01 December, 2024
भारत ट्रेकोमा मुक्त देश बन गया
Wed 09 Oct, 2024
संदर्भ
- नई दिल्ली में विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय समिति की बैठक के दौरान यह घोषणा की गई कि भारत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा' को समाप्त कर दिया है।
- भारत यह उपलब्धि हांसिल करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र का तीसरा देश है। मलावी दक्षिणी अफ्रीका का पहला देश था जिसने ट्रेकोमा को समाप्त कर दिया।
ट्रेकोमा
- ट्रेकोमा एक संक्रामक आंख का रोग है जो आमतौर पर क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक जीवाणु के कारण होता है।
- यह बीमारी आंखों की पलकों के भीतरी हिस्से को प्रभावित करती है और यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो अंधापन का कारण बन सकती है।
लक्षण:
- आंखों में दर्द
- आंखों में जलन
- पलकों पर सूजन
- पलकों पर छोटे-छोटे दाने
- आंखों से चिपचिपा पदार्थ निकलना
- धुंधला दिखाई देना
ट्रेकोमा क्यों होता है?
- जीवाणु संक्रमण: यह बीमारी क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक जीवाणु के कारण होती है।
- गंदगी और अस्वच्छता: खराब स्वच्छता, संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधा संपर्क, संक्रमित कपड़े या तौलिए साझा करना आदि इस बीमारी के फैलने के मुख्य कारण हैं।
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्र: भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग इस बीमारी के अधिक खतरे में होते हैं।
राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम (NPCB)
- प्रारंभ: वर्ष 1976 में
- 100% केंद्रीयकृत कार्यक्रम
- मुख्य उद्देश्य: वर्ष 2020 तक अंधेपन की व्यापकता को 0.3% तक कम करना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी
- गठन: 7 अप्रैल, 1948
- अध्यक्ष: टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
अंधेपन के मुख्य कारण: मोतियाबिंद (62.6%) अपवर्तक त्रुटि/ Refractive Error (19.70%) कॉर्नियल अंधापन (0.90%), ग्लूकोमा (5.80%), सर्जिकल जटिलता (1.20%) पोस्टीरियर कैप्सुलर पेसिफ़िकेशन (0.90%) पोस्टीरियर सेगमेंट विकार (4.70%) |