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50वां G-7 शिखर सम्मेलन 2024

Sun 16 Jun, 2024

संदर्भ : 

  • 50वें G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन 13-15 जून, 2024 तक इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाज़िया शहर में किया गया। 

महत्वपूर्ण बिंदु :

  • अध्यक्षता : 'जियोर्जिया मेलोनी' द्वारा (इटली की प्रधान मंत्री) 
  • प्रतिभागी देश :  कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय संघ।
  • आमंत्रित देश : एलजीरिया, अर्जेंटीना, ब्राज़िल, भारत,  जॉर्डन,  केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, टर्की, संयुक्त अरब अमीरात, यूक्रेन तथा वेटिकन सिटी। 
  • अंतर्राष्ट्रीय संगठन : अफ़्रीकी विकास बैंक के अध्यक्ष अकिनवुमी अदेसिना, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की   मुख्य परिचालन अधिकारी क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के महासचिव मैथियास कोरमैन तथा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा।

G-7 का विकास: 

  • G-7 की शुरुआत 1975 में ग्रुप ऑफ सिक्स (G-6) के रूप में हुई थी, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और पश्चिम जर्मनी शामिल थे।
  • उद्देश्य : इसका प्राथमिक उद्देश्य मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों का समाधान करना था, जो 1973-74 में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के तेल प्रतिबंध के बाद उत्पन्न हुए थे।
  • विस्तार : कनाडा 1976 में इस समूह में शामिल हुआ, जिससे इसका G7 में रूपांतरण हो गया। रूस 1997 में इसमें शामिल हुआ, जिससे इसका अस्थायी रूप से G8 में विस्तार हुआ 
  • वर्ष 2014 में क्रीमिया विवाद के बाद इसे निष्कासित कर दिया गया। 
  • वर्ष 1981 से यूरोपीय संघ जी7 बैठकों में शामिल रहा है, जिसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष करते हैं। 

G-7 का कामकाज: 

  • सदस्यता मानदंड: कोई औपचारिक सदस्यता मानदंड मौजूद नहीं हैं।
  • इसका कोई चार्टर या स्थायी सचिवालय नहीं है।
  • अध्यक्षता: G-7 की अध्यक्षता प्रतिवर्ष सदस्य देशों के बीच बदलती रहती है। 
  • देश का राष्‍ट्राध्‍यक्ष शिखर सम्मेलन का एजेंडा तय करने और बैठकों के आयोजन के लिए जिम्मेदार होता है।
  • शेरपा : ये मंत्री या दूत नीतिगत चर्चाओं और बैठकों के माध्यम से शिखर सम्मेलन के लिए आधार तैयार करते हैं।

G-7 शिखर सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धियां: 

  • आर्थिक और राजनीतिक एजेंडा: पिछले दशकों में, G-7 का एजेंडा मुख्य रूप से आर्थिक मुद्दों से बढ़कर व्यापार, सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों और हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी तकनीकी प्रगति को शामिल करने तक विस्तारित हो गया है।
  • वैश्विक संकट प्रतिक्रिया: विशेष रूप से, G-7 ने वैश्विक आर्थिक सुधारों, कोविड-19 महामारी जैसी स्वास्थ्य आपात स्थितियों और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण सहित भू-राजनीतिक संघर्षों पर समन्वित कार्रवाई की है।
  • शासन में नवाचार: "हिरोशिमा AI प्रक्रिया" जैसी पहलों की शुरूआत उभरती हुई तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने में G-7 की भूमिका को उजागर करती है।

G-7 शिखर सम्मेलन 2024 का मुख्य एजेंडा: 

  • यूक्रेन संघर्ष: G-7 देश यूक्रेन के लिए अपना समर्थन बढ़ा रहे हैं।
  • इजराइल-गाजा संघर्ष: G-7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति के नेतृत्व में एक प्रस्ताव के साथ बढ़ते इजराइल-गाजा संघर्ष को संबोधित किया गया।
  • आर्थिक सुरक्षा: G-7 व्यापार सुरक्षा, गठबंधन निर्माण और चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करके भारत-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक और रणनीतिक हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता: चर्चाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नैतिक उपयोग और ऊर्जा परिवर्तन शामिल था। 
  • प्रवासन: शिखर सम्मेलन में प्रभावी प्रवासन प्रबंधन रणनीतियों को प्राथमिकता गई। 
  • अफ्रीकी देशों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देना: G-7 देश अफ्रीकी विकास के लिए समर्थन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत के लिए G-7 का महत्व: 

  • भारत G-7 बैठकों में अतिथि देश के रूप में भागीदार रहा है।
  • रणनीतिक साझेदारियां: भारत G-7 ढांचे के भीतर पश्चिमी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के रूप में उभरा है, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने में।
  • वैश्विक संबंधों में संतुलन : भारत पश्चिमी देशों के साथ अपने बढ़ते संबंधों के साथ-साथ रूस के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को भी रणनीतिक रूप से प्रबंधित करता है।
  • जी20 में पारित ‘भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ ( IMEC) को लेकर जी7 देशों ने प्रतिबद्धता जताई। 

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

इटली: 

  • राजधानी: रोम
  • मुद्रा: यूरो
  • प्रधानमंत्री: जियोर्जिया मेलोनी
  • राष्ट्रपति: सर्जियो मैटरेल्ला

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