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'कवच' प्रणाली

Tue 15 Oct, 2024

संदर्भ

  • हाल ही में चेन्नई के निकट कवारैपेट्टई में एक यात्री ट्रेन के मालगाड़ी से टकराने  की वजह से ट्रेनों में 'कवच' प्रणाली लगाने की जरूरत पर बात हो रही है।
  • यह घटना ट्रैफिक कोलिज़न अवॉइडेंस सिस्टम (Traffic Collision Avoidance Systems -TCAS) की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।

कवच प्रणाली

  • कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित, अत्याधुनिक ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, जिसे अनुसंधान डिज़ाइन और मानक संगठन (Research Design and Standards Organisation- RDSO) द्वारा तीन भारतीय अनुबंधकारों के सहयोग से तैयार किया गया है। 
  • इसका उद्देश्य ट्रेन हादसों को रोकना और रेल यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाना है।

कवच कैसे काम करता है?

  • स्वचालित ब्रेकिंग: अगर दो ट्रेनें एक-दूसरे के बहुत करीब आ जाती हैं, तो कवच स्वचालित रूप से ट्रेन के ब्रेक लगा देता है, जिससे टक्कर होने से बच जाता है।
  • सिग्नलिंग सिस्टम: यह सिस्टम ट्रेन चालक को सिग्नल भेजता रहता है, जिससे उन्हें ट्रेन की गति और स्थिति के बारे में लगातार जानकारी मिलती रहती है।
  • सुरक्षा: कवच में कई तरह की सुरक्षा संबंधी विशेषताएं होती हैं, जैसे कि ओवर स्पीड अलार्म, पॉइंट फेलिंग अलार्म आदि।

घटक: 

कवच प्रणाली के इनस्टॉलेशन में तीन आवश्यक घटक शामिल हैं:

  • पहला घटक: रेलवे ट्रैक में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का प्रयोग।
  • दूसरा घटक: लोकोमोटिव, जिसे चालक के केबिन के रूप में जाना जाता है, में एक RFID रीडर, एक कंप्यूटर और ब्रेक इंटरफेस उपकरण का प्रयोग किया जाता है।
  • तीसरा घटक: इसमें प्रणाली की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिये रेलवे स्टेशनों पर टॉवर और मॉडेम जैसे रेडियो बुनियादी ढाँचे शामिल हैं।
RFID वस्तुओं की पहचान करने के लिये रेडियो तरंगों का उपयोग करता है एवं भौतिक संपर्क या दूर से वायरलेस डिवाइस की जानकारी का स्वचालित आकलन करने के लिये विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का प्रयोग किया जाता है।

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