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‘राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन’ के बोर्ड में किसी भी भारतीय उद्योग को शामिल नहीं किया गया

Fri 05 Jul, 2024

संदर्भ

  • 'अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन' (ANRF) के कार्यकारी और शासी बोर्ड में भारतीय उद्योग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

मुख्य बिंदु

  • राज्य विश्वविद्यालयों का भी कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
  • इसमें केवल भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) का प्रतिनिधित्व है।
  • 15 सदस्यीय गवर्निंग या शासी बोर्ड में केवल एक उद्योगपति रोमेश वाधवानी, जो एक अमेरिकी उद्योगपति हैं और भारतीय मूल के दो प्रोफेसर शामिल हैं।

अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF)

  • ANRF एक उच्च स्तरीय निकाय है, जो भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिसमें प्राकृतिक विज्ञानों में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता भी शामिल है।
  • स्थापना: अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) अधिनियम, 2023 के तहत
  • लागू: 1 दिसंबर, 2023
  • इसे 2008 में स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) की जगह स्थापित की गयी है।
  • वित्तपोषण: यह निजी स्रोतों, परोपकारी और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से धन प्राप्त कर सकता है और वित्त पोषित भी कर सकता है।
  • अनुमानित बजट: पांच वर्षों में ₹50,000 करोड़ (2023-2028)

संरचना

  • भारत के प्रधानमंत्री बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
  • अन्य सदस्य: 
    • उपाध्यक्ष: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री
    • सचिव: प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभागों के सचिव
    • नीति आयोग के सदस्य

NRF का महत्व

  • विज्ञान और अनुसंधान निधि का लोकतंत्रीकरण
  • कुशल और एकीकृत प्रबंधन प्रणाली
  • व्यवसाय, शिक्षा, सरकारी एजेंसियों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ाना

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