सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)
 
  • Mobile Menu
HOME
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)

Mon 14 Oct, 2024

संदर्भ

12 अक्टूबर, 2024 को सूचना का अधिकार अधिनियम की 19वीं वर्षगांठ मनाई गयी।

मुख्य बिंदु:

  • नागरिक समाजिक समूह 'सतर्क नागरिक संगठन' द्वारा हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कई आयोगों को मामलों को हल करने के लिए एक वर्ष से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। 
  • इस वर्ष लंबित मामलों की संख्या 4 लाख को पार कर गई है, जो 2022 में 3 लाख से अधिक थी। 
  • महाराष्ट्र राज्य सूचना आयोग (SIC) में 1,08,641 लंबित अपील और शिकायतों की संख्या सबसे अधिक थी।
  • एक अन्य मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने RTI अधिनियम के तहत समय पर जानकारी उपलब्ध कराने में विफल रहने पर अधिकारियों पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) 

सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) एक ऐसा कानून है जिसने भारत में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में एक क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। यह अधिनियम नागरिकों को सूचना पाने का अधिकार देता है, जिससे वे सरकार और सार्वजनिक संस्थानों के कामकाज के बारे में जान सकें।

कब पारित और लागू हुआ?

  • सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में पारित किया गया था और 12 अक्टूबर, 2005 से लागू हुआ। 
  • यह अधिनियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) में दिए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को मजबूत करता है।

इससे जुड़ी समितियां

  • केंद्रीय सूचना आयोग (CIC): यह केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों से संबंधित मामलों को देखता है।
  • राज्य सूचना आयोग (SIC): यह राज्य सरकारों के विभागों और स्थानीय निकायों से संबंधित मामलों को देखता है।

महत्व:

  • पारदर्शिता: यह सरकार और सार्वजनिक संस्थानों के कामकाज में पारदर्शिता लाता है।
  • जवाबदेही: यह सरकार और सार्वजनिक संस्थानों को जवाबदेह बनाता है।
  • भ्रष्टाचार में कमी: यह भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करता है।
  • नागरिकों का सशक्तीकरण: यह नागरिकों को सशक्त बनाता है और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाता है।
  • विकास: यह विकास कार्यों में पारदर्शिता लाकर विकास को गति देता है।

लाभ:

  • किसी भी जानकारी तक पहुंच: आप किसी भी सार्वजनिक जानकारी तक पहुंच सकते हैं, चाहे वह सरकार की नीतियों से संबंधित हो या किसी सार्वजनिक परियोजना की जानकारी।
  • शिकायत दर्ज करना: यदि आपकी शिकायत का निपटारा नहीं होता है, तो आप सूचना आयोग में अपील कर सकते हैं।
  • जनता की भागीदारी: यह जनता को शासन में भागीदार बनाता है।

कमियां:

  • अधिकारियों द्वारा सूचना देने में देरी: कई बार अधिकारी सूचना देने में देरी करते हैं या गलत सूचना देते हैं।
  • सूचना का दुरुपयोग: कभी-कभी सूचना का दुरुपयोग भी होता है।
  • जटिल प्रक्रिया: RTI आवेदन करने की प्रक्रिया कुछ जटिल हो सकती है।

केन्द्रीय सूचना आयोग(CIC)

  • स्थापना: वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत केंद्र सरकार द्वारा स्थापित। 
  • सदस्य: इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त होता है एवं दस से अधिक सूचना आयुक्त नहीं हो सकते हैं।
  • नियुक्ति: उन्हें राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है जिसमें अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।
  • कार्यकाल: मुख्य सूचना आयुक्त और एक सूचना आयुक्त केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अवधि या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) पद पर रह सकता है।
  • वर्तमान CIC: हीरालाल सामरिया
RTI लागू करने के लिए पहला जमीनी स्तर का अभियान 1994 में मजदूर किसान शक्ति संगठन (MKSS) द्वारा शुरू किया गया।

Latest Courses