औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)
 
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औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)

Tue 01 Oct, 2024

संदर्भ

  • 30 सितंबर, 2024 को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2023 की तुलना में अगस्त 2024 में आठ कोर उद्योगों के संयुक्त सूचकांक (ICI) में 1.8 प्रतिशत की अनंतिम गिरावट देखी गई, लगभग चार वर्षों में सबसे कम है।

मुख्य बिंदु:

  • आठ कोर सेक्टर उद्योगों के संयुक्त सूचकांक का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production) में 40 प्रतिशत भार है।
  • ICRA के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (India's industrial production - IIP) की वृद्धि दर में तेज़ी से गिरावट आएगी।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production-IIP)

  • भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) देश के औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि का एक प्रमुख संकेतक है। यह सूचकांक विभिन्न उद्योगों में उत्पादित माल और सेवाओं के मासिक उत्पादन में होने वाले परिवर्तनों को मापता है।

IIP क्यों महत्वपूर्ण है?

  • अर्थव्यवस्था की सेहत: IIP एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है जो देश की समग्र आर्थिक वृद्धि को दर्शाता है।
  • नीति निर्माण: सरकारें IIP डेटा का उपयोग नीतिगत निर्णय लेने के लिए करती हैं, जैसे कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं शुरू करना।
  • निवेशकों के लिए संकेत: निवेशक IIP डेटा का उपयोग भारत में निवेश करने के बारे में निर्णय लेने के लिए करते हैं।

IIP को प्रभावित करने वाले कारक

  • सरकारी नीतियां: सरकार की औद्योगिक नीतियां, कर नीतियां और बुनियादी ढांचे में निवेश जैसे कारक IIP को प्रभावित करते हैं।
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था: वैश्विक आर्थिक गतिविधियां, कच्चे माल की कीमतें और विदेशी निवेश भी IIP को प्रभावित करते हैं।
  • मौसमी कारक: कुछ उद्योग मौसमी कारकों से प्रभावित होते हैं, जो IIP में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं।

उद्योगों के आठ कोर सेक्टर:

  • कोयला: भारत में ऊर्जा उत्पादन का एक प्रमुख स्रोत।
  • कच्चा तेल: पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन के लिए कच्चे तेल का उपयोग किया जाता है।
  • प्राकृतिक गैस: बिजली उत्पादन और उद्योगों में ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है।
  • उर्वरक: कृषि उत्पादन के लिए आवश्यक है।
  • इस्पात: निर्माण और ऑटोमोबाइल उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है।
  • सीमेंट: निर्माण उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण सामग्री है।
  • विद्युत: सभी उद्योगों के लिए एक आवश्यक इनपुट है।
  • रिफाइनरी उत्पाद: रिफाइनरी उत्पाद, जिन्हें पेट्रोलियम उत्पाद भी कहा जाता है, कच्चे तेल को विभिन्न उपयोगी उत्पादों में बदलने की प्रक्रिया से प्राप्त होते हैं, जैसे, पेट्रोल, डीजल, विमानन ईंधन, आदि।

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