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मौद्रिक नीति समिति (MPC) 2024

Fri 07 Jun, 2024

संदर्भ : 

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है।

प्रमुख बिंदु 

मौद्रिक नीति समिति 2024 द्वारा निर्धारित प्रमुख दरें :

दर स्तर
रेपो दर 6.5 %
स्थायी जमा सुविधा (SDF) 6.25 %
सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर 6.75%
रिवर्स रेपो दर 3.35%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR) 4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) 18.00%

महत्‍वपूर्ण तथ्‍य 

  • धारा 45ZB के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा गठित मौद्रिक नीति समिति (MPC) मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करती है।
  • संशोधित RBI अधिनियम, 1934 की धारा 45ZB के तहत, केंद्र सरकार को मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करने के लिए छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) गठित करने का अधिकार है। 
  • प्रथम एमपीसी का गठन 29 सितंबर, 2016 को गठित की गई थी।
  • समिति का वर्तमान अधिदेश 4% (+/- 2%) वार्षिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (CPI) दर को बनाए रखना है और यदि मुद्रास्फीति लगातार तीन तिमाहियों के लिए निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है तो समिति भारत सरकार के प्रति जवाबदेह है।

मौद्रिक नीति के उपकरण : 

  • तरलता समायोजन सुविधा (LAF) : बैंकों को पुनर्खरीद समझौतों (रेपो) के माध्यम से धन उधार लेने या रिवर्स रेपो समझौतों के माध्यम से आरबीआई को ऋण देने की अनुमति देती है।
  • रेपो दर: RBI बैंकों को उनकी अल्पकालिक वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन उधार देता है।
  • रिवर्स रेपो दर: वह ब्याज दर जिस पर रिजर्व बैंक LAF के अंतर्गत पात्र सरकारी प्रतिभूतियों के संपार्श्विक के विरुद्ध बैंकों से तरलता अवशोषित करता है।
  • स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर: वह दर जिस पर रिज़र्व बैंक सभी LAF प्रतिभागियों से एक रात के आधार पर बिना जमानत वाली जमाराशियाँ स्वीकार करता है।
  • सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर: वह दंडात्मक दर जिस पर बैंक अपने सांविधिक तरलता अनुपात (SLR) पोर्टफोलियो में से पूर्वनिर्धारित सीमा (2 प्रतिशत) तक की कटौती करके रिज़र्व बैंक से एक रात के लिए उधार ले सकते हैं। यह बैंकिंग प्रणाली को अप्रत्याशित तरलता झटकों के विरुद्ध सुरक्षा वाल्व प्रदान करता है।
  • बैंक दर: बैंक दर बैंकों पर उनकी आरक्षित आवश्यकताओं (नकद आरक्षित अनुपात और वैधानिक तरलता अनुपात) को पूरा करने में कमी के लिए लगाई जाने वाली दंडात्मक दर के रूप में कार्य करती है।
  • नकद आरक्षित अनुपात (CRR): CRR कुल जमा का एक प्रतिशत है जिसे बैंकों को RBI के पास तरल नकदी के रूप में बनाए रखना होता है।
  • खुले बाजार परिचालन (OMO): इसमें बैंकिंग प्रणाली में टिकाऊ तरलता के इंजेक्शन/अवशोषण के लिए आरबीआई द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों की एकमुश्त खरीद/बिक्री शामिल है।
  • सांविधिक तरलता अनुपात (SLR): यह जमाराशि का न्यूनतम प्रतिशत है जिसे वाणिज्यिक बैंक को तरल नकदी, सोना या अन्य प्रतिभूतियों के रूप में बनाए रखना होता है।

 मौद्रिक नीति समिति की संरचना :  

  • समिति में छह सदस्य होते हैं : RBI के तीन अधिकारी और भारत सरकार द्वारा नामित तीन बाहरी सदस्य, RBI गवर्नर समिति के अध्यक्ष (पदेन) होते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) : 

  • स्थापना : 1 अप्रैल, 1935 (भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार)
  • मुख्‍यालय : मुंबई 
  • राष्ट्रीयकरण : 1 जनवरी 1949
  • वर्तमान गवर्नर : शक्तिकांत दास

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