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फौना ऑफ इंडिया चेकलिस्ट पोर्टल

Mon 01 Jul, 2024

संदर्भ

भारत ने अपने संपूर्ण जीव-जंतुओं की एक व्यापक सूची तैयार करके जैव-विविधता दस्तावेज़ीकरण से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस पहल में 1,04,561 प्रजातियाँ शामिल की गयी है, जिससे भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला विश्व का प्रथम देश बन गया है। कोलकाता में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के 109वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने "फौना ऑफ इंडिया चेकलिस्ट पोर्टल" पेश किया।

मुख्य बिंदु

विषयवस्तु:

  • कुल प्रजातियाँ: 1,04,561 प्रजातियाँ शामिल हैं।
  • चेकलिस्ट: 121 चेकलिस्ट शामिल हैं।
  • शामिल किए गए टैक्सा (वर्गक): सभी ज्ञात टैक्सा शामिल हैं, साथ ही 36 फ़ाइला भी शामिल हैं।
  • विशेष समावेशन: स्थानिक, संकटग्रस्त और अनुसूचित प्रजातियाँ

महत्व एवं उपयोग:

  • हितधारक: टैक्सोनोमिस्ट, शोधकर्ता, शिक्षाविद, संरक्षण प्रबंधक और नीति निर्माता
  • उद्देश्य: जैव-विविधता संरक्षण और अनुसंधान में शामिल विभिन्न हितधारकों के लिए एक व्यापक संदर्भ प्रदान करना

जैव-विविधता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता:

  • वैश्विक नेतृत्व: यह पहल जैव-विविधता संरक्षण के क्षेत्र में भारत को विश्व के अग्रणी देश के रूप में दर्शाता है।
  • प्रमुख कार्यक्रम: "एक पेड़ माँ के नाम", प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जैव-विविधता के संरक्षण से जुड़े प्रमुख सरकारी पहल:

वर्ष पहल विवरण
1972 वन्यजीव संरक्षण अधिनियम इस कानून का उद्देश्य वन्यजीवों और उनके आवासों को अवैध शिकार और अवैध व्यापार से बचाना है।
1980 प्रोजेक्ट टाइगर भारत भर में बाघ अभयारण्यों के माध्यम से 'बंगाल टाइगर' और उसके आवासों को संरक्षित करने के लिए शुरू किया गया।
1992 प्रोजेक्ट एलीफेंट हाथियों, उनके आवासों और गलियारों की सुरक्षा के लिए पहल शुरू की गई, जो मानव-वन्यजीव संघर्ष को संबोधित करता है।
2011 राष्ट्रीय हरित भारत मिशन (GIM) यह वनरोपण और पुनर्वनरोपण के माध्यम से जैव-विविधता संरक्षण सहित पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित सेवाओं को बढ़ाता है।
2014 नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की सफाई और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है।
2016 राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (NWAP) भारत में वन्यजीव संरक्षण और आवास संरक्षण के लिए रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करता है।
2018 राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) यह वायु प्रदूषण के मुद्दों को संबोधित करता है, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से जैव-विविधता को लाभ होता है।
2020 गिद्ध संरक्षण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना इसका उद्देश्य डाइक्लोफेनाक विषाक्तता के कारण खतरे में पड़ी गिद्ध प्रजातियों को संरक्षित करना है।
2021 प्रोजेक्ट डॉल्फिन भारतीय नदियों और तटीय क्षेत्रों में डॉल्फ़िन को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए इसे शुरू किया गया।

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