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'सतत विकास के लिए वित्तपोषण रिपोर्ट’ 2024

Thu 11 Apr, 2024

सन्दर्भ

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी 'सतत विकास के लिए वित्तपोषण रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि विकास के लिए जरूरी वित्तपोषण अंतर को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर राशि जुटाने को लेकर तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्रमुख बिंदु

  • इस रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर विकासशील देश कर्ज के बोझ और आसमान छूती उधारी लागत के कारण स्थायी विकास संकट से जूझ रहे हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना जे मोहम्मद के अनुसार सतत विकास लक्ष्यों के लिहाज से दुनिया एक चौराहे पर है और समय खत्म होता जा रहा है। पर्याप्त वित्तपोषण के बिना 2030 तक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सकता।
  • गौरतलब है कि विकास वित्तपोषण अंतर को पाटने के लिए लगभग 4.2 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है।
  • इसके अलावा इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा उन देशों में रहता है जहां सरकारें शिक्षा या स्वास्थ्य की तुलना में ब्याज भुगतान पर अधिक खर्च करती हैं। 
  • इसके अलावा, विकास निधि के प्रमुख स्रोत अब धीमे हो रहे हैं। 
  • उदाहरण के लिए, घरेलू राजस्व वृद्धि 2010 से रुकी हुई है, खासकर एलडीसी और अन्य कम आय वाले देशों में, आंशिक रूप से कर चोरी के कारण। 
  • रिपोर्ट के अनुसार, वैश्वीकरण और कर प्रतिस्पर्धा के कारण, कॉर्पोरेट आयकर दरें गिर रही हैं, वैश्विक औसत कर दरें 2000 में 28.2 प्रतिशत से घटकर 2023 में 21.1 प्रतिशत हो गई हैं। 
  • ओईसीडी देशों से आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) और जलवायु वित्त प्रतिबद्धताएं पूरी नहीं हो रही हैं जबकि ओडीए 2022 में बढ़कर 211 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो 2021 में 185.9 अरब डॉलर था।

वर्तमान समय की मांग

  • वर्तमान में एक नई सुसंगत प्रणाली की आवश्यकता है जो संकटों का जवाब देने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हो। 
  • विशेष रूप से मजबूत बहुपक्षीय विकास बैंकों के माध्यम से एसडीजी में निवेश को बढ़ाती हो और सभी देशों के लिए वैश्विक सुरक्षा जाल में सुधार कर सके।
  • विदित हो कि एसडीजी लक्ष्य हासिल करने के लिए केवल छह साल शेष रह गए हैं।
  •  यदि वर्तमान रुझान जारी रहता है, तो संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2030 और उसके बाद भी लगभग 600 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रहेंगे, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं हैं।

सतत विकास लक्ष्यों को प्रभावित करने वाले कारक

  • बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव
  • जलवायु आपदाएँ
  •  वैश्विक जीवन-यापन संकट इत्यादि

भारत की वर्तमान स्थिति

  • उपर्युक्त रिपोर्ट के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है, भारत तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है, यहां घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए किफायती श्रम शक्ति मौजूद है।
  • भारत में मेक इन इंडिया, उत्पाद आधारित प्रोत्साहन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आसान शर्तें और सिंगल विंडो शासन जैसी तमाम ऐसे प्रयास किये गए हैं, जिनकी वजह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारत में दिलचस्पी बढ़ रही है। इन कंपनियों के निवेश से भारत को फायदा हो रहा है। 
  • यूएन की इस रिपोर्ट के अनुसार भारत विदेशी निवेश का एक मजबूत प्राप्तकर्ता बना हुआ है, क्योंकि बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारत को वैकल्पिक विनिर्माण आधार के तौर पर स्वीकार रही हैं। 

परीक्षापयोगी तथ्य

  • नोट - वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में ‘2030 सतत् विकास हेतु एजेंडा’ के तहत सदस्य देशों द्वारा 17 विकास लक्ष्य अर्थात् एसडीजी (Sustainable Development goals-SDGs) तथा 169 प्रयोजन अंगीकृत किये गए हैं।

17 सतत विकास लक्ष्य

1.कोई गरीबी नहीं

2.शून्य भुखमरी

3.अच्छा स्वास्थ्य एवं खुशहाली

4.गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

5.लैंगिक समानता

6.स्वच्छ जल एवं स्वच्छता

7.सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा

8.अच्छा काम एवं आर्थिक उन्नति

9.उद्योग, नवाचार एवं बुनियादी ढांचा

10.असमानताओं में कमी

11.टिकाऊ शहर एवं समुदाय

12.जिम्मेदार उपभोग एवं उत्पादन

13.जलवायु कार्रवाई

14.जल के नीचे जीवन

15.भूमि पर जीवन

16.शांति,न्याय एवं मजबूत संस्थाएँ

17. लक्ष्यों के लिए साझेदारी

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