फिनटेक फर्मों के लिए स्व-नियामक संगठन ढांचा (SRO-FT) को मान्यता
 
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फिनटेक फर्मों के लिए स्व-नियामक संगठन ढांचा (SRO-FT) को मान्यता

Mon 03 Jun, 2024

संदर्भ : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिनटेक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्व-नियामक संगठनों (self-regulatory organisations in the financial technology, SRO-FT) को मान्यता देने के लिए अंतिम रूपरेखा जारी किया है, जिसमें संस्थाओं को फिनटेक क्षेत्र से प्रतिनिधि सदस्यता लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ।

फिनटेक फर्मों के लिए स्व-नियामक संगठन ढांचा (SRO-FT) 

SRO-FT में वर्तमान में RBI द्वारा विनियमित फिनटेक की सदस्यता हो सकती है, जिसमें गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां-खाता एग्रीगेटर (NBFC-AA), NBFC-पीयर-टू-पीयर (P2P) ऋण देने वाले प्लेटफॉर्म, बैंकों को छोड़कर अन्य शामिल हैं।

महत्वपूर्ण बिंदु

SRO-FT फ्रेमवर्क

  • यह रूपरेखा फिनटेक को उन संस्थाओं के रूप में परिभाषित करती है जो व्यवसायों और उपभोक्ताओं को वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की डिलीवरी के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करती हैं।
  • SRO-FT  नियामक मानकों को स्थापित करने और लागू करने, नैतिक आचरण को बढ़ावा देने, बाजार की अखंडता सुनिश्चित करने, विवादों को सुलझाने और अपने सदस्यों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रोत्साहित करने के लिए जिम्मेदार होगी।
  • फ्रेमवर्क में यह निर्दिष्ट किया गया है कि आवेदक की शेयरधारिता पर्याप्त रूप से विविधीकृत होनी चाहिए। यदि कोई संस्था अकेले या मिलकर आवेदक की चुकता शेयर पूंजी में 10% या उससे अधिक हिस्सेदारी रखती है तो आवेदक पात्र नहीं होगा।
  • SRO-FT के रूप में मान्यता के बाद एक वर्ष के भीतर या परिचालन शुरू होने से पहले, जो भी पहले हो, न्यूनतम निवल संपत्ति ₹2 करोड़ होनी चाहिए।
  • बोर्ड के कम से कम एक तिहाई सदस्य, जिसमें अध्यक्ष भी शामिल है, स्वतंत्र होने चाहिए तथा उनका किसी फिनटेक इकाई के साथ कोई सक्रिय संबंध नहीं होना चाहिए।
  • आवेदकों को SRO-FT के रूप में प्रभावी और निरंतर कार्य करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना करने की क्षमता का प्रदर्शन करना चाहिए।
  • इसमें 'उपयोगकर्ता को नुकसान' पहुंचाने वाले मामलों के प्रबंधन के लिए भी प्रणालियां स्थापित करने की आवश्यकता होगी, जिसमें धोखाधड़ी, गलत बिक्री, अनुचित व्यवहार, अनधिकृत लेनदेन या किसी अन्य प्रकार का कदाचार शामिल हो सकता है।
  • यद्यपि SRO भारत के बाहर शाखाएं या कार्यालय नहीं खोल सकता है, परंतु भारत के बाहर स्थित फिनटेक कंपनियां SRO की सदस्य बन सकती हैं।
  • मान्यता प्राप्त  SRO-FTs की संख्या प्राप्त आवेदकों की संख्या और प्रकृति पर निर्भर करेगी, और RBI को किसी भी आवेदन को मान्यता न देने का अधिकार है।
  • यदि आवश्यक समझा जाए तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), SRO-FT के बोर्ड में पर्यवेक्षकों को नामित या प्रतिनियुक्त कर सकता है।

उत्तरदायित्व

  • SRO-FT को RBI की निगरानी में निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए तथा क्षेत्र के स्वस्थ एवं सतत विकास के लिए प्रयास करना चाहिए।
  • एक फिनटेक SRO को चाहिए कि वह अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता तैयार करे, पारदर्शिता, प्रकटीकरण और डेटा गोपनीयता के लिए उद्योग मानदंड और आधारभूत प्रौद्योगिकी मानक स्थापित करे, विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए मानकीकृत दस्तावेज तैयार करे, फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में मान्यता के लिए एक तंत्र स्थापित करे, और जिम्मेदार विज्ञापनों और बाजार मानकों के लिए आचार संहिता तैयार करे।
  • SRO-FT के पास संहिताओं/मानकों/नियमों का पालन न करने पर अपने सदस्यों के विरुद्ध जांच करने तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त शक्तियां होनी चाहिए।
  • RBI के प्रति जिम्मेदारियों में क्षेत्र-विशिष्ट अंतर्दृष्टि देना, नियामक चिंताओं को संबोधित करना, क्षेत्र के विकास पर सहयोग करना, सहयोग को बढ़ावा देना, क्षेत्र की गतिशील प्रकृति के अनुसार नीति प्रदान करना, अपने सदस्यों की सामूहिक आवाज़ बनना, क्षेत्र के विकास पर नियमित अपडेट प्रदान करना और प्रासंगिक डेटा एकत्र करना और साझा करना शामिल है।

परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 

  • स्थापना: 1935
  • मुख्यालय: मुंबई, भारत
  • गवर्नर: शक्तिकांत दास

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