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आंध्र प्रदेश रिएक्टर विस्फोट

Fri 23 Aug, 2024

संदर्भ

  • आंध्र प्रदेश में एक दवा निर्माण कंपनी 'एस्सिएंटिया प्लांट' (Escientia's plant) में एक रासायनिक रिएक्टर विस्फोट में सत्रह लोगों की मृत्यु हो गयी। 

मुख्य बिंदु

  • एस्सिएंटिया प्लांट अनाकापल्ली जिले के 'विशेष आर्थिक क्षेत्र' में स्थित है। 
  • विस्फोट में लीक हुए आसुत विलायक की पहचान मेथिलीन टर्शियरी ब्यूटाइल ईथर या MTBE के रूप में की गई है।  
  • MTBE: एक ज्वलनशील तरल पदार्थ है जिसका उपयोग अनलेडेड गैसोलीन में अधिक कुशल दहन के लिए एक योजक के रूप में किया जाता है।

केमिकल रिएक्टर (रासायनिक रिएक्टर) क्या होता है?

  • एक केमिकल रिएक्टर एक ऐसी संरचना होती है, जिसमें रासायनिक अभिक्रियाएं होती हैं और विभिन्न पदार्थों को एक साथ मिलाकर नए पदार्थ बनाए जाते हैं, जिसे रासायनिक अभिक्रिया भी कहते हैं। 
  • उपयोग: रिएक्टरों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जैसे कि रसायन, पेट्रोकेमिकल, दवा और खाद्य उद्योग, आदि

केमिकल रिएक्टर के घटक

एक केमिकल रिएक्टर के विभिन्न घटक होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • पात्र: यह वह मुख्य कंटेनर होता है जिसमें अभिक्रिया होती है। यह विभिन्न सामग्रियों जैसे स्टील, कांच या सिरेमिक से बना हो सकता है।
  • अभिकारक: वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया से गुजरते हैं। इन्हें रिएक्टर में डाला जाता है।
  • उत्पाद: रासायनिक अभिक्रिया के परिणामस्वरूप बनने वाले पदार्थ।
  • उत्प्रेरक/Catalyst (वैकल्पिक): यह एक ऐसा पदार्थ होता है जो रासायनिक अभिक्रिया में बिना स्वयं भाग लीए, अभिक्रिया की दर को बढ़ाता है।
  • हीटिंग/कूलिंग प्रणाली: यह अभिक्रिया के तापमान को नियंत्रित करने के लिए एक कॉइल या बाहरी हीट एक्सचेंजर हो सकता है।
  • मिक्सिंग सिस्टम: यह अभिकारकों के उचित मिश्रण को सुनिश्चित करने के लिए एक स्टिरर, एगिटेटर या गैस स्पार्जर हो सकता है।
  • दबाव नियंत्रण प्रणाली: यह रिएक्टर के भीतर वांछित दबाव बनाए रखने के लिए एक दबाव नियामक या वाल्व हो सकता है।
  • फीड और उत्पाद लाइनें: रिएक्टर में अभिकारकों को डालने और उत्पादों को हटाने के लिए उपयोग किए जाने वाले पाइप या वाल्व।

पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गेनाइज़ेशन (PESO)

  • यह भारत में एक नियामक निकाय है जो विस्फोटकों, संपीड़ित गैसों और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्माण, उपयोग, बिक्री, परिवहन, आयात और निर्यात से संबंधित सुरक्षा पहलुओं का निरीक्षण करता है। 
  • यह विस्फोटक अधिनियम 1884 के तहत बनाए गए नियमों का प्रशासन करने के लिए जिम्मेदार है।

विस्फोटक अधिनियम, 1884 

  • भारत में विस्फोटकों के निर्माण, भंडारण, परिवहन और उपयोग से जुड़े सभी पहलुओं को नियंत्रित करने वाला एक महत्वपूर्ण कानून है। 
  • इसका उद्देश्य जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना और विस्फोटकों के दुरुपयोग को रोकना है।

विस्फोटक विधेयक, 2024

  • भारत सरकार ने विस्फोटकों के निर्माण, भंडारण, परिवहन और उपयोग को और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए एक नया विस्फोटक विधेयक 2024 पेश किया है। यह विधेयक 1884 के पुराने विस्फोटक अधिनियम की जगह लेगा।

मुख्य विशेषताएं:

  • सुव्यवस्थित लाइसेंसिंग: लाइसेंसिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया जाएगा।
  • कड़ी निगरानी: विस्फोटकों के उत्पादन और उपयोग पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
  • आधुनिक तकनीक का उपयोग: विस्फोटकों के सुरक्षित संचालन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
  • अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप: विस्फोटकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा।

विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone, SEZ)

एक भौगोलिक क्षेत्र होता है जिसे किसी देश की सीमा के भीतर ही एक अलग इकाई के रूप में स्थापित किया जाता है। इन क्षेत्रों को विशेष रूप से व्यापार, उत्पादन, और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बनाया जाता है। SEZ में कंपनियों को करों, शुल्कों और अन्य नियामक बाधाओं से छूट या रियायतें दी जाती हैं।

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