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RBI ने NBFC और MFI को दिए जाने वाले ऋण पर जोखिम भारांश घटाया

Fri 28 Feb, 2025

संदर्भ :-

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI) को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण पर जोखिम भारांश को कम करने का फैसला किया है।
  • यह निर्णय NBFC और MFI के लिए ऋण प्राप्त करने की लागत को कम करेगा और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार करेगा।

पृष्ठभूमि:-

  • नवंबर 2023 में, RBI ने उपभोक्ता ऋण, जिसमें व्यक्तिगत ऋण और NBFC को दिए जाने वाले बैंक ऋण शामिल थे, पर जोखिम भारांश को 100% से बढ़ाकर 125% कर दिया था।
  • इससे NBFC और MFI को ऋण देने की गति में कमी आई थी।
  • अब, RBI ने इन जोखिम भारांशों को पुनः घटाकर पूर्व स्तर पर लाने का निर्णय लिया है।

मुख्य बिंदु:-

  • NBFC ऋणों पर जोखिम भारांश में कमी: RBI ने NBFC को दिए जाने वाले बैंक ऋणों पर जोखिम भारांश को उनकी बाहरी क्रेडिट रेटिंग के अनुसार पुनः निर्धारित किया है, जिससे बैंकों की पूंजी आवश्यकताएं कम होंगी और वे अधिक ऋण प्रदान कर सकेंगे।
  • सूक्ष्म वित्त ऋणों पर जोखिम भारांश में कमी: व्यक्तिगत ऋणों की तरह, सूक्ष्म वित्त ऋणों पर भी जोखिम भारांश को 125% से घटाकर 100% किया गया है, जिससे MFI को अधिक धनराशि उपलब्ध होगी और वे अधिक ऋण प्रदान कर सकेंगे।

प्रभावित पक्ष:-

  • बैंक: बैंकों की पूंजी स्थिति में सुधार होगा, जिससे वे अधिक ऋण दे सकेंगे और उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
  • NBFC और MFI: इन संस्थानों के लिए ऋण प्राप्त करना आसान होगा और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
  • छोटे उधारकर्ता: छोटे उधारकर्ताओं को अधिक ऋण मिल सकेगा और उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त हो सकेगा।

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC):

  • बैंकों की तरह वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं लेकिन उनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता।
  • ये जमा स्वीकार करने, ऋण देने, निवेश सेवाएं और अन्य वित्तीय कार्य करती हैं।

विशेषताएं:-

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित : NBFC को RBI के नियमन और दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है।
  • बैंकिंग सेवाएं नहीं प्रदान कर सकतीं : NBFC चेक जारी नहीं कर सकती और बचत खाते नहीं खोल सकती।
  • वित्तीय गतिविधियाँ : ऋण प्रदान करना, निवेश, परिसंपत्ति वित्तपोषण, बीमा और अन्य वित्तीय सेवाएं देना।
  • डिपॉजिट स्वीकार करना (कुछ मामलों में) : कुछ NBFC कंपनियों को सार्वजनिक जमा स्वीकार करने की अनुमति होती है, लेकिन ये बैंक की तरह मांग पर भुगतान नहीं कर सकतीं।
  • प्राथमिक रूप से ऋण प्रदाता : NBFC का मुख्य कार्य व्यक्तिगत, वाहन, हाउसिंग, व्यापार, माइक्रोफाइनेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस में ऋण देना है।

प्रकार:

  • डिपॉजिट लेने वाली (Deposit Taking NBFC – NBFC-D)
  • गैर-डिपॉजिट लेने वाली (Non-Deposit Taking NBFC – NBFC-ND)
  • हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFC)
  • माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFI)
  • इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियां (IFC)
  • एसेट फाइनेंस कंपनियां (AFC)

NBFC और बैंक में अंतर:

विशेषता NBFC बैंक
विनियमन RBI द्वारा नियमन RBI और सरकार द्वारा नियमन
डिपॉजिट स्वीकार करना सीमित बचत, चालू और सावधि जमा खाते
भुगतान सेवाएं उपलब्ध नहीं चेक और डिमांड ड्राफ्ट जारी कर सकते हैं
रिज़र्व आवश्यकताएँ कोई SLR/CRR नहीं SLR और CRR अनिवार्य

 

NBFC के कुछ प्रमुख उदाहरण:

  • बजाज फाइनेंस लिमिटेड
  • श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस
  • महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज
  • टाटा कैपिटल
  • मुथूट फाइनेंस

सूक्ष्म वित्त संस्थान (MFI) :

  • निम्न-आय वर्ग और छोटे उद्यमियों को छोटे ऋण (माइक्रोक्रेडिट) प्रदान करती हैं।
  • इनका मुख्य उद्देश्य गरीब और असंगठित क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।
  • ये संस्थाएँ मुख्य रूप से महिलाओं, ग्रामीण क्षेत्रों, और छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
  • पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली की तुलना में कम दस्तावेजीकरण और सुलभ प्रक्रियाएँ अपनाई जाती हैं।
  • ये संस्थाएँ ऋण के अलावा बचत, बीमा, रेमिटेंस और वित्तीय शिक्षा जैसी सेवाएँ भी प्रदान कर सकती हैं।

प्रकार:

1. NGO-MFI (गैर-सरकारी संगठन आधारित MFI)

  • स्वयं सहायता समूह (SHG) और सहकारी समितियाँ
  • गैर-लाभकारी संस्थाएँ जो गरीबों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।

2. NBFC-MFI (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी आधारित MFI)

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित संस्थाएँ जो MFI की तरह काम करती हैं।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती हैं।

3. बैंकिंग संस्थानों से जुड़े MFI

  • सार्वजनिक और निजी बैंक – माइक्रोफाइनेंस के लिए विशेष योजनाएँ चलाते हैं।
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) – ग्रामीण क्षेत्रों में लघु ऋण देते हैं।

नियामक प्राधिकरण:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) – NBFC-MFI का नियमन करता है।
  • नाबार्ड (NABARD) – ग्रामीण क्षेत्रों में MFI को सहायता प्रदान करता है।
  • सेबी (SEBI) – कुछ MFIs जो बाजार से पूंजी जुटाती हैं, उनके लिए सेबी के दिशानिर्देश लागू होते हैं।
  • कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) – गैर-लाभकारी MFIs को नियंत्रित करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) :

विषय विवरण
स्थापना 1 अप्रैल 1935
मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र
संस्थापक अधिनियम भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934
राष्ट्रीयकरण 1949
वर्तमान गवर्नर संजय मल्होत्रा
मुख्य कार्य मौद्रिक नीति का निर्माण, मुद्रा जारी करना, वित्तीय स्थिरता बनाए रखना
मुद्रा जारी करने का अधिकार ₹2 और उससे अधिक मूल्यवर्ग के नोट जारी करता है (₹1 का नोट भारत सरकार जारी करती है)

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