10 January, 2025
मिशन मौसम
Sat 14 Sep, 2024
- 11 सितंबर, 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मिशन मौसम को मंजूरी दी , जिसका उद्देश्य भारत को " प्रत्येक मौसम हेतु तैयार और जलवायु-स्मार्ट" राष्ट्र में बदलना है। दो वर्षों (2024-2026) में ₹2,000 करोड़ के बजट परिव्यय के साथ , यह मिशन भारत की मौसम और जलवायु अवलोकन, पूर्वानुमान और प्रसार क्षमताओं को सुदृढ़ करेगा।
मिशन मौसम के मुख्य उद्देश्य :
- आधुनिक मौसम निगरानी प्रणालियां स्थापित करना, मौसम पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी प्रणालियों को बढ़ाना।
- वायुमंडलीय प्रेक्षणों के रिज़ोल्यूशन को बढ़ाकर मौसम संबंधी आंकड़ों के लौकिक और स्थानिक कवरेज में सुधार करना।
- अत्याधुनिक उपकरण पेलोड के साथ उन्नत रडार और उपग्रह स्थापित करें।
- बड़े डेटा सेटों का विश्लेषण करने और पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार करने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटिंग प्रणालियों को लागू करना ।
- मौसम पूर्वानुमान को बढ़ाने के लिए उन्नत पृथ्वी प्रणाली मॉडल और एआई/एमएल-संचालित विधियों का विकास करना।
- मौसम संबंधी जोखिमों के प्रबंधन और चरम घटनाओं से होने वाली क्षति को न्यूनतम करने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियां ।
- नागरिकों, समुदायों और हितधारकों तक मौसम संबंधी जानकारी पहुंचाने के लिए अत्याधुनिक प्रसार प्रणाली बनाएं।
- प्रभावी मौसम प्रबंधन के लिए नई प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को संभालने के लिए मानव संसाधनों को प्रशिक्षित करना।
मिशन मौसम के अंतर्गत प्रमुख बुनियादी ढांचा :
- वर्ष 2026 तक , मिशन का लक्ष्य है:
- उच्च-रिज़ॉल्यूशन मौसम डेटा के लिए 50 डॉप्लर मौसम रडार (DWR) ।
- ऊपरी वायुमंडल के अवलोकन में सुधार के लिए 60 रेडियो सोंडे /रेडियो पवन स्टेशन ।
- वर्षण निगरानी के लिए 100 डिस्ड्रोमेटर्स ।
- वायुमंडलीय स्थितियों की निगरानी के लिए 10 पवन प्रोफाइलर और 25 रेडियोमीटर ।
- उन्नत अनुसंधान के लिए 1 शहरी परीक्षण स्थल और 1 प्रक्रिया परीक्षण स्थल ।
- समुद्री मौसम डेटा संग्रहण के लिए 1 महासागर अनुसंधान स्टेशन और 10 समुद्री स्वचालित मौसम स्टेशन ।
मौसम के अपेक्षित परिणाम :
- गर्म हवाओं जैसी चरम घटनाओं के लिए उन्नत मौसम पूर्वानुमान , जिससे आपदा की बेहतर तैयारी संभव हो सकेगी।
- वास्तविक समय प्रदूषण नियंत्रण रणनीतियों के लिए बेहतर वायु गुणवत्ता डेटा।
- पूर्वानुमानों की बेहतर सटीकता और तीव्र प्रसंस्करण के लिए भौतिकी-आधारित संख्यात्मक मॉडलों के पूरक के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग ।
- मौसम की स्थिति की वास्तविक समय निगरानी और पूर्वानुमान के लिए रडार, रेडियोमीटर और प्रोफाइलर्स का एक मजबूत नेटवर्क।
- उन्नत मौसम सेवाओं से कृषि, बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मौसम संबंधी खतरों के प्रति लचीलापन बेहतर होने से महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक लाभ प्राप्त होंगे।
कार्यान्वयन संरचना:
मिशन मौसम को मुख्य रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा तीन प्रमुख संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा :
- भारत मौसम विज्ञान विभाग
- राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र
- भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान
निम्नलिखित संस्थाएं उपरोक्त के साथ सहयोग करेंगी:
- भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र
- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान
- राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक एवं अनुसंधान संगठन
जलवायु से संबंधित भारत सरकार की अन्य प्रमुख पहल
पहल | प्रारंभ वर्ष |
जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) | 2008 |
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) | 2015 |
जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय अनुकूलन कोष (एनएएफसीसी) | 2015 |
राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा कोष (एनसीईएफ) | 2010 |
हरित भारत मिशन (जीआईएम) | 2010 |