10 January, 2025
भारत में 4 नए रामसर स्थलों की घोषणा
Sun 02 Feb, 2025
संदर्भ :
- भारत सरकार ने 2 फरवरी, 2025 को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर 4 नए स्थलों को रामसर सूची में जोड़ा। इसके साथ ही भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्या 89 हो गई।
मुख्य बिन्दु :
नए रामसर स्थल:
1. सक्कराकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
2. थेर्थंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
3. खेचियोपालरी आर्द्रभूमि (सिक्किम)
4. उधवा झील (झारखंड)
- सक्काराकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु): यह अभयारण्य रामनाथपुरम जिले में स्थित है और मध्य एशियाई फ्लाईवे के साथ 230.495 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह जलीय पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण प्रजनन और खाद्य आपूर्ति स्थल है।
- थेरथंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु): यह अभयारण्य भी रामनाथपुरम जिले में स्थित है और 29.30 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह विभिन्न प्रकार के पक्षियों का घर है, जिनमें प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं।
- खेचेओपलरी वेटलैंड (सिक्किम): यह आर्द्रभूमि पश्चिम सिक्किम में 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक पवित्र स्थल है और इसे बौद्धों और हिंदुओं दोनों द्वारा पूजनीय माना जाता है।
- उधवा झील (झारखंड): यह झील झारखंड के साहिबगंज जिले में स्थित है। यह दो जल निकायों, पटौरन और बरहले से मिलकर बनी है, जो एक जल चैनल द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं। यह विभिन्न प्रकार के पक्षियों का घर है, जिनमें प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं।
रामसर स्थल :
- ऐसी आर्द्रभूमियां (Wetlands) होती हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व रखती हैं और जिन्हें संरक्षण के लिए चिह्नित किया गया है। इनका नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है, जहां रामसर संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
रामसर संधि (Ramsar Convention):
- संधि पर हस्ताक्षर : 2 फरवरी, 1971 को ईरान के रामसर शहर में (विश्व आर्द्रभूमि दिवस: हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है)
- लागू हुआ : 1975 में
- रामसर स्थलों की सूची रामसर सम्मेलन के सचिवालय द्वारा रखी जाती है, जो स्विट्जरलैंड के ग्लैंड में स्थित अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) मुख्यालय में स्थित है।
- भारत ने 1982 में इस संधि को अपनाया
- प्रथम भारतीय आर्द्रभूमि स्थल: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) और चिल्का झील (ओडिशा) 1981 में।
- तमिलनाडु में सबसे ज़्यादा 18 स्थल हैं, और उसके बाद उत्तर प्रदेश में 10 स्थल हैं।
- भारत में सबसे बड़ा रामसर स्थल: सुंदरबन, पश्चिम बंगाल
- भारत में सबसे छोटा रामसर: रेणुका, हिमाचल प्रदेश
नोट :- वर्तमान में, भारत एशिया में सर्वाधिक रामसर स्थलों वाले देश के साथ ही यूनाइटेड किंगडम (176) और मैक्सिको (144) के बाद विश्व में तीसरा सबसे अधिक रामसर स्थल वाला देश बन गया है।
आर्द्रभूमि (Wetlands) क्या है?
आर्द्रभूमि वे क्षेत्र हैं जो स्थायी या मौसमी रूप से जल से भरे रहते हैं। इनमें नदियां, झीलें, दलदल, समुद्री तटीय क्षेत्र आदि शामिल हैं।
प्रकार:
1. मीठे पानी की आर्द्रभूमि (Freshwater Wetlands)
2. खारे पानी की आर्द्रभूमि (Saltwater Wetlands)
3. मानव निर्मित आर्द्रभूमि (Artificial Wetlands)
महत्व:
- जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण।
- बाढ़ नियंत्रण और तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा।
- जैव विविधता को बनाए रखना।
- स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का स्रोत।
आर्द्रभूमि के संरक्षण हेतु वैश्विक पहल :
1. मोंट्रेक्स रेकॉर्ड :
2. विश्व आर्द्रभूमि दिवस :
- आयोजन : प्रतिवर्ष 2 फरवरी को, 2025 के लिए थीम : "हमारे साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण"
राष्ट्रीय पहल :
- आर्द्रभूमि (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017
- जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के संरक्षण के लिये राष्ट्रीय योजना (NPCA)
- अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना : शुरुआत : जून 2023
- राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम (NWCP):1985