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रबर बोर्ड

Sat 21 Sep, 2024

संदर्भ

  • रबर बोर्ड भारत ने हाल ही में यूरोप को रबर की आपूर्ति करने वाले भारतीय निर्यातकों के समर्थन के लिए एक पोर्टल विकसित करने हेतु हैदराबाद स्थित प्रौद्योगिकी कंपनी 'TRST01' के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

मुख्य बिंदु

  • यूरोपीय संघ के वनों की कटाई के नियम 1 जनवरी, 2025 से लागू होंगे और यूरोपीय संघ को प्राकृतिक रबर या प्राकृतिक रबर से बने उत्पादों से जुड़े निर्यातकों को एक उचित परिश्रम प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।
  • इसलिए, यह पोर्टल भारत के बड़े और छोटे निर्यातकों को ऐसा करने में मदद करेगा।
  • निर्यातकों को निर्यात या आपूर्ति करने वाले रबर बागान मालिकों को पोर्टल पर प्रमाण पत्र के लिए भूमि का विवरण प्रस्तुत करना होगा।

रबर बोर्ड भारत

  • यह एक वैधानिक निकाय है।
  • इसकी स्थापना रबर अधिनियम, 1947 के तहत की गई थी।
  • नोडल मंत्रालय: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
  • मुख्यालय: कोट्टायम, केरल

संरचना:

  • रबर बोर्ड में 28 सदस्य शामिल हैं, जिनमें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष भी शामिल होता है –
  • अध्यक्ष: बोर्ड का नेतृत्व केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्ष करता है।
  • सदस्य: इसमें प्राकृतिक रबर उद्योग के विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले 28 सदस्य शामिल होते हैं।

शक्तियां:

  • यह रबर और रबर उत्पादों के निर्यात और आयात को विनियमित करता है।
  • यह रबर बागानों और विनिर्माण सुविधाओं का निरीक्षण करता है।
  • यह रबर अधिनियम के उल्लंघन के लिए दंड भी लगा सकता है।

कार्य:

  • अनुसंधान और विकास: रबर की नई किस्मों को विकसित करने, खेती की तकनीकों में सुधार करने और रबर के लिए नए अनुप्रयोगों की खोज करने के लिए अनुसंधान परियोजनाओं को वित्तपोषित करना।
  • तकनीकी सहायता: प्रशिक्षण कार्यक्रम, क्षेत्र प्रदर्शन और सलाहकार सेवाओं सहित रबर उत्पादकों को तकनीकी सहायता प्रदान करना।
  • गुणवत्ता नियंत्रण: रबर उत्पादों के लिए गुणवत्ता मानकों को निर्धारित करना और लागू करना, यह सुनिश्चित करना कि भारतीय रबर उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं।
  • बाजार संबंधी विकास: भारतीय रबर उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना, नए बाजारों की पहचान करना और व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों का आयोजन करना।
  • डेटा संग्रह: यह रबर उत्पादन, खपत और व्यापार पर सांख्यिकीय डेटा एकत्र करता है।
  • मूल्य स्थिरीकरण: रबर की कीमत को स्थिर करने के उपायों को लागू करना एवं उत्पादकों के हितों की रक्षा करना।
  • कल्याणकारी योजनाएँ: रबर उत्पादकों को पेंशन योजनाएँ, स्वास्थ्य सुविधाएँ और शैक्षिक अवसर सहित वित्तीय सहायता और अन्य लाभ प्रदान करना।

भारत में रबर उत्पादन:

  • तापमान: 20°-35°C
  • वर्षा: इसके लिए भारी वर्षा की आवश्यकता होती है। वार्षिक औसत वर्षा 200 सेमी से कम नहीं होनी चाहिए।
  • मिट्टी: भुरभुरी और अच्छी जल-निकासी वाली मिट्टी रबर की खेती के लिए आदर्श है।
  • विश्व में सबसे बड़ा रबर उत्पादक देश: थाईलैंड
  • भारत प्राकृतिक रबर का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक, चौथा सबसे बड़ा उपभोक्ता और विश्व में प्राकृतिक रबर और सिंथेटिक/कृत्रिम रबर का पाँचवाँ सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
  • केरल भारत में रबर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है एवं त्रिपुरा दूसरा।

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