01 December, 2024
विश्व व्यापार संगठन (WTO)
Fri 06 Dec, 2024
संदर्भ
- भारत ने हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (WTO) में उन आरोपों पर पलटवार किया है, जिनमें कहा गया है कि वह घरेलू किसानों को अनुमति से ज़्यादा सहायता प्रदान करता है।
- अमेरिका के नेतृत्व में पाँच देशों का यह अनुमान है कि भारत अपने चावल और गेहूँ का उत्पादन करने वाले किसानों को WTO को दी जाने वाली जानकारी से ‘काफ़ी ज़्यादा’ सहायता देता है।
विश्व व्यापार संगठन (WTO)
- WTO एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो देशों के बीच व्यापार के नियमों को निर्धारित करता है।
- मुख्य उद्देश्य:विश्व व्यापार यथासंभव सुचारू, पूर्वानुमेय और स्वतंत्र रूप से संचालित हो।
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
- महासचिव: नगोजी ओकोन्जो-इवेला
गठन और उद्देश्य
- गठन: WTO की स्थापना 1 जनवरी 1995 को हुई थी। यह 1947 में स्थापित प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) का उत्तराधिकारी है।
उद्देश्य:
- व्यापार बाधाओं को कम करना: WTO देशों के बीच व्यापार बाधाओं जैसे कि टैरिफ, कोटा और अन्य प्रतिबंधों को कम करने का प्रयास करता है।
- व्यापार के लिए एक मंच प्रदान करना: WTO देशों को व्यापार समझौतों पर बातचीत करने और विवादों का निपटारा करने का एक मंच प्रदान करता है।
- व्यापार नीतियों का समन्वय: WTO सदस्य देशों की व्यापार नीतियों का समन्वय करता है और उन्हें पारदर्शी बनाता है।
- विकासशील देशों की सहायता: WTO विकासशील देशों को व्यापार में भाग लेने के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान करता है।
WTO के प्रमुख कार्य
- व्यापार समझौतों का प्रबंधन: WTO कई व्यापार समझौतों का प्रबंधन करता है जिनमें वस्तुओं, सेवाओं, बौद्धिक संपदा आदि शामिल हैं।
- व्यापार विवादों का निपटारा: WTO में एक विवाद निपटान प्रणाली है जिसके माध्यम से सदस्य देश अपने व्यापार विवादों का निपटारा कर सकते हैं।
- व्यापार नीतियों की समीक्षा: WTO सदस्य देशों की व्यापार नीतियों की नियमित समीक्षा करता है।
- व्यापार वार्ता का आयोजन: WTO समय-समय पर व्यापार वार्ता का आयोजन करता है ताकि व्यापार समझौतों में सुधार किया जा सके।
WTO का महत्व
- WTO विश्व व्यापार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। WTO के माध्यम से देशों को एक-दूसरे के बाजारों तक पहुंच मिलती है जिससे उत्पादन और रोजगार बढ़ता है।
WTO की आलोचना
- WTO की आलोचना भी होती है। कुछ लोग मानते हैं कि WTO विकासशील देशों के हितों की पर्याप्त रूप से रक्षा नहीं करता है और यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हितों को अधिक महत्व देता है।