10 January, 2025
जीका वायरस
Tue 13 Aug, 2024
संदर्भ
- भारत में जीका वायरस के पुष्ट मामले धीरे-धीरे लेकिन लगातार बढ़ रहे हैं।
- केरल, कर्नाटक और पुणे में जीका का मामला सामने आने के बाद अब यह महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में भी फैल रहा है।
जीका वायरस क्या है?
- जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है जो मुख्यतः एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। यह वायरस अफ्रीका से निकलकर अब दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका है।
लक्षण:
- अधिकांश लोगों में जीका वायरस के लक्षण हल्के होते हैं या बिल्कुल नहीं होते हैं।
- लक्षण दिखने पर ये बुखार, दाने, जोड़ों का दर्द, आंखों का लाल होना, मांसपेशियों का दर्द और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
संबंधित विकार:
- गुइलेन बर्रे सिंड्रोम: एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से परिधीय तंत्रिका तंत्र के हिस्से पर हमला करती है।
- माइक्रोसेफली: गर्भवती महिलाओं में इसका अधिक हानिकारक प्रभाव देखा जाता है, जो औसत से छोटे सिर के आकार वाले बच्चों को जन्म देने का जोखिम उठाती हैं, जिसे माइक्रोसेफली कहा जाता है।
- अन्य न्यूरोलॉजिकल विकार
जीका वायरस का प्रसार:
- मच्छरों के माध्यम से: संक्रमित मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उसके शरीर में प्रवेश कर जाता है।
- यौन संबंध के माध्यम से: संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में यौन संबंध के माध्यम से भी यह वायरस फैल सकता है।
- रक्त आधान के माध्यम से: संक्रमित रक्त चढ़ाने से भी यह वायरस फैल सकता है।
- मां से बच्चे में: गर्भवती महिला यदि जीका वायरस से संक्रमित हो जाती है, तो यह वायरस उसके गर्भस्थ शिशु में भी जा सकता है।
भारत सरकार द्वारा की गई पहल:
- एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम
- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): इसका उद्देश्य बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और समुदाय के सभी बच्चों को व्यापक देखभाल प्रदान करना है।
नोट: सर्वप्रथम यह वायरस वर्ष 1947 में युगांडा के ज़ीका वन में संक्रमित बंदरों में पाया गया तथा इस वायरस का पहला मानव संक्रमण वर्ष 1952 में युगांडा और तंज़ानिया में दर्ज किया गया था। |