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स्पेस मैत्री (MAITRI) मिशन

Sat 29 Jun, 2024

  • हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अंतरिक्ष मैत्री मिशन के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ 18 मिलियन डॉलर के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

प्रमुख बिंदु

  • स्पेस मैत्री (ऑस्ट्रेलिया-भारत की प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के लिए मिशन), अंतरिक्ष क्षेत्र में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में एक बड़ा कदम है।
  • इसका लक्ष्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के वाणिज्यिक, संस्थागत और सरकारी अंतरिक्ष संगठनों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना है।
  • इस समझौते के तहत, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड 2026 में ऑस्ट्रेलिया की स्पेस मशीन कंपनी के दूसरे ऑप्टिमस अंतरिक्ष यान को लॉन्च करेगा।
  • 450 किलोग्राम का ऑप्टिमस अंतरिक्ष यान, जो
  • अब तक का सबसे बड़ा ऑस्ट्रेलियाई-डिज़ाइन और निर्मित अंतरिक्ष यान है, इसरो के छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) पर लॉन्च किया जाएगा।

सरकारी सहायता और वित्तपोषण

  • अप्रैल 2024 में उक्त स्पेस मशीन कंपनी द्वारा घोषणा की गयी कि ऑस्ट्रेलिया सरकार अपने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस निवेश भारत परियोजनाओं (ISI इंडिया प्रोजेक्ट्स) कार्यक्रम के माध्यम से 8.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

शामिल भागीदार

  • तेलंगाना (हैदराबाद स्थित) अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ATL)
  • दिगंतरा
  • इंडियन एयरोस्पेस कंपनी
  • द यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी
  • द यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी
  • ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टिट्यूट (ASPI) आदि ।

मिशन का महत्व

  • यह मिशन अंतरिक्ष में मलबे के प्रबंधन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करता है, जो जिम्मेदार अंतरिक्ष संचालन को बढ़ावा देने और अंतरिक्ष मलबे के बढ़ते खतरे को कम करने में दोनों देशों के मूल मूल्यों और उद्देश्यों के साथ संरेखित है।
  • इसके अलावा यह मिशन ऑस्ट्रेलिया और भारत के मध्य अभिनव अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के सम्बंध में बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डालता है।
  • इस सहयोग से भविष्य के खोजकर्ताओं को प्रेरणा मिलने और स्थायी अंतरिक्ष गतिविधियों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलने की आशा है।
  • इसके साथ ही अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए समाधान विकसित करने का प्रयास इस मिशन को महत्वपूर्ण बनाता है।

SSLV के बारे में

  • यह एक तीन-चरणीय प्रक्षेपण यान है ।
  • इसके अंतर्गत तीन ठोस प्रणोदन चरण और एक तरल प्रणोदन-आधारित वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (VTM) टर्मिनल चरण के रूप में है।
  • क्षमता : 500 किलोग्राम के उपग्रह को 500 किमी की समतल कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम है।

लाभ

  • छोटे उपग्रह प्रक्षेपणों के लिए एक कुशल और बहुमुखी विकल्प
  • कई उपग्रहों को समायोजित करने की लचीलापन

लागत का कम होना

  • टर्नअराउंड समय का कम होना
  • न्यूनतम लॉन्च इंफ्रास्ट्रक्चर आवश्यकताओं का होना आदि ।

परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) 

  • स्थापना- 2019
  • प्रकार : केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम
  • मुख्यालय - बेंगलुरु, कर्नाटक
  • अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक- राधाकृष्णन दुरैराज

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