28 May, 2025
वैश्विक नाइट्रस ऑक्साइड बजट 2024
Sat 15 Jun, 2024
संदर्भ :
- ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (GCP) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार वर्ष 1980 से 2020 के बीच धरती को गर्म करने वाली नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) गैस के उत्सर्जन में 40% (प्रति वर्ष 3 मिलियन मीट्रिक टन N2O) की बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रमुख बिंदु :
N2O के शीर्ष 5 उत्सर्जक :
- चीन (16.7%), भारत (10.9%), अमेरिका (5.7%), ब्राज़ील (5.3%) और रूस (4.6%)
- भारत, चीन के बाद विश्व स्तर पर N2O का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है।
- भारत में प्रति व्यक्ति नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन सबसे कम 0.8 किलोग्राम है।
- अन्य शीर्ष प्रति व्यक्ति उत्सर्जकों में चीन 1.3, अमेरिका 1.7, ब्राजील 2.5 और रूस 3.3 किलोग्राम है।
- वायुमंडलीय N2O की सांद्रता 2022 में 336 भाग प्रति बिलियन तक पहुंच गई, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 25% अधिक है, जो जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) द्वारा किए गए अनुमान से अधिक है।
N2O उत्सर्जन स्रोत:
- प्राकृतिक स्रोत: 2010 और 2019 के बीच N2O के वैश्विक उत्सर्जन में 11.8% का योगदान।
- मानवजनित स्रोत : कृषि आधारित गतिविधियाँ मानव-जनित नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन के 74% का योगदान (मुख्य कारण रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग तथा कृषि भूमि पर पशु अपशिष्ट का प्रयोग)
- अन्य महत्वपूर्ण स्रोतों में उद्योग, दहन और अपशिष्ट उपचार शामिल हैं।
- इस अध्ययन में शामिल 18 क्षेत्रों में से केवल यूरोप, रूस, आस्ट्रेलिया, जापान और कोरिया में नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है।
- N2O एक ग्रीनहाउस गैस है, जो वातावरण को कार्बन डाइऑक्साइड से कहीं अधिक गर्म करती है।
नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)/हास गैस, या NOX
- इसे आमतौर पर लाफिंग गैस के रूप में जाना जाता है,यह एक रंगहीन, गंधहीन एवं गैर-ज्वलनशील गैस है
- ज्वलनशील नहीं है, फिर भी यह ऑक्सीजन के समान ही दहन में सहायक है
- जल में घुलनशील है। इसके वाष्प वायु से भारी होते हैं
- उपयोग : दंत चिकित्सकों तथा चिकित्सा पेशेवरों द्वारा, खाद्य एरोसोल में प्रणोदक के रूप में, ऑटोमोटिव उद्योग में इंजन के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिये आदि में
ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (GCP) :
- वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और उनके कारणों का पता लगाने के लिए अध्ययन करता है।
- गठन : 2001
- कार्यकारी निदेशक : डॉ. पेप कैनाडेल