28 May, 2025
डब्ल्यूटीओ सब्सिडी विवाद
Sun 26 May, 2024
संदर्भ
- 23-24 मई को जिनेवा में डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की बैठक के दौरान डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के एक समूह ने भारत से विश्व व्यापार संगठन में चीनी सब्सिडी पर समय पर अधिसूचना प्रस्तुत करने का आग्रह किया ।
प्रमुख बिन्दु
- ब्राजील, कनाडा, कोस्टा रिका, पैराग्वे, न्यूजीलैंड, यूरोपीय संघ और ग्वाटेमाला आदि देश भी भारत की तरह प्रमुख चीनी निर्यातक हैं और उनका आरोप है कि भारत के समर्थन उपाय (कृषकों को दी जाने वाली सब्सिडी) वैश्विक चीनी व्यापार को विकृत करते हैं।
- भारत ने प्रत्युत्तर में कहा है कि भारत के केंद्र और राज्य सरकारों ने न तो किसानों से गन्ने का भुगतान किया और न ही उनसे गन्ने की खरीद की, क्योंकि सभी खरीद निजी चीनी मिलों द्वारा की गई थी, इसलिए, यह जानकारी घरेलू समर्थन की अधिसूचना में शामिल नहीं की गई थी।
- गौरतलब है कि यह चर्चा महत्वपूर्ण है क्योंकि 2022 में, भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के व्यापार विवाद निपटान पैनल के एक फैसले के खिलाफ अपील की है, जिसने फैसला सुनाया था कि चीनी और गन्ने के लिए देश के घरेलू समर्थन उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों के साथ असंगत हैं।
- अपनी अपील में, भारत ने कहा है कि डब्ल्यूटीओ के विवाद पैनल के फैसले ने गन्ना उत्पादकों और निर्यात को समर्थन देने वाली घरेलू योजनाओं के बारे में कुछ "गलत" निष्कर्ष निकाले हैं। फलतः पैनल के निष्कर्ष पूर्ण रूप से अस्वीकार्य हैं।
- इसके अलावा भारत की चीनी सब्सिडी को लेकर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने एक संयुक्त जवाबी अधिसूचना भी पेश की है।
- उनके अध्ययन के अनुसार, 2018-19 से 2021-22 तक की चार साल की अवधि में, भारत ने कृषि समझौते में निर्धारित सीमा से अधिक (गन्ने के कुल मूल्य का 10 प्रतिशत) गन्ने पर बाजार मूल्य समर्थन प्रदान किया है।
- इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि भारत 1995 के बाद से अपनी पिछली अधिसूचनाओं में इनमें से किसी भी सब्सिडी की रिपोर्ट करने में विफल रहा है।
- ब्राज़ील, कनाडा, कोस्टा रिका, पैराग्वे, न्यूज़ीलैंड, यूरोपीय संघ और ग्वाटेमाला आदि देशों ने उक्त अधिसूचना का समर्थन व्यक्त किया।
- भारत ने 2018 के विवाद में इस्तेमाल की गई पद्धति को चर्चा का आधार मानने से इनकार कर दिया है।
परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य
विश्व व्यापार संगठन (WTO)
- WTO को वर्ष 1947 में संपन्न हुए प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौते (General Agreement on Tariffs and Trade- GATT) के स्थान पर अपनाया गया।
- कार्य प्रारंभ :1 जनवरी 1995
- मुख्यालय :जिनेवा, स्विट्जरलैंड
- सदस्य : 164 देश एवं यूरोपीय यूनियन
- भारत GATT एवं WTO संस्थापक सदस्य बना : वर्ष 1947
भारत में चीनी उद्योग की वर्तमान स्थिति
- चीनी उद्योग कपास के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है।
गन्ने की वृद्धि के लिये भौगोलिक स्थितियाँ
- तापमान: गर्म और आर्द्र जलवायु के साथ 21-27 °C के मध्य।
- वर्षा: लगभग 75-100 सेमी।
- मृदा का प्रकार: गहरी समृद्ध दोमट मृदा।
- शीर्ष गन्ना उत्पादक राज्य: महाराष्ट्र> उत्तर प्रदेश> कर्नाटक।
- वितरण: चीनी उद्योग मोटे तौर पर उत्पादन के दो प्रमुख क्षेत्रों- उत्तर में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब तथा दक्षिण में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में स्थापित हैं।
- दक्षिण भारत में उष्णकटिबंधीय जलवायु है जो उत्तर भारत की तुलना में प्रति इकाई क्षेत्र में अधिक उपज देने के साथ उच्च सुक्रोज के लिये उपयुक्त है।