01 December, 2024
क्वाड (QUAD)
Thu 21 Nov, 2024
संदर्भ
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बानीस ने वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत के रूप में क्वाड के माध्यम से सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है जो हिंद-प्रशांत के लिए वास्तविक, सकारात्मक और स्थायी प्रभाव डालता है।
क्वाड (QUAD)
- क्वाड (QUAD) का पूरा नाम 'चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (QUAD- Quadrilateral Security Dialogue) है। यह एक अनौपचारिक समूह है जिसमें चार देश शामिल हैं: भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका।
- उद्देश्य: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और खुलापन को बढ़ावा देना
अन्य उद्देश्य:
- चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना।
- सामुद्रिक सुरक्षा और स्वतंत्र नेविगेशन को सुनिश्चित करना।
- आर्थिक सहयोग और विकास को बढ़ावा देना।
- साइबर सुरक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना।
QUAD का इतिहास
1968 | जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक संयुक्त समुद्री अभ्यास शुरू किया। |
1970 | ऑस्ट्रेलिया को इस अभ्यास में शामिल किया गया। |
2007 | भारत को भी शामिल किया गया और क्वाड का गठन हुआ (चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया के पीछे हटने के कारण इसे रोक दिया गया था।) |
2012 | जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे द्वारा हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका को शामिल करते हुए एक ‘डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड’ (Democratic Security Diamond) स्थापित करने का विचार प्रस्तुत किया गया। |
2017 | क्वाड का पुनर्जीवन हुआ और इसने अधिक सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की। |
2021 | प्रथम क्वाड लीडर्स समिट, आभासी रूप से (मेजबानी: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा) |
भारत के लिए लाभ:
- सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग: भारत को क्वाड के माध्यम से सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग प्राप्त होता है।
- आर्थिक अवसर: क्वाड के सदस्य देशों के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलता है।
- तकनीकी सहयोग: क्वाड के माध्यम से भारत को जापान और अमेरिका जैसे विकसित देशों का तकनीकी सहयोग भी प्राप्त होता है।
- सामरिक प्रभाव: क्वाड के माध्यम से भारत का सामरिक प्रभाव भी बढ़ता है।
क्वाड लीडर्स समिट, 2025 - मेजबान देश: भारत |