28 May, 2025
चाबहार पर भारत-ईरान का 10 वर्षीय समझौता
Wed 15 May, 2024
सन्दर्भ
- भारत ने ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन के लिए 10 साल के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह कॉन्ट्रैक्ट इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (Ports and Maritime Organization) के बीच किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस महत्वपूर्ण समझौते के बाद अब ईरान का चाबहार बंदरगाह अगले दस सालों तक भारत का हो गया है।
- भारत के इस कदम से देश को मध्य एशिया के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- इस मंत्रिस्तरीय यात्रा और दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे तथा अफगानिस्तान और व्यापक मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के प्रवेश द्वार के रूप में चाबहार का महत्व भी उजागर होता है।
चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट
- यह परियोजना का विकास भारत-ईरान की एक प्रमुख परियोजना है।
- ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह क्षेत्र और विशेष रूप से मध्य एशिया के लिए वाणिज्यिक पारगमन केन्द्र है।
- ईरान में चाबहार के जीवंत शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के माध्यम से आईएनएसटीसी एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक कॉरिडोर का उपयोग करके दो बाजारों को जोड़ेगा, जिससे लॉजिस्टिक लागत को युक्तिसंगत होगी, जो दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार की मात्रा में योगदान देगा।
- दरअसल भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच ट्रांजिट ट्रेड के केंद्र के रूप में स्थित यह बंदरगाह पारंपरिक सिल्क रोड के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है।
- यह पोर्ट व्यापार और निवेश के अवसरों के रास्ते खोलेगा और इससे भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
इस समझौते के लाभ
- चाबहार बंदरगाह समृद्ध मध्य एशियाई क्षेत्र को दक्षिण एशियाई बाजारों से जोड़ता है।
- यह व्यापार, आर्थिक सहयोग और दो भौगोलिक क्षेत्रों के बीच लोगों को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण के रूप में उभरा है।
- मध्य एशियाई बाजारों की संभावना के कारण, भारत की अगुवाई में आपस में जुड़ने से मध्य एशियाई देशों की हिन्द महासागर क्षेत्र में पहुंच को सुरक्षित और वाणिज्यिक दृष्टि से व्यवहार्य बना दिया है।
- यह न केवल आपस में सम्पर्क प्रदान करेगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों का आगे बढ़ाते हुए निवेश को भी आगे बढ़ाएगा।
- यह मध्य एशियाई क्षेत्र की पारगमन और परिवहन संभावना को भी विकसित करेगा और उनके लॉजिस्टिक नेटवर्क में सुधार करेगा।
- शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह की प्रगति व्यापार के तेजी से विकास में सहयोग करेगी और क्षेत्र में जीवन स्तर को बढ़ाएगी।
- इस बुनियादी ढांचे से क्षेत्र में व्यापार और निवेश की संभावनाओं का विस्तार होगा।
अमेरिका का रवैया
- भारत द्वारा ईरान में चाबहार बंदरगाह को चलाने के लिए 10 साल के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अमेरिका ने भारत को "प्रतिबंधों के संभावित जोखिम" (Potential risks of sanctions) की चेतावनी दी है।
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि संकीर्ण दृष्टिकोण का त्याग करके व्यापक रूप से इसे देखा जाना चाहिए। गौरतलब है कि इस परियोजना से पूरे क्षेत्र को लाभ होगा।
चाबहार बंदरगाह के बारे में
- चाबहार बंदरगाह दक्षिणपूर्वी ईरान में ओमान की खाड़ी में स्थित है।
- यह एकमात्र ईरानी बंदरगाह है जिसकी समुद्र तक सीधी पहुँच है।
- यह ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है।
- चाबहार बंदरगाह, मध्य एशियाई देशों के साथ भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा व्यापार का प्रवेश द्वार है।
परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य
ईरान
- राजधानी: तेहरान
- राष्ट्रपति: इब्राहिम रायसी
- सर्वोच्च नेता: अली खामेनेई