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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री

Tue 20 Aug, 2024

संदर्भ

  • संघ लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त, 2024 को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप-सचिव के पदों पर “लेटरल एंट्री के लिए प्रतिभाशाली भारतीय नागरिकों” के लिए आवेदन मांगे हैं।

लेटरल एंट्री की अवधारणा

  • लेटरल एंट्री का उद्देश्य विशिष्ट विशेषज्ञता और अनुभव वाले व्यक्तियों को सरकारी पदों पर लाना है। 
  • इससे नौकरशाही में नए विचार, विशेष ज्ञान और कुशल निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।
  • नौकरी की अवधि: लेटरल एंट्री के माध्यम से चयनित व्यक्तिओं को 3 वर्ष के अनुबंध पर नियुक्त किया जाता है, जिसे अधिकतम 5 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
  • पात्रता: निजी क्षेत्र, राज्य सरकारों, स्वायत्त निकायों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से संबंधित क्षेत्रों में डोमेन संबंधी विशेषज्ञता वाले व्यक्ति इन पदों के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।

लाभ:

  • विशेषज्ञता: विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले लोगों को लाकर जटिल समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
  • दक्षता: अनुभवी पेशेवरों की नियुक्ति से निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
  • नवाचार: इससे नए विचारों और रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है।
  • जवाबदेही: प्रदर्शन-उन्मुख पेशेवरों की नियुक्ति से जवाबदेही बढ़ती है।

 लेटरल एंट्री पर विवाद:

  • हालांकि लेटरल एंट्री की अवधारणा सकारात्मक है, लेकिन इसके विरोध में भी कई दलीलें दी जाती हैं:
  • योग्यता पर प्रश्नचिन्ह: यह सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से चयनित अधिकारियों की योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगा सकता है।
  • संगठनात्मक संरचना में व्यवधान: इससे नौकरशाही की स्थापित पदानुक्रमित संरचना में व्यवधान पैदा हो सकता है।
  • पक्षपात का खतरा: चयन प्रक्रिया में पक्षपात और राजनीतिक हस्तक्षेप का खतरा रहता है।
  • आरक्षण पर प्रभाव: आरक्षण नीतियों के लागू होने पर प्रश्न उठ सकते हैं।

सिफारिशें:

  • प्रशासनिक सुधार आयोग, 2005 (अध्यक्ष: वीरप्पा मोइली) और 6वां वेतन आयोग: दोनों ने सिफारिश की है, कि विशिष्ट विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशिष्ट क्षेत्रों में ठोस नीति निर्माण और उसके कार्यान्वयन के लिए नौकरशाही के बाहर एक विशेषज्ञ और प्रेरित भारतीय नागरिक की मदद ली जानी चाहिए।
  • नीति आयोग, 2017: केंद्र सरकार में मध्यम और वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर कर्मियों की भर्ती होनी चाहिए।

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