर 1 से भी कम।
- यह सतत विकास लक्ष्य (SDG) से अधिक है।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ एवं मान्यता:
- WHO ने 15 मई 2015 को भारत को "मातृ एवं नवजात टिटनेस मुक्त" प्रमाणित किया।
- 8 अक्टूबर 2024 को WHO ने ट्रैकोमा को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त करने की भारत की सफलता की घोषणा की।
- 28 फरवरी 2025 तक 85% आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सेवाओं का विस्तारित पैकेज उपलब्ध।
नई पहल एवं निगरानी:
- जून 2024 में स्वास्थ्य सुविधाओं के स्व-मूल्यांकन के लिए "ODK टूल किट" लॉन्च किया गया।
- देशभर की 95% स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन पूरा हो चुका है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) :
- शुरुआत : 2005 में
- उद्देश्य : ग्रामीण आबादी, विशेष रूप से कमजोर समूहों को जिला अस्पताल (DH) स्तर तक सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना
- 2012 में, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM) की अवधारणा बनाई गई और NRHM को दो उप-मिशन यानी NRHM और NUHM के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के रूप में पुनः नामित किया गया।
- 1 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2020 तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को जारी रखने को कैबिनेट ने 21 मार्च, 2018 को हुई अपनी बैठक में मंजूरी दी थी।
- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 10 जनवरी 2020 के कार्यालय ज्ञापन द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को 31 मार्च 2021 या 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने तक अंतरिम विस्तार दिया।
- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक या अगली समीक्षा तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जारी रखने की स्वीकृति दी, बशर्ते EFC की सिफारिशों व वित्तीय सीमा का पालन हो।