01 December, 2024
परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल
Sat 30 Nov, 2024
संदर्भ
- भारतीय नौसेना ने बंगाल की खाड़ी के विशाखापत्तनम तट से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मध्यम दूरी की पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल K-4 या कलाम-4 मिसाइल का प्रक्षेपण किया। यह एक ठोस ईंधन वाली मिसाइल है और इसकी मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर है।
K-4 मिसाइल:
- यह एक परमाणु सक्षम मध्यम दूरी की ‘पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल’ (SLBM) है, जिसका नाम पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम रखा गया है।
- निर्माण : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा
- मारक क्षमता : 3,500 किलोमीटर से अधिक
- गति : मैक 5 (100 किमी. प्रति मिनट)
- आकार : 1.5 मीटर व्यास, 10 मीटर लंबाई, वजन 20 टन
परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल
यह एक परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी है जो पानी के भीतर से बैलिस्टिक मिसाइल दागने में सक्षम है।
पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी: INS अरिहंत
- भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी INS अरिहंत को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने 26 जुलाई, 2009 को लॉन्च किया था।
- 6000 टन के इस जहाज के निर्माण के साथ ही भारत ऐसी पनडुब्बियाँ रखने वाला छठा देश बन गया।
- अन्य पाँच देश अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस हैं।
- बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों से गुजरने के बाद, INS अरिहंत 2016 में नौसेना के बेड़े का हिस्सा बन गया।
- INS अरिहंत 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 परमाणु मिसाइलें ले जा सकता है।
दूसरी पनडुब्बी: INS अरिघात
- अरिहंत श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी, INS अरिघाट में मिसाइलों की संख्या दोगुनी है, जिससे भारत को 'जल युद्ध' में अधिक मिसाइलें ले जाने की क्षमता मिलती है।
- इस पनडुब्बी का कोडनेम S-3 था।
- लॉन्च: कई स्थगन के बाद, इसका लॉन्च 2017 में हुआ।
- इस पनडुब्बी को मूल रूप से INS अरिदमन के नाम से जाना जाता था, लेकिन लॉन्च होने पर इसका नाम INS अरिघाट रखा गया।
तीसरी परमाणु पनडुब्बी: INS अरिदमन
- अरिहंत श्रेणी की तीसरी परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत को भी 23 नवंबर 2021 को विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर से लॉन्च किया गया, जिसमें गोपनीयता भी बरती गई।
- यह परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत से 13.8 मीटर बड़ी है।
- यह अपने साथ कम से कम 8 के-4 बैलिस्टिक मिसाइल ले जा सकती है। भारत अपनी समुद्री हमला क्षमता बढ़ाने के लिए कम से कम चार ऐसी पनडुब्बियों को समुद्र में उतारने की योजना बना रहा है।
- INS अरिहंत को अगले साल नौसेना में शामिल किया जाएगा।
SSBN की विशेषताएं:
- परमाणु शक्ति: एसएसबीएन पनडुब्बियां परमाणु रिएक्टरों से लैस होती हैं, जो उन्हें लंबे समय तक समुद्र में रहने और सतह पर आए बिना मिशन पूरा करने की क्षमता प्रदान करती हैं।
- बैलिस्टिक मिसाइल: ये पनडुब्बियां बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जाती हैं, जो बहुत दूर तक वार करने में सक्षम हैं। इन मिसाइलों को पानी के अंदर से दागा जा सकता है और ये हजारों किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्यों को निशाना बना सकती हैं।
- स्टील्थ: एसएसबीएन पनडुब्बियां समुद्र के अंदर छिपी रह सकती हैं, जिसके कारण दुश्मन उन्हें आसानी से नहीं ढूंढ सकता। यह उन्हें एक शक्तिशाली निवारक बल बनाता है।
- विध्वंसक क्षमता: इन पनडुब्बियों में लगी बैलिस्टिक मिसाइलों को परमाणु हथियारों से लैस किया जा सकता है, जो बहुत बड़े क्षेत्र को तबाह कर सकती हैं।