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बॉन क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस 2024

Sun 23 Jun, 2024

  • 3 जून से 13 जून तक जर्मनी के शहर बॉन में क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस 2024 का आयोजन किया गया।
  • यह सम्मेलन पार्टियों के लिए 2023 दुबई जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में अपनाए गए पहले वैश्विक स्टॉकटेक (जीएसटी) निर्णय के तत्वों को लागू करने के तरीके पर चर्चा करने का पहला अवसर था। यह निर्णय पार्टियों से इस दशक में ऊर्जा प्रणालियों में जीवाश्म ईंधन में कमी लाने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देने का आह्वान करता है।

सम्मेलन की प्रमुख बातें

  • इस सम्मेलन में कॉप 28 में अनसुलझे रहे मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहे।
  • बॉन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु कार्रवाई से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों से निपटकर COP29 का मार्ग प्रशस्त करना है। इन मुद्दों में पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6.2 और 6.4 के तहत कार्बन बाजारों के लिए दिशानिर्देश स्थापित करना आदि सम्मिलित थे।
  • इसके अलावा विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त पर नया सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य तय करना आदि भी शामिल रहे।

पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6.2 एवं 6.4 के बारे में

  • अनुच्छेद 6.2: देशों को द्विपक्षीय रूप से शमन परिणामों का आदान-प्रदान करने और अपने व्यापार की रिपोर्ट करने तथा उन्हें अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के लिए उपयोग करने की अनुमति देता है। 
  • अनुच्छेद 6.4: उच्च गुणवत्ता वाले कार्बन क्रेडिट के सत्यापन, सत्यापन और जारी करने के लिए एक नया UNFCCC तंत्र स्थापित करता है।

कॉप 29 की चुनौतियाँ

  1. रूस यूक्रेन युद्ध : यूक्रेन एवं रूस के मध्य व्याप्त युद्ध जैसी स्थितियों ने जलवायु कार्रवाई को संबोधित करने की तात्कालिकता में बाधा उत्पन्न की है।
  2. विकासशील देशों के वित्तपोषण का उपेक्षित रहना :  विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे जलवायु अनुकूलन और वित्तपोषण में सीमित प्रगति का होना।
  3. प्रमुख मुद्दों पर सीमित प्रगति: ग्लोबल स्टॉकटेक और वारसॉ इंटरनेशनल मैकेनिज्म फॉर लॉस एंड डैमेज पर महत्वपूर्ण चर्चाओं में न्यूनतम प्रगति हुई।
  4. जलवायु वित्त में कमी: विकसित राष्ट्र विकासशील देशों में जलवायु कार्रवाई का समर्थन करने के लिये वर्ष 2020 तक सालाना 100 बिलियन डॉलर जुटाने में विफल रहे हैं।  

भारत का पक्ष

  • भारत ने एक संतुलित दृष्टिकोण का आह्वान किया है जो न्यूनीकरण और अनुकूलन आवश्यकताओं दोनों को संबोधित करता है।
  • भारत महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजनाओं को लागू करने के लिए विकासशील देशों के लिए विकसित देशों से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वित्तीय सहायता पर जोर देता है।

कॉप 29 के बारे में 

  • इस सम्मेलन का आयोजन 11-22 नवंबर, 2024 को बाकू, अजरबैजान में किया जाना प्रस्तावित है।

प्रमुख ध्येय

  • वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने और जीवाश्म ईंधन से दूर संक्रमण करने हेतु COP28 के एजेंडे पर प्रगति ।
  • ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने पर आम सहमति हासिल करना।
  • विकसित देशों से अधूरी $100 बिलियन वार्षिक जलवायु वित्त प्रतिबद्धता को संबोधित करना आदि।

परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य

अजरबैजान

  • प्रधान मंत्री:अली असदोव
  • राजधानी: बाकू 
  • मुद्रा: मनात

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