18 February, 2025
इंडियन ओसन कान्फ्रेंस-2025
Mon 17 Feb, 2025
संदर्भ :
- आठवां हिंद महासागर सम्मेलन (Indian Ocean Conference) 16-17 फरवरी, 2025 को मस्कट, ओमान में इंडिया फाउंडेशन और ओमान के विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया।
मुख्य बिन्दु :
- इस सम्मेलन में भारत, ओमान, सिंगापुर, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, सेशेल्स, मॉरीशस, जिबूती, सोमालिया, केन्या, तंजानिया, मेडागास्कर, मोजाम्बिक, जिबूती, और तंजानिया सहित 20 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- सम्मेलन का विषय : नवीन समुद्री साझेदारी की ओर यात्रा
- यह सम्मेलन हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने हेतु एक प्रमुख मंच है।
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए हिंद महासागर को 'वैश्विक जीवन रेखा' बताया और क्षेत्र के विकास के लिए साथ आने की बात कही।
- नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. राणा देउबा ने जलवायु परिवर्तन को प्राथमिकता बताते हुए सभी उच्च स्तरीय गणमानुभावों को "सागरमाथा संवाद" में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो 16-18 मई 2025 को काठमांडू में "जलवायु परिवर्तन, पहाड़ और मानवता का भविष्य" विषय पर आयोजित किया जाएगा।
- इंडियन ओसन कान्फ्रेंस में चीन ने पहली बार अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा।
- सिंगापुर के विदेश मंत्री डॉ. विवियन बालकृष्णन ने सम्मेलन में अपने विचार प्रस्तुत किए, जिसमें उन्होंने समुद्री सुरक्षा और स्थिरता के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
- प्रमुख घोषणाएँ: सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आपदा प्रबंधन, और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, और इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर सहमति बनी।
- हिंद महासागर सम्मेलन का प्रथम संस्करण वर्ष, 2016 में सिंगापुर में आयोजित किया गया था, जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में आने वाले प्रमुख देश:
- दक्षिण एशिया: भारत, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश, पाकिस्तान
- दक्षिण पूर्व एशिया: इंडोनेशिया, म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर
- पूर्वी अफ्रीका: केन्या, तंजानिया, सोमालिया, मोज़ाम्बिक, मेडागास्कर
- मध्य पूर्व: सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान
- ऑस्ट्रेलिया एवं द्वीपीय देश: ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, सेशेल्स, कोमोरोस
हिंद महासागर की सामरिक और आर्थिक महत्ता
(A) सामरिक महत्ता:
- हिंद महासागर वैश्विक समुद्री व्यापार के 80% हिस्से को नियंत्रित करता है।
- मलक्का जलडमरूमध्य विश्व की सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक नौवहन पट्टी है।
- इस महासागर के माध्यम से एशिया, यूरोप और अफ्रीका के बीच व्यापार संभव है।
- कई देशों की नौसेनाएँ (Indian Navy, US Navy, Chinese Navy, Royal Navy आदि) यहां अपनी मौजूदगी बनाए रखती हैं।
(B) आर्थिक महत्ता :
- मत्स्य पालन: यह महासागर विश्व के कुल समुद्री मत्स्य उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
- खनिज और गैस संसाधन: हिंद महासागर क्षेत्र में तेल, प्राकृतिक गैस, हीरे, टाइटेनियम, मैंगनीज और कोबाल्ट जैसे खनिज संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
- पर्यटन उद्योग: मालदीव, सेशेल्स, मॉरीशस और श्रीलंका में समुद्री पर्यटन का बड़ा केंद्र है।