20 November, 2024
‘राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन’ के बोर्ड में किसी भी भारतीय उद्योग को शामिल नहीं किया गया
Fri 05 Jul, 2024
संदर्भ
- 'अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन' (ANRF) के कार्यकारी और शासी बोर्ड में भारतीय उद्योग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
मुख्य बिंदु
- राज्य विश्वविद्यालयों का भी कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
- इसमें केवल भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) का प्रतिनिधित्व है।
- 15 सदस्यीय गवर्निंग या शासी बोर्ड में केवल एक उद्योगपति रोमेश वाधवानी, जो एक अमेरिकी उद्योगपति हैं और भारतीय मूल के दो प्रोफेसर शामिल हैं।
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF)
- ANRF एक उच्च स्तरीय निकाय है, जो भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिसमें प्राकृतिक विज्ञानों में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता भी शामिल है।
- स्थापना: अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) अधिनियम, 2023 के तहत
- लागू: 1 दिसंबर, 2023
- इसे 2008 में स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) की जगह स्थापित की गयी है।
- वित्तपोषण: यह निजी स्रोतों, परोपकारी और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से धन प्राप्त कर सकता है और वित्त पोषित भी कर सकता है।
- अनुमानित बजट: पांच वर्षों में ₹50,000 करोड़ (2023-2028)
संरचना
- भारत के प्रधानमंत्री बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
- अन्य सदस्य:
- उपाध्यक्ष: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री
- सचिव: प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभागों के सचिव
- नीति आयोग के सदस्य
NRF का महत्व
- विज्ञान और अनुसंधान निधि का लोकतंत्रीकरण
- कुशल और एकीकृत प्रबंधन प्रणाली
- व्यवसाय, शिक्षा, सरकारी एजेंसियों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ाना