ईरान और इजराइल जंग की आशंका
 
  • Mobile Menu
HOME
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




ईरान और इजराइल जंग की आशंका

Sat 13 Apr, 2024

सन्दर्भ

  • भारत ने अपने नागरिकों को “क्षेत्र में मौजूदा स्थिति" के मद्देनजर अगली सूचना तक ईरान या इज़राइल की यात्रा नहीं करने का निर्देश दिया है । भारत के अलावा अमेरिका समेत पांच देशों ने अपने-अपने नागरिकों के ट्रैवल एडवायजरी जारी की हैं। 
  • सभी देशों ने अपने नागरिकों से इन दोनों देशों की यात्रा से बचने की सलाह दी है। भारत, अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और जर्मनी ने भी ऐसी ही एडवायजरी जारी किए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास में विस्फोट में ईरानी जनरलों की हत्या के बाद दोनों प्रतिद्वंद्वी शक्तियों के बीच तनाव बढ़ रहा है ।
  • हाल ही में इजराइल के विदेश मंत्री ने धमकी दी कि अगर इस्लामिक रिपब्लिक ने अपने क्षेत्र से इजराइल के खिलाफ हमला किया तो देश की सेना सीधे ईरान पर हमला करेगी।
  • दोनों देशों के बीच तनाव इस सीमा तक बढ़ चुका है कि अमेरिकी सेना के अधिकारी इजराइल पहुंच चुके हैं। 
  • इन सब के बावजूद यदि ईरान ने पलटवार किया तो इजराइल को दो मोर्चों पर एक साथ जंग लड़नी पड़ सकती है।

पृष्ठभूमि

  • इज़रायल  एवं ईरान के सम्बन्धों की यदि बात की जाए तो ईरान ने वर्ष 1948 में ही इजराइल को मान्यता दे दी थी।
  • वर्ष 1948, मिडिल ईस्ट में फिलिस्तीन की जगह पर इजराइल नाम से एक नया यहूदी देश बना।
  • मिडिल ईस्ट के ज्यादातर मुस्लिम देशों ने इजराइल को मान्यता देने से इनकार कर दिया। 
  • इस वक्त तुर्किये के बाद ईरान दूसरा मुस्लिम राष्ट्र था, जिसने 1948 में ही उसे देश के तौर पर स्वीकार कर लिया।
  • उसी दौरान अमेरिका ने ईरान में चुनी हुई सरकार को गिरा कर शाह रजा पहलवी को राष्ट्रपति बनाकर कठपुतली सरकार का शासन शुरू किया।
  • ईरान में अमेरिका की कठपुतली सरकार के इजराइल से अच्छे संबंध थे। शाह की सत्ता के दौरान ईरान, इजराइल का मेन तेल सप्लायर रहा। वहीं इस दौरान दूसरे अरब देशों से इजराइल के कोई संबंध नहीं  थे।
  • मिडिल ईस्ट में इजराइल और तुर्किये के बाद ईरान तीसरा ऐसा देश था जहां यहूदियों की तादाद सबसे ज्यादा थी। करीब एक लाख यहूदी ईरान में रहते थे।
  • इसके अलावा दोनों देशों के मध्य संबंध इतने अच्छे थे कि ईरान की खुफिया एजेंसी सावाक को इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद से ट्रेनिंग मिलती थी।

इजराइल और ईरान के बीच वैमनस्यता की शुरुआत

  • ईरान की जनता द्वारा वर्ष 1979 की इस्लामिक क्रांति के माध्यम से ईरान में सत्ता परिवर्तन किया गया ।  यह क्रांति ईरान के धार्मिक नेता आयतुल्लाह खुमैनी नेतृत्व में ईरान के राष्ट्रपति शाह के अमेरिका एवं इज़राइल के प्रति अत्यंत सकारात्मक नीति के विरुद्ध हुई थी। 
  • अप्रैल 1979 में खुमैनी ने ईरान को इस्लामिक देश घोषित कर दिया। खुमैनी के नेतृत्व में ईरान में इस्लामिक राज्य की स्थापना हुई और शरिया कानून लागू हुआ।
  • आयतुल्लाह रोहुल्लाह खुमैनी के नेतृत्व वाली ईरान की नई सरकार ने इजराइल के साथ सभी संबंध तोड़ दिए।
  • इस्लामिक क्रांति के बाद 1948 से मित्र रहे दोनों देशों के लोग अब एक-दूसरे देश की यात्रा नहीं कर सकते थे। 
  • दोनों के बीच एयर रूट को बंद कर दिया गया था। तेहरान में इजराइली दूतावास को फिलिस्तीनी दूतावास में बदल दिया गया।

वर्तमान स्थिति कैसे निर्मित हुई ?

  • विदित हो कि ईरान और इजराइल लंबे समय से एक-दूसरे से प्रॉक्सी वॉर लड़ रहे हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच कभी सीधे तौर पर बड़ी जंग नहीं हुई है।
  • ईरान पर आरोप है कि वह अक्सर हमास और हिजबुल्लाह जैसे संगठनों के जरिए इजराइल या उसके दूतावास पर हमले करवाता है। 
  • वहीं, इजराइल इन हमलों का जवाब सीधे तौर पर हमास, हिजबुल्लाह या ईरानी ठिकानों पर हमला कर देता है।
  • 1 अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरानी एंबेसी के पास इजराइली सेना की एयरस्ट्राइक इसी प्रॉक्सी वॉर का हिस्सा था। 
  • इसमें ईरान के दो टॉप आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने इजराइल से बदला लेने की धमकी दी है।

इज़राइल के सहयोगी देश

  • अमेरिका ने घोषणा की है कि यदि ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला बोला तो वह इजरायल का साथ देगा। 
  • इसके अलावा ब्रिटेन ,सऊदी अरब इज़राइल का साथ दे सकते हैं । 

ईरान के सहयोगी देश

  • ईरान के पक्ष में इराक, सीरिया, लेबनान, तुर्किए, कतर, जॉर्डन आदि मुस्लिम देश खुलकर पक्ष में आ सकते हैं । 
  • रूस पहले से ही ईरान का सैन्य सहयोगी रहा है
  • इसके अलावा रूस अपने मित्र देश चीन और उत्तर कोरिया को भी ईरान के पक्ष में लामबंद कर सकता है। 
  • ऐसे में तृतीय विश्वयुद्ध की सम्भावना बनती हुई दिखाई देती हैं । 

परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण  तथ्य

ईरान

  • राजधानी: तेहरान
  • आधिकारिक भाषा: फ़ारसी
  • राष्ट्रपति: इब्राहिम रायसी
  • सर्वोच्च नेता: अली खामेनेई

इजराइल

  • राजधानी: यरूशलेम
  • आधिकारिक भाषा: हिब्रू
  • महाद्वीप: एशिया

Latest Courses