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निपाह वायरस/विषाणु

Mon 22 Jul, 2024

संदर्भ

केरल में निपाह वायरस की वजह से मौतों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पिछले साल 2023 में निपाह वायरस का पहला मामला भारत में देखने को मिला था, जिसमें कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई थी।

निपाह वायरस

  • यह एक जूनोटिक वायरस है, जो पशुओं से मनुष्यों में फैलता है।
  • नाम: इसका नाम मलेशिया के एक गांव 'सुंगई निपाह' के नाम पर रखा गया है, जहां इसका प्रथम मामला देखा गया था।
  • यह वायरस ‘पैरामाइक्सोविरिडे’ और ‘हेनिपावायरस’ वंश का एक आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) वायरस है और हेंड्रा वायरस से संबंधित है।
  • हेंड्रा वायरस (HeV) संक्रमण: संक्रमित घोड़ों और मनुष्यों दोनों में गंभीर और अक्सर घातक बीमारी का कारण बनता है।
  • प्रथम मामला: वर्ष 1998 और 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में

संचरण: इस रोग के संचरण का माध्यम जीनस पटरोपस से सम्बंधित फ्रूट बेट्स या फ्लाइंग फॉक्स है, जो निपाह और हेंड्रा वायरस के प्राकृतिक स्रोत हैं।

  • यह वायरस चमगादड़ के मूत्र, मल, लार और जन्म के समय तरल पदार्थ में मौजूद होता है।

लक्षण: बुखार, सिरदर्द, उनींदापन, मानसिक भ्रम, कोमा और संभावित मृत्यु के साथ एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम, आदि

निवारण: मलेशिया और सिंगापुर में 25 साल पहले निपाह वायरस के पहले प्रकोप के बावजूद, वर्तमान में कोई स्वीकृत टीके या उपचार मौजूद नहीं है।

चमगादरों में वायरस की उत्पत्ति

अत्यधिक उत्तेजन को सीमित करने की क्षमता के कारण एक चमगादड़ की प्रतिरक्षा प्रणाली विशेष रूप से वायरल संक्रमण का सामना करने में सक्षम होती है, जो इस स्तनपायी के लिए घातक हुए बिना वायरस को उत्पन्न करने देती है।

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