पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक
 
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पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक

Sat 22 Feb, 2025

संदर्भ : -

  • पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक 22 फरवरी, 2025 को महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह ने की।
  • इस बैठक की मेजबानी महाराष्ट्र सरकार ने किया, जिसे गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन अंतर राज्य परिषद सचिवालय द्वारा महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया।

बैठक में प्रतिभागी :-

  • सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्री
  • संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक
  • प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री
  • राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य सचिव, सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी
  • केंद्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद के सचिव और केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी

प्रमुख मुद्दे:-

1. क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व के प्रमुख मुद्दे

  • महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच
  • फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन
  • प्रत्येक गांव के 5 किमी के भीतर बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS-112) का क्रियान्वयन
  • बुनियादी ढांचे, खनन, पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा से जुड़े मुद्दे

2. राष्ट्रीय महत्व के प्रमुख विषय :

  • विद्युत आपूर्ति और संचालन
  • शहरी मास्टर प्लान पर चर्चा
  • पोषण अभियान के तहत बच्चों में कुपोषण दूर करना
  • स्कूली बच्चों की ड्रॉप-आउट दर कम करने के उपाय
  • आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी बढ़ाना
  • प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को सशक्त बनाना

क्षेत्रीय परिषद :-

  • वैधानिक (संवैधानिक नहीं) निकाय हैं।
  • स्थापित : राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 द्वारा
  • स्‍थापना : स्थापना : 1957 में
  • कुल परिषदें : पांच(उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी)
  • परिषदों के अध्यक्ष : केंद्रीय गृह मंत्री

क्षेत्रीय परिषद :-

  • वैधानिक (संवैधानिक नहीं) निकाय हैं।
  • स्थापित : राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 द्वारा
  • स्‍थापना : स्थापना : 1957 में
  • कुल परिषदें : पांच(उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी)
  • परिषदों के अध्यक्ष : केंद्रीय गृह मंत्री
  • उद्देश्य : राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाना

क्षेत्रीय परिषदों का उद्देश्य :-

  • दो या अधिक राज्यों के बीच आपसी सहयोग और विवादों का समाधान
  • संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय बढ़ाना
  • विकास से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा और समाधान निकालना

संगठनात्मक ढाँचा : -

  • अध्यक्षः केन्द्रीय गृह मंत्री इन सभी परिषदों के अध्यक्ष होता है।
  • उपाध्यक्ष: प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किये गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक समय में एक वर्ष की अवधि के लिये उस अंचल के आंचलिक परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
  • सदस्य: मुख्यमंत्री और प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा यथा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किये गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य।
  • सलाहकार: प्रत्येक क्षेत्रीय परिषदों के लिये योजना आयोग (अब नीति आयोग) द्वारा नामित एक, मुख्य सचिव और जोन में शामिल प्रत्येक राज्य द्वारा नामित एक अन्य अधिकारी/विकास आयुक्त होते हैं।

क्षेत्रीय परिषदें और उनके अंतर्गत आने वाले राज्य : -

क्षेत्रीय परिषद अंतर्गत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, लद्दाख
दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र, दादरा और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव
मध्य क्षेत्रीय परिषद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड

उत्तर-पूर्वी परिषद (North Eastern Council : NEC) :

  • उत्तर-पूर्वी परिषद (NEC) की स्थापना वर्ष 1971 में संसद द्वारा पारित उत्तर-पूर्वी परिषद अधिनियम (North Eastern Council Act, 1971) के तहत की गई थी।
  • यह पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों के लिए एक विशेष क्षेत्रीय परिषद के रूप में कार्य करती है।
  • अंतर्गत आने वाले राज्य: अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम (वर्ष 2002 में शामिल किया गया)
  • अध्यक्ष: भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं।

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