18 February, 2025
'आदर्श महिला-अनुकूल ग्राम पंचायत' (MWFGP) पहल का शुभारंभ
Wed 05 Mar, 2025
संदर्भ :-
- पंचायती राज मंत्रालय ने 5 मार्च 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में 'आदर्श महिला-अनुकूल ग्राम पंचायतों' (MWFGP) पहल का शुभारंभ किया।
- इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जिले में कम से कम एक आदर्श महिला-हितैषी ग्राम पंचायत की स्थापना करना है, जो सुरक्षा, समावेशिता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देगी।
- यह कार्यक्रम मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 फरवरी) 2025 समारोह का हिस्सा है और इसका ग्रामीण शासन पर स्थायी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे देशभर की ग्राम पंचायतों में महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षा, समावेशिता और लैंगिक समानता सुनिश्चित होगी।
राष्ट्रीय सम्मेलन की मुख्य बातें:
- चिन्हित ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण का वर्चुअल उद्घाटन
- आदर्श महिला-अनुकूल ग्राम पंचायतों की प्रगति पर नज़र रखने के लिए मॉनिटरिंग डैशबोर्ड का शुभारंभ।
- महिला-अनुकूल ग्राम पंचायतों की अवधारणा पर प्रस्तुतियां, जिसमें सर्वोत्तम प्रथाओं और परिवर्तन के प्रमुख तत्वों का प्रदर्शन शामिल है।
- सफल महिला-हितैषी पहलों पर प्रकाश डालने वाले सूचनात्मक वीडियो का प्रदर्शन।
पंचायती राज संस्थान (PRI) :
- भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक प्रणाली है
- स्थानीय लोगों द्वारा निर्वाचित निकायों के माध्यम से स्थानीय मामलों का प्रबंधन करती है
- संवैधानिक प्रावधान: भाग IX (अनुच्छेद 243-243O)
मुख्य संवैधानिक प्रावधान:
अनुच्छेद | विषय |
अनुच्छेद 243 | परिभाषाएं (ग्राम सभा, पंचायत, राज्य चुनाव आयोग आदि) |
अनुच्छेद 243A | ग्राम सभा की स्थापना और अधिकार |
अनुच्छेद 243B | त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर) |
अनुच्छेद 243C | पंचायतों की संरचना (सीटों की संख्या, प्रतिनिधित्व आदि) |
अनुच्छेद 243D | अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षण |
अनुच्छेद 243E | पंचायतों का कार्यकाल (5 वर्ष) और भंग होने की स्थिति में चुनाव |
अनुच्छेद 243F | पंचायतों के सदस्यों की अयोग्यता |
अनुच्छेद 243G | पंचायतों के अधिकार और शक्तियाँ (योजना निर्माण, आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय) |
अनुच्छेद 243H | पंचायतों के वित्तीय अधिकार (कर, शुल्क, निधि) |
अनुच्छेद 243I | राज्य वित्त आयोग का गठन |
अनुच्छेद 243J | पंचायतों के खातों और ऑडिट की व्यवस्था |
अनुच्छेद 243K | पंचायत चुनावों का संचालन (राज्य चुनाव आयोग के अधीन) |
अनुच्छेद 243L | केंद्र शासित प्रदेशों में पंचायतों का प्रावधान |
अनुच्छेद 243M | कुछ राज्यों में पंचायतों के प्रावधानों में अपवाद (जैसे नागालैंड, मिज़ोरम, मेघालय) |
अनुच्छेद 243N | पूर्ववर्ती कानूनों की निरंतरता |
अनुच्छेद 243O | पंचायत चुनावों में न्यायालयीय हस्तक्षेप का निषेध |
इतिहास:
- महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की संकल्पना दी, जिसमें ग्राम पंचायतों को सशक्त प्रशासनिक इकाई बनाने की वकालत की गई।
- 1957 : बलवंत राय मेहता समिति ने त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली की सिफारिश की।
- 1959 : राजस्थान (नागौर जिला) और आंध्र प्रदेश में पंचायती राज प्रणाली लागू की गई।
- 1992 : 73वां संविधान संशोधन अधिनियम पारित किया गया, जिससे इसे संवैधानिक दर्जा मिला।
- 24 अप्रैल 1993 : पूरे भारत में पंचायती राज अधिनियम प्रभावी हुआ। इस दिन को ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
संरचना:-
पंचायती राज की संरचना (त्रि-स्तरीय प्रणाली) :
स्तर | इकाई | प्रमुख पदाधिकारी |
ग्राम स्तर | ग्राम पंचायत | सरपंच |
ब्लॉक स्तर | पंचायत समिति / जनपद पंचायत | प्रमुख/अध्यक्ष |
जिला स्तर | जिला परिषद | अध्यक्ष (Chairperson) |