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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO)

Sat 28 Sep, 2024

संदर्भ

  • भारत के शीर्ष औषधि नियामक, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation - CDSCO) ने पैरासिटामोल और एंटासिड पैन डी (Pan D) जैसे घरेलू नामों सहित 50 से अधिक सामान्य तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं को सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने के कारण चिह्नित किया है।
  • कई दवा कंपनियों ने CDSCO के गुणवत्ता परीक्षणों के तहत चिह्नित दवाओं के उत्पादन की जिम्मेदारी से इनकार कर दिया है।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO)

  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) भारत में दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों के लिए एक प्रमुख नियामक निकाय है। यह संगठन यह सुनिश्चित करता है कि भारत में बिकने वाली सभी दवाएं और चिकित्सा उपकरण सुरक्षित और प्रभावी हों।
  • नोडल मंत्रालय: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (NRA) है।
  • स्थापना: ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 एंड रूल्स 1945 (The Drugs & Cosmetics Act,1940 and rules 1945) के तहत
  • उद्देश्य: भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और उसे बढ़ावा देना
  • मुख्यालय: नई दिल्ली

प्रमुख कार्य:

  • दवाओं का पंजीकरण: नई दवाओं के बाजार में आने से पहले CDSCO उनका मूल्यांकन करता है और सुनिश्चित करता है कि वे सुरक्षित और प्रभावी हों।
  • गुणवत्ता नियंत्रण: CDSCO दवाओं के उत्पादन और वितरण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण करता है।
  • दवाओं की सुरक्षा की निगरानी: CDSCO बाजार में आने के बाद दवाओं की सुरक्षा की निगरानी करता है और किसी भी दुष्प्रभाव की रिपोर्टिंग के लिए प्रणाली है।
  • सौंदर्य प्रसाधनों का नियमन: CDSCO सौंदर्य प्रसाधनों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
  • चिकित्सा उपकरणों का नियमन: CDSCO चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करता है।

प्रमुख शक्तियां:

  • नई दवाओं का पंजीकरण: CDSCO किसी भी नई दवा को बाजार में लाने से पहले उसकी गुणवत्ता और सुरक्षा का मूल्यांकन करता है। बिना CDSCO के अनुमोदन के कोई भी दवा बाजार में नहीं आ सकती।
  • दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण: CDSCO दवाओं के नमूने एकत्र कर उनका परीक्षण करता है। यह सुनिश्चित करता है कि दवाएं निर्धारित मानकों के अनुरूप हों।
  • दवाओं की कीमतों का निर्धारण: कुछ मामलों में, CDSCO दवाओं की कीमतों को निर्धारित करने में भूमिका निभाता है, विशेष रूप से आवश्यक दवाओं की।
  • दवाओं के विज्ञापन पर प्रतिबंध: CDSCO दवाओं के भ्रामक विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा सकता है।
  • लाइसेंस निलंबन या रद्द करना: यदि कोई दवा कंपनी नियमों का उल्लंघन करती है तो CDSCO उसका लाइसेंस निलंबित या रद्द कर सकती है।
  • सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों का नियमन: CDSCO सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन और बिक्री को भी नियंत्रित करता है।

जीवाणुरोधी प्रतिरोध?

  • जीवाणुरोधी प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जिसमें बैक्टीरिया या जीवाणु एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव का सामना करने की क्षमता विकसित कर लेते हैं।
  • ये दवाएं आमतौर पर जीवाणु संक्रमणों के उपचार के लिए उपयोग की जाती हैं। जब बैक्टीरिया प्रतिरोधक बन जाते हैं, तो इन दवाओं का प्रभाव कम हो जाता है और संक्रमण का इलाज करना अधिक कठिन हो जाता है।

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