01 May, 2025
विश्व प्रवासी पक्षी दिवस
Sat 11 May, 2024
सन्दर्भ
- विश्व प्रवासी पक्षी दिवस आधिकारिक तौर पर कनाडा और अमेरिका में मई के दूसरे शनिवार (2024 में 11 मई) को मनाया जाता है, और मेक्सिको, मध्य और दक्षिण अमेरिका और कैरेबियन में अक्टूबर के दूसरे शनिवार (2024 में 12 अक्टूबर) को मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2024 का थीम है : प्रोटेक्ट इंसेक्ट्स ,प्रोटेक्ट बर्ड्स ।
- WMBD का आयोजन संयुक्त राष्ट्र की दो संधियों- जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय (CMS) और अफ्रीकी-यूरेशियन माइग्रेटरी वाटरबर्ड एग्रीमेंट (AEWA) एवं गैर-लाभकारी संगठन, एन्वायरनमेंट फॉर द अमेरिकाज़ (EFTA) के अंतर्गत किया जाता है।
पृष्ठभूमि
- वर्ष 1993 में अमेरिकी फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस, स्मिथसोनियन माइग्रेटरी बर्ड सेंटर और कॉर्नेल लेवोरेटरी ऑफ ऑर्निथोलॉजी ने संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी पक्षियों के स्वागत के उपलक्ष्य में इस दिवस को मनाना प्रारम्भ किया था।
- इसके बाद भी कई जगहों पर इससे कई छोटे-मोटे आयोजन होते रहे।
- लेकिन पहली बार 2006 में केन्या के लाईकिपिया में विश्व प्रवासी पक्षी दिवस AEWA और एक अन्य संस्था के सहयोग से आयोजन किया गया था।
- इस वर्ष के विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का फोकस कीड़े और प्रवासी पक्षियों के लिए उनका महत्व है, यह एक वैश्विक अभियान है जिसका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
- कीड़े कई प्रवासी पक्षी प्रजातियों के लिए ऊर्जा के आवश्यक स्रोत हैं, न केवल प्रजनन के मौसम के दौरान बल्कि उनकी व्यापक यात्राओं के दौरान भी और पक्षी प्रवास के समय, अवधि और समग्र सफलता को बहुत प्रभावित करते हैं।
- अपने प्रवास मार्गों पर, पक्षी पड़ावों के दौरान सक्रिय रूप से खेतों, जंगलों, आर्द्रभूमियों और विभिन्न आवासों में कीड़ों की तलाश करते हैं।
- पक्षियों के प्रवास का समय अक्सर रुकने वाले स्थानों पर कीड़ों की चरम बहुतायत के साथ मेल खाता है, जिससे पक्षियों को अपनी यात्रा जारी रखने से पहले अपने ऊर्जा भंडार को फिर से भरने के लिए पोषण की आपूर्ति होती है।
प्रवासी पक्षियों के लिए कुछ खतरे
- प्रदूषण -प्रदूषण न केवल स्थानीय रूप से प्रभावित पक्षियों, बल्कि प्रवासी पक्षियों के लिए भी हानिकारक है। भारी प्रदूषण उपयुक्त निवास स्थान को कम कर देता है, जिससे पक्षियों का प्रवास सफलतापूर्वक पूरा करना कठिन हो जाता है।
- अवैध शिकार -अवैध शिकार भी प्रवासी पक्षियों के लिए खतरा है।
- प्राकृतिक वास की हानि -अपर्याप्त खाद्य आपूर्ति हर साल पक्षियों के प्रवास के बीच भुखमरी का कारण बनती है।
- टकराव -हजारों प्रवासी पक्षी वसंत और पतझड़ दोनों के दौरान मध्य उड़ान में बाधाओं से टकराते हैं और इन टकरावों में से अधिकांश घातक चोटों का कारण बनते हैं।
संरक्षण के प्रयास
- वर्ष 2024 में विश्व प्रवासी पक्षी दिवस अभियान सक्रिय संरक्षण उपायों की आवश्यकता पर जोर देगा।
- इसमें कीटनाशकों और उर्वरकों के उपयोग को कम करना और जहां संभव हो, जैविक खेती पर स्विच करना शामिल है।
- अन्य उपायों में प्राकृतिक वनस्पति के क्षेत्रों को बनाए रखना और जोड़ना शामिल है जो कृषि परिदृश्य में पक्षियों और अन्य प्रजातियों के लिए भोजन और आश्रय प्रदान करते हैं।
- वर्ष 2024 में, विभिन्न गोलार्धों में पक्षी प्रवास की चक्रीय प्रकृति के अनुरूप, विश्व प्रवासी पक्षी दिवस दो दिन, 11 मई और 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
- यह अभियान जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन (सीएमएस), अफ्रीकी-यूरेशियाई प्रवासी जलपक्षी समझौता (एईडब्ल्यूए), अमेरिका के लिए पर्यावरण और ईएएएफपी का एक संयुक्त प्रयास है।
- इस साझेदारी में ईएएएफपी के जुड़ने से पूर्वी एशियाई-ऑस्ट्रेलियाई फ्लाईवे में प्रवासी पक्षियों के लिए जुड़ाव और जागरूकता मजबूत होगी।
भारत में प्रवासी पक्षियों का आगमन क्षेत्र
साइबेरियन क्रेन | भरतपुर , केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान |
अमूर फाल्कन | सर्दियों के मौसम में नगालैंड में डॉयंग झील |
डिनोइसेली क्रेन | राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके |
ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट | गुजरात, बसई, पुणे |
रोजी स्टार्लिंग | कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश |
महान सफेद पेलिकन | असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात |
ब्लूथ्रोट | राजस्थान में भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान |
ग्रेटर फ्लेमिंगो | नाल सरोवर पक्षी अभयारण्य, खेजडिया पक्षी अभयारण्य |
परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण तथ्य
नोट - प्रवासी प्रजातियों पर सम्मलेन अथवा बाॅन अभिसमय एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है।