20 November, 2024
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम (AFSPA)
Mon 18 Nov, 2024
संदर्भ
- मणिपुर में जातीय हिंसा की हालिया घटना के बीच केंद्र सरकार ने 17 नवंबर, 2024 को राज्य में तैनात सभी सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम (AFSPA):
- यह अधिनियम सुरक्षा बलों को कुछ विशेष अधिकार प्रदान करता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विद्रोह या अशांति की स्थिति होती है।
- पूर्व नाम: इसे सशस्त्र बल (असम और मणिपुर) विशेष अधिकार अधिनियम, 1958 के रूप में जाना जाता था।
- नगाओं के विद्रोह से निपटने के लिये यह कानून पहली बार वर्ष 1958 में लागू हुआ था।
- वर्तमान में AFSPA असम, नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है।
AFSPA के तहत सशस्त्र बलों के अधिकारों में मुख्यतः शामिल हैं:
- किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार: AFSPA के तहत सुरक्षा बल किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकते हैं, अगर उन्हें संदेह है कि वह किसी अपराध में शामिल है।
- किसी भी इमारत या जगह की तलाशी लेने का अधिकार: सुरक्षा बल बिना किसी न्यायिक आदेश के किसी भी इमारत या जगह की तलाशी ले सकते हैं।
- शक के आधार पर किसी को गोली मारने का अधिकार: अगर कोई व्यक्ति सुरक्षा बलों को खतरा लगता है, तो उन्हें गोली मारी जा सकती है।
विवाद:
AFSPA को लेकर मुख्य रूप से दो तरह के विवाद होते हैं:
- मानवाधिकारों का उल्लंघन: कई लोगों का मानना है कि AFSPA के तहत दिए गए अधिकारों का अक्सर दुरुपयोग होता है और यह मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।
- स्वायत्तता का हनन: AFSPA को अक्सर राज्य सरकारों की स्वायत्तता पर एक हमला माना जाता है।
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