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वैश्विक नाइट्रस ऑक्साइड बजट 2024

Sat 15 Jun, 2024

संदर्भ :

  • ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (GCP) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार वर्ष 1980 से 2020 के बीच धरती को गर्म करने वाली नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) गैस के उत्सर्जन में 40% (प्रति वर्ष 3 मिलियन मीट्रिक टन N2O) की बढ़ोत्तरी हुई है।

प्रमुख बिंदु :

N2O के शीर्ष 5 उत्सर्जक : 

  • चीन (16.7%), भारत (10.9%), अमेरिका (5.7%), ब्राज़ील (5.3%) और रूस (4.6%)
  • भारत, चीन के बाद विश्व स्तर पर N2O का दूसरा  सबसे बड़ा उत्सर्जक है।
  • भारत में प्रति व्यक्ति नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन सबसे कम 0.8 किलोग्राम है।
  • अन्य शीर्ष  प्रति व्यक्ति उत्सर्जकों में चीन 1.3, अमेरिका 1.7, ब्राजील 2.5 और रूस 3.3 किलोग्राम है।
  • वायुमंडलीय N2O की सांद्रता 2022 में 336 भाग प्रति बिलियन तक पहुंच गई, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 25% अधिक है, जो जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) द्वारा किए गए अनुमान से अधिक है।

N2O उत्सर्जन स्रोत:

  • प्राकृतिक स्रोत: 2010 और 2019 के बीच N2O के वैश्विक उत्सर्जन में  11.8% का योगदान।
  • मानवजनित स्रोत : कृषि आधारित गतिविधियाँ मानव-जनित नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन के  74% का योगदान (मुख्य कारण रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग तथा कृषि भूमि पर पशु अपशिष्ट का प्रयोग) 
  • अन्य महत्वपूर्ण स्रोतों में उद्योग, दहन और अपशिष्ट उपचार शामिल हैं।
  • इस अध्ययन में शामिल 18 क्षेत्रों में से केवल यूरोप, रूस, आस्ट्रेलिया, जापान और कोरिया में नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है।
  • N2O एक ग्रीनहाउस गैस है, जो वातावरण को कार्बन डाइऑक्साइड से कहीं अधिक गर्म करती है।

नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)/हास गैस, या NOX

  • इसे आमतौर पर लाफिंग गैस के रूप में जाना जाता है,यह  एक रंगहीन, गंधहीन एवं गैर-ज्वलनशील गैस है
  • ज्वलनशील नहीं है, फिर भी यह ऑक्सीजन के समान ही दहन में सहायक है
  • जल में घुलनशील है। इसके वाष्प वायु से भारी होते हैं
  • उपयोग : दंत चिकित्सकों तथा चिकित्सा पेशेवरों द्वारा, खाद्य एरोसोल में प्रणोदक के रूप में, ऑटोमोटिव उद्योग में इंजन के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिये आदि में

ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (GCP) : 

  • वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और उनके कारणों का पता लगाने के लिए अध्ययन करता है।
  • गठन : 2001 
  • कार्यकारी निदेशक : डॉ. पेप कैनाडेल

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