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सड़क पीड़ितों के लिए “कैशलेस चिकित्सा उपचार” योजना

Thu 09 Jan, 2025

संदर्भ

  • सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 14 मार्च, 2025 तक मोटर वाहन दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए 'गोल्डन ऑवर' के दौरान कैशलेस उपचार की योजना तैयार करे।
  • सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए “कैशलेस उपचार” योजना
  • केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए “कैशलेस उपचार” योजना शुरू करने की घोषणा की।
  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 2024 में कैशलेस उपचार योजना पर एक पायलट परियोजना शुरू की।
  • मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा संशोधित) के तहत कैशलेस उपचार प्रदान किया गया है।

गोल्डन ऑवर क्या है?

  • यह दर्दनाक चोट के बाद के 60 मिनट होते हैं, जिसके दौरान तुरंत चिकित्सा देखभाल प्रदान करके मृत्यु को रोकने की सबसे अधिक संभावना होती है।

योजना के प्रावधान

  • सरकार सात दिनों के लिए 1.5 लाख रुपये तक के उपचार खर्च को कवर करेगी, बशर्ते पुलिस को दुर्घटना के बारे में 24 घंटे के भीतर सूचित किया जाए।
  • हिट-एंड-रन मामलों में अपनी जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवारों को 2 लाख रुपये का भुगतान।

भारत में दुर्घटनाओं से संबंधित मौतें

  • पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.8 लाख मौतें हुईं, जिनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं।
  • 66% दुर्घटनाएँ 18 से 34 वर्ष की आयु के व्यक्तियों से संबंधित थीं।
  • स्कूलों और कॉलेजों के पास खराब सुरक्षा उपायों के कारण 10,000 बच्चों की मौत हुई।

गुड सेमेरिटन स्कीम

  • शुरू की गई: 3 अक्टूबर 2021 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा
  • यह उस नेक इंसान को पुरस्कार प्रदान करता है जिसने दुर्घटना के समय तत्काल सहायता प्रदान करके और दुर्घटना के समय के भीतर अस्पताल/ट्रॉमा केयर सेंटर पहुंचाकर घातक दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की जान बचाई हो।
  • यह राशि प्रति घटना ₹ 5,000/- होगी।
  • यह योजना 31 मार्च 2026 तक चालू रहेगी।

हिट एंड रन कानून

  • भारतीय न्याय संहिता (BNS) का हिस्सा है
  • पेश : दिसंबर 2023
  • हिट-एंड-रन मामलों में शामिल ड्राइवरों पर सख्त दंड का प्रावधान करता है
  • धारा 106(2) : दुर्घटना की सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन को दिए बिना दुर्घटना स्थल से चले जाने वाले वाहन चालकों को 10 वर्ष तक की जेल और जुर्माना का प्रावधान है।
  • धारा 106(1) : इसमें दुर्घटना की सूचना पुलिस को देने वाले चालकों के लिए 5 वर्ष तक के कारावास की छोटी सजा का प्रावधान है, जो लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुई मौतों के संबंध में अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं।

सड़क दुर्घटनाओं के कारण

  • यातायात नियमों का उल्लंघन
  • ओवरस्पीडिंग
  • ड्रंक ड्राइविंग
  • डिस्ट्रैक्टेड ड्राइविंग

सड़क सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने की पहल

  • जागरूकता फैलाने के लिए हर साल राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह/सप्ताह का आयोजन।
  • राज्य/जिला स्तर पर ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (IDTR), क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (RDTC) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (DTC) की स्थापना।
  • सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीय संग्रह स्थापित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (e-DAR) परियोजना।
  • टोल प्लाजा पर पैरामेडिकल स्टाफ/आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन/नर्स के साथ एम्बुलेंस के लिए प्रावधान।
  • सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और प्रवर्तन के लिए नियम जारी किए गए।

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