भारत का पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र: ‘शक्ति
 
  • Mobile Menu
HOME BUY MAGAZINEnew course icon
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




भारत का पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र: ‘शक्ति

Tue 24 Sep, 2024

संदर्भ

  • भारत ने अमेरिका के साथ अपना पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) निर्माण संयंत्र ‘शक्ति’ स्थापित करने के लिए समझौता किया।

मुख्य बिंदु:

  • यह दोनों देशों में सैन्य हार्डवेयर के साथ-साथ महत्वपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के लिए चिप्स का उत्पादन करेगा।
  • यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से विश्व का प्रथम 'मल्टी-मटेरियल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट' भी है।
  • सेमी कंडक्टर प्लांट 2025 में स्थापित किया जाएगा।

अर्धचालक क्या होता है?

  • अर्धचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी विद्युत चालकता चालकों (जैसे तांबा, एल्युमीनियम) से कम होती है, लेकिन अचालकों (जैसे कांच, रबर) से अधिक होती है। इनकी सबसे खास बात यह है कि इनकी विद्युत चालकता को तापमान, रोशनी या अन्य बाहरी कारकों से बदला जा सकता है।

गुण:

  • चालकता: चालकों और अचालकों के बीच की चालकता होती है।
  • तापमान पर निर्भरता: तापमान बढ़ने पर इनकी चालकता बढ़ जाती है।
  • अशुद्धियों का प्रभाव: इनमें थोड़ी सी अशुद्धि मिलाकर उनकी चालकता को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • रोशनी का प्रभाव: कुछ अर्धचालक रोशनी के संपर्क में आने पर विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं।

अर्धचालकों के प्रकार:

  • आंतरिक अर्धचालक: शुद्ध रूप में पाए जाने वाले अर्धचालक, जैसे सिलिकॉन और जर्मेनियम।
  • बाह्य अर्धचालक: आंतरिक अर्धचालकों में अशुद्धियां मिलाकर बनाए गए अर्धचालक, जैसे n-प्रकार और p-प्रकार के अर्धचालक।

अर्धचालकों के उपयोग:

अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आधार हैं। इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के उपकरणों में होता है, जैसे:

  • ट्रांजिस्टर: इनका उपयोग सिग्नल को बढ़ाने, स्विच करने और एम्पलीफाई करने में होता है।
  • डायोड: इनका उपयोग विद्युत धारा को एक ही दिशा में प्रवाहित करने के लिए होता है।
  • इंटीग्रेटेड सर्किट (IC): इनमें लाखों ट्रांजिस्टर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक घटक होते हैं, जो कंप्यूटर, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं।
  • सौर सेल: ये सूर्य की रोशनी को सीधे विद्युत ऊर्जा में बदलते हैं।

भारत का सेमीकंडक्टर मिशन (ISM):

  • प्रारंभ: वर्ष 2021 में (इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तत्वावधान में )
  • मुख्य उद्देश्य: देश में संवहनीय सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले पारितंत्र का विकास करना
दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर विनिर्माण देश: ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका

Latest Courses