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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI)

Sat 07 Sep, 2024

संदर्भ

  • संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों पर नियामक निकाय के प्रदर्शन की समीक्षा करने का फैसला किया है।
  • अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च (अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी) के दावों की भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच को लेकर उन पर हितों के टकराव के आरोप हैं।  

SEBI क्या है?

  • भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) एक स्वायत्त नियामक निकाय है जिसका गठन भारत सरकार द्वारा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के तहत किया गया था। 
  • मुख्य उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रतिभूति बाजारों को विनियमित करना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।

SEBI के प्रमुख कार्य:

  • नियमन: SEBI विभिन्न प्रतिभूतियों (जैसे शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड) और प्रतिभूति बाजारों के संचालन के लिए नियम और विनियम बनाता है।
  • पंजीकरण: यह प्रतिभूति जारी करने वाली कंपनियों, स्टॉक एक्सचेंजों, म्यूचुअल फंड हाउसों और अन्य मध्यस्थों का पंजीकरण करता है।
  • निवेशकों की सुरक्षा: SEBI धोखाधड़ी और कुप्रबंधन से निवेशकों की रक्षा के लिए कदम उठाता है।
  • बाजार विकास: यह प्रतिभूति बाजारों के विकास के लिए नीतियां बनाता है।

शक्तियाँ:

  • पंजीकरण की शक्ति: SEबी कंपनियों, स्टॉक एक्सचेंजों, म्यूचुअल फंड हाउसों और अन्य मध्यस्थों को पंजीकृत करने का अधिकार रखता है। पंजीकरण के लिए कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है और SEBI यह सुनिश्चित करता है कि केवल योग्य संस्थाएं ही बाजार में काम करें।
  • निरीक्षण और जांच की शक्ति: SEBI को कंपनियों और मध्यस्थों के रिकॉर्ड का निरीक्षण करने और जांच करने का अधिकार है। यह यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि वे SEBI के नियमों का पालन कर रहे हैं।
  • दंड देने की शक्ति: यदि कोई कंपनी या मध्यस्थ SEBI के नियमों का उल्लंघन करता है, तो SEBI उस पर जुर्माना लगा सकता है, उसका लाइसेंस रद्द कर सकता है या अन्य दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है।
  • अदालत के समान शक्तियाँ: SEBI को कुछ मामलों में अदालत के समान शक्तियाँ प्राप्त हैं। इसका मतलब है कि SEBI गवाहों को बुला सकता है, दस्तावेजों की मांग कर सकता है और आदेश जारी कर सकता है।

मुख्य संरचना:

  • अध्यक्ष: SEBI का अध्यक्ष इसका प्रमुख होता है और यह बोर्ड के सभी निर्णयों की अध्यक्षता करता है।
  • पूर्णकालिक सदस्य: कुछ पूर्णकालिक सदस्य होते हैं जो विभिन्न विशेषज्ञताओं के होते हैं जैसे कि कानून, वित्त, और लेखा।
  • अतिरिक्त सदस्य: कुछ अतिरिक्त सदस्य होते हैं जो सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
  • कार्यकारी निदेशक: कार्यकारी निदेशक दैनिक कार्यों का संचालन करते हैं और बोर्ड के निर्णयों को लागू करते हैं।
  • विभिन्न विभाग: SEBI में विभिन्न विभाग होते हैं जैसे कि निरीक्षण विभाग, कानूनी विभाग, बाजार विकास विभाग आदि।

लोक लेखा समिति (PAC):

  • लोक लेखा समिति (PAC) भारत की संसद की वित्तीय संसदीय समितियों (प्राक्कलन समिति, लोक लेखा समिति और सार्वजनिक उपक्रम समिति) में से एक है जो यह सुनिश्चित करना कि सार्वजनिक धन का उपयोग कुशलतापूर्वक और पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।
  • स्थापना: वर्ष 1921 में ‘भारत सरकार अधिनियम या 'मोंटफोर्ड सुधार अधिनियम' 1919’ के माध्यम से 
  • मुख्य कार्य: PAC सरकार के राजस्व और व्यय का लेखा-जोखा रखने के लिए जिम्मेदार है।
  • सदस्य: प्रत्येक वर्ष अधिकतम 22 सदस्य (लोकसभा अध्यक्ष द्वारा चुने गए 15 सदस्य और राज्यसभा के सभापति द्वारा चुने गए 7 सदस्य)

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