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मौद्रिक नीति समिति (MPC)

Sat 07 Dec, 2024

संदर्भ

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने 6 दिसंबर को वित्त वर्ष 2025 की पांचवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति आयोजित की।
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बेंचमार्क रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा और नीतिगत रुख को 'तटस्थ' रखा। एमपीसी ने सीआरआर को भी 50 बीपीएस घटाकर 4% कर दिया।

मौद्रिक नीति समिति (MPC)

  • मौद्रिक नीति समिति (MPC) भारत सरकार द्वारा गठित एक समिति है जिसका मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखते हुए मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। यह समिति देश की मौद्रिक नीति का निर्धारण करती है, जिसमें ब्याज दरों में बदलाव करना भी शामिल है।

MPC का गठन और उद्देश्य

  • गठन: भारत सरकार ने 27 जून, 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करते हुए मौद्रिक नीति समिति का गठन किया।

उद्देश्य:

  • मुद्रास्फीति नियंत्रण: MPC का प्राथमिक उद्देश्य एक निश्चित लक्ष्य के भीतर मुद्रास्फीति को रखना है।
  • आर्थिक वृद्धि: MPC ऐसी मौद्रिक नीति बनाती है जो आर्थिक विकास को बढ़ावा दे।
  • वित्तीय स्थिरता: MPC वित्तीय प्रणाली को स्थिर रखने के लिए काम करती है।

MPC के सदस्य

MPC में कुल छह सदस्य होते हैं: -

  • तीन सदस्य: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और दो डिप्टी गवर्नर।
  • तीन सदस्य: सरकार द्वारा नामित अर्थशास्त्री।

MPC के कार्य

  • ब्याज दरों का निर्धारण: MPC देश में ब्याज दरों का निर्धारण करती है। ब्याज दरों में बदलाव का सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
  • मुद्रास्फीति रिपोर्ट: MPC समय-समय पर मुद्रास्फीति रिपोर्ट जारी करती है, जिसमें मुद्रास्फीति के स्तर, इसके कारणों और भविष्य के आउटलुक के बारे में जानकारी दी जाती है।
  • मौद्रिक नीति का क्रियान्वयन: MPC द्वारा लिए गए निर्णयों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रियान्वित किया जाता है।
  • मौद्रिक नीति के उपकरण
  • मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने और मुद्रास्फीति को संतुलित रखने के लिए कई उपकरणों का उपयोग किया जाता है। इन उपकरणों के माध्यम से MPC मुद्रा आपूर्ति और ब्याज दरों को समायोजित करती है।

मौद्रिक नीति के प्रमुख उपकरण निम्नलिखित हैं: -

  • रेपो दर (Repo Rate): यह वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है।
  • रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate): यह वह दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों से अतिरिक्त धनराशि जमा करता है।
  • खुला बाजार परिचालन (Open Market Operations): RBI सरकारी प्रतिभूतियां खरीद या बेचकर बाजार में मुद्रा की मात्रा को समायोजित करता है।
  • नकद आरक्षित अनुपात (Cash Reserve Ratio-CRR): यह वह अनुपात है जो वाणिज्यिक बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा RBI के साथ नकद के रूप में रखना होता है।
  • वैधानिक तरलता अनुपात (SLR): यह वह अनुपात है जो वाणिज्यिक बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा उच्च गुणवत्ता वाली तरल परिसंपत्तियों (जैसे सरकारी प्रतिभूतियां) के रूप में रखना होता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI):

  • स्थापना: 1 अप्रैल, 1935 (भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत)
  • प्रथम गवर्नर: सर ऑस्बोर्न स्मिथ
  • वर्तमान गवर्नर: शक्तिकांत दास
  • मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र

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