28 May, 2025
‘ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट 2024’
Fri 14 Jun, 2024
संदर्भ :
- संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) की 2024 की प्रमुख ‘ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट’ के अनुसार, 2023 की शुरुआत से मई 2024 के बीच वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 120 मिलियन लोग जबरन विस्थापन स्थिति में रह रहे थे।
महत्वपूर्ण बिंदु :
- शरणार्थियों, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों, अपने देश या मूल क्षेत्र को वापस लौटे लोगों, शरण चाहने वालों, राज्यविहीन लोगों और UNHCR के लिए चिंता का विषय बने अन्य लोगों की संख्या की गणना और उन पर नज़र रखने के लिए प्रति वर्ष ग्लोबल ट्रेंड्स प्रकाशित किया जाता है।
2023 में विस्थापन :
- 2023 के अंत तक 117.3 मिलियन की वृद्धि, 2022 के अंत की तुलना में 8 प्रतिशत या 8.8 मिलियन लोगों की वृद्धि दर्शाती है।
- पिछले 12 वर्षों से वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का क्रम जारी है।
- प्र्त्येक 69 लोगों में से एक या पूरी दुनिया की आबादी का 1.5 प्रतिशत हिस्सा अब जबरन विस्थापित है।
- यह एक दशक पहले विस्थापित होने वाले 125 लोगों में से 1 की संख्या से लगभग दोगुना है।
आंतरिक रूप से विस्थापित लोग
- 2023 के अंत तक, संघर्ष और हिंसा के कारण 68.3 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित है।
- सूडान में 9.1 मिलियन लोग विस्थापित हुए, जो अब तक की सबसे बड़ी आंतरिक रूप से विस्थापित आबादी है, इसके बाद सीरिया (7.2 मिलियन) और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (6.7 मिलियन) है।
भारत में शरणार्थियों की स्थिति:
- स्वतंत्रता के बाद से भारत ने पड़ोसी देशों के शरणार्थियों के विभिन्न समूहों को स्वीकार किया है, जिनमें शामिल हैं-
- 1947 के विभाजन से पाकिस्तान से शरणार्थी
- वर्ष 1959 में तिब्बती शरणार्थी
- वर्ष 1960 के दशक की शुरुआत वर्तमान बांग्लादेश से चकमा और हाजोंग
- वर्ष 1965 और 1971 में अन्य बांग्लादेशी शरणार्थी
- वर्ष 1980 के दशक में श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी
- म्याँमार के रोहिंग्या शरणार्थी, 2022
विश्व शरणार्थी दिवस :
- विश्व भर के शरणार्थियों के सम्मान हेतु संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है
- प्रत्येक वर्ष 20 जून को मनाया जाता है
- यह उन लोगों की शक्ति और साहस का जश्न मनाता है, जिन्हें संघर्ष या उत्पीड़न से बचने के लिए अपने देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (UNHCR) :
- एक वैश्विक संगठन है जो शरणार्थियों, जबरन विस्थापित समुदायों और राज्यविहीन लोगों के जीवन को बचाने, अधिकारों की रक्षा करने और उनके बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए समर्पित है।
- स्थापना : 1950
- मुख्यालय : जिनेवा, स्विटजरलैंड
- अध्यक्ष: फिलिपो ग्रांडी
- संस्थापक: संयुक्त राष्ट्र